delhihighlight

बंजर जमीन पर भी बना सकते हैं करोड़ों, किसानों के लिए अलादीन का चिराग है इस फूल खेती

आज हम आपको एक बेहतर बिजनेस आइडिया दे रहे हैं। यह एक ऐसा व्यवसाय है जिसे एक जादुई व्यवसाय भी कहा जा सकता है। नुकसान की संभावना बहुत कम है। हम बात कर रहे हैं जादुई फूलों की खेती की। उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के बुंदेलखंड के किसान जादुई फूलों की खेती करके अपना भाग्य बदल रहे हैं।
 
Barren land

उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के बुंदेलखंड के किसान जादुई फूलों की खेती करके अपनी किस्मत बदल रहे हैं। उन्होंने बंजर जमीन पर जादुई फूल उगाकर अच्छा मुनाफा कमाया है। किसान बताते हैं कि जादुई फूलों की खेती करने से उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है और अब वे अपने परिवार की जरूरतें आसानी से पूरी कर सकते हैं।

आज हम आपको एक बेहतर बिजनेस आइडिया दे रहे हैं। यह एक ऐसा व्यवसाय है जिसे एक जादुई व्यवसाय भी कहा जा सकता है। नुकसान की संभावना बहुत कम है। हम बात कर रहे हैं जादुई फूलों की खेती की। उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के बुंदेलखंड के किसान जादुई फूलों की खेती करके अपना भाग्य बदल रहे हैं। इन फूलों से किसानों की आमदनी बढ़ रही है। इसे कैमोमाइल फूल के नाम से भी जाना जाता है। इन फूलों से आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक दवाएं बनाई जाती हैं, इसलिए निजी कंपनियों में इन फूलों की भारी मांग है।

कैमोमाइल (जादुई फूल) निकोटीन मुक्त होता है और पेट की बीमारियों के लिए रामबाण है। इन फूलों का उपयोग सौंदर्य उत्पाद बनाने के लिए भी किया जाता है। स्थानीय किसानों का कहना है कि आयुर्वेदिक कंपनियों में जादुई फूलों की मांग अधिक है। ऐसे में कई लोगों ने इन फूलों की खेती शुरू कर दी है।

जादुई फूल का उत्पादन और कमाई

बंजर जमीन पर भी जादुई फूल की बंपर पैदावार होती है। इन फूलों की खेती से किसान अपनी आर्थिक स्थिति सुधार सकते हैं। एक एकड़ जमीन में 5 क्विंटल जादुई फूल उग आते हैं वहीं एक हेक्टेयर में करीब 12 क्विंटल तक जादुई फूलों की पैदावार हो जाती है। इसकी लागत करीब 10,000-12,000 रुपये आती है और इसमें 5-6 गुना मुनाफा हासिल किया जा सकता है। इसकी फसल 6 महीने में तैयार हो जाती है यानी 6 महीने में किसान लाखों रुपये की कमाई कर सकते हैं। कुछ सालों तक इन फूलों की खेती करने से जल्द ही करोड़पति बन सकते हैं।

जादुई फूल के फायदे

जादुई फूलों को सुखाकर इनकी चाय भी बनाई जाती है। इसकी चाय से अल्सर और डायबिटीज जैसी बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है। स्किन रोगों में भी कैमोमाइल काफी फायदेमंद है। यह जलन, अनिद्रा, घबराहट और चिड़चिड़ापन के लिए बेहद फायदेमंद है। इसके फूल का उपयोग मोच, घाव, चोट, रैसेज और पेट की बीमारियों को दूर करने में किया जाता है।

कैसे करें जादुई फूलों की खेती

जादुई फूलों की खेती के लिए बंजर जमीन भी उपयोग में लाई जा सकती है। इसे उगाने के लिए विशेष प्रकार की जलवायु की जरूरत नहीं होती लेकिन बेहतर परिणाम के लिए इसे अच्छी जल निकासी वाली जमीन में उगाया जाता है। इसकी खेती के लिए सबसे पहले जमीन की अच्छी तरह से जुताई करनी होती है। इसके बाद जमीन में जैविक खाद मिलाई जाती है। बुवाई के बाद नियमित रूप से सिंचाई की जाती है और आवश्यकतानुसार कीटनाशक का प्रयोग किया जाता है।

बाजार में मांग और मुनाफा

जादुई फूलों की बाजार में भारी मांग है। खासकर आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक दवाओं की कंपनियों में इसकी मांग अधिक है। इसके अलावा सौंदर्य उत्पाद बनाने वाली कंपनियों में भी इन फूलों की मांग रहती है। जादुई फूलों की खेती से किसानों को अच्छा मुनाफा होता है। एक हेक्टेयर में करीब 12 क्विंटल तक जादुई फूलों की पैदावार होती है, जिससे किसान लाखों रुपये की कमाई कर सकते हैं। इसके अलावा इसके फूलों से चाय, तेल और अन्य उत्पाद बनाकर भी अच्छी आमदनी हो सकती है।