लाल साग की खेती से 25 दिनों में करें लाखों की कमाई, इस किसान से जानें सफलता का मंत्र

खेती का पारंपरिक तरीका अब धीरे-धीरे बदल रहा है। बिहार के अररिया जिले के किसान अब पारंपरिक फसलों से हटकर सब्जियों की खेती की ओर रुख कर रहे हैं। इससे उनकी आय बढ़ रही है और वे खेती को और अधिक लाभदायक बनाने के लिए नई तकनीक अपना रहे हैं। इसका जीता-जागता उदाहरण हैं अररिया के किसान मोहम्मद मदन जिन्होंने लाल सब्जियों की खेती कर न सिर्फ अपनी आमदनी बढ़ा ली है बल्कि दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा भी बन गये हैं.
लाल साग की खेती किसानों के लिए एक उभरता हुआ विकल्प है। ये साग पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं खासकर इनमें उच्च प्रोटीन सामग्री के कारण जो स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है। डॉक्टर भी इसे खाने की सलाह देते हैं. इस साग की खासियत यह है कि यह 25-30 दिन में तैयार हो जाता है और कम समय में अच्छी पैदावार देता है। इसके अलावा बाजार में लाल साग की भी काफी मांग है जिससे किसान अच्छी आय अर्जित कर सकते हैं।
लाल साग की बढ़ती मांग
लाल साग की खेती से मुनाफा अन्य फसलों की तुलना में अधिक होता है. खासकर जब बाजार में इसकी उपलब्धता कम हो जाती है तो इसकी कीमत और भी बढ़ जाती है. मोहम्मद मदन ने इस साल एक एकड़ जमीन पर लाल साग की खेती की है और अच्छा खासा मुनाफा कमाया है. लाल साग की खेती का फायदा यह है कि इसे उगने में ज्यादा समय नहीं लगता है और एक महीने के अंदर ही अच्छी पैदावार मिल जाती है.
मोहम्मद मदन बताते हैं कि सब्जी की खेती पारंपरिक फसलों की तुलना में अधिक लाभदायक है। लाल साग की खेती चुनने के पीछे उनका उद्देश्य अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधारना था। उन्होंने कहा कि एक एकड़ में लाल साग लगाने से एक माह में अच्छी पैदावार होती है और उन्हें इसका सीधा आर्थिक लाभ हुआ है.
सब्जी की खेती में संभावनाएँ
अररिया में किसान अब पारंपरिक फसलों के साथ-साथ सब्जियां भी उगा रहे हैं. इससे उनकी आय कई गुना बढ़ रही है. सब्जियां उगाने में लागत कम है लेकिन मुनाफा ज्यादा है। मोहम्मद मदन की तरह अन्य किसान भी अब लौकी कद्दू ककड़ी झींगा साग टमाटर और फूलगोभी जैसी सब्जियां उगा रहे हैं जिनकी बाजार में काफी मांग रहती है।
खासकर खीरे की खेती किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रही है क्योंकि बाजार में इसकी लगातार मांग बनी रहती है. खीरे की खेती से किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. सब्जियां उगाने का एक और फायदा यह है कि इसमें समय कम लगता है और उत्पादन भी तेजी से होता है।
लाल हरी खेती के फायदे
लाल साग की खेती का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें ज्यादा लागत नहीं आती और यह जल्दी तैयार हो जाती है. इसके अलावा हरी सब्जियों में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है जो उन्हें बेहद स्वास्थ्यवर्धक बनाती है। बाजार में इसकी मांग लगातार बनी रहती है जिससे किसानों को अच्छी कीमत मिलती है।
लाल साग की खेती की सबसे खास बात यह है कि इसे उगाने के लिए ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं होती है। इसे सिर्फ सही समय पर पानी और उर्वरक का उपयोग करके आसानी से उगाया जा सकता है। वहीं अगर आप जैविक तरीके से लाल साग उगाते हैं तो कीमत और भी बढ़ जाती है क्योंकि जैविक सब्जियों के बाजार में अच्छे दाम मिलते हैं।
खेती की नई तकनीक अपनाएं
अररिया में किसान अब पारंपरिक खेती के तरीकों से हटकर नई तकनीकों को अपना रहे हैं। इससे उनकी उत्पादन क्षमता बढ़ी है और वे अधिक मुनाफा कमा रहे हैं। किसान अब बड़े पैमाने पर लाल साग के साथ-साथ अन्य सब्जियां भी उगा रहे हैं। सब्जियों की खेती में कम समय में अधिक मुनाफा कमाने की संभावनाएं होती हैं और यही कारण है कि अब पारंपरिक फसलों की जगह सब्जियों की खेती का चलन बढ़ रहा है।
लाल साग उगाने के लिए सुझाव
सही समय पर बुआई : लाल साग की बुआई का सही समय बेहद जरूरी है। इसे उगाने का सबसे अच्छा समय गर्मियों के शुरुआती महीने हैं। इस दौरान पैदावार अच्छी होती है और बाजार में मांग अधिक होती है.
उर्वरक एवं जल प्रबंधन: लाल साग की अच्छी पैदावार के लिए सही मात्रा में उर्वरक एवं पानी का प्रयोग करना जरूरी है। जैविक खाद का प्रयोग करें तथा समय-समय पर पानी का छिड़काव करते रहें।
बाजार को जानें: लाल साग की खेती से अच्छा मुनाफा कमाने के लिए जरूरी है कि आप बाजार की मांग पर नजर रखें. आप साग-सब्जियों को सही समय पर बाजार में बेचकर अधिक मुनाफा कमा सकते हैं.