गेहूं छोड़ किसान ने शुरू की लाल गोभी की खेती, इंग्लैंड से मँगवाया बीज, बाजार में मिलता है तीन गुना अधिक दाम

Cultivation of Red Cabbage किसान राहुल कुमार चौधरी ने अपने खेतों में इंग्लैंड से मंगाई गई लाल गोभी की खेती करके एक नई मिसाल कायम की है। इस विशेष गोभी की खेती उन्होंने मुजफ्फरपुर बिहार में की है।शहर में इसकी मांग लगातार बढ़ रही है। आमतौर पर पत्तागोभी हरे रंग की होती है लेकिन राहुल द्वारा उगाई गई गोभी का रंग पूरी तरह लाल होता है जो इसे बाजार में अलग और आकर्षक बनाता है।
राहुल कुमार चौधरी बताते हैं कि उन्होंने इंग्लैंड नस्ल की गोभी ऑनलाइन ऑर्डर की थी। इस गोभी की खेती करने का तरीका देशी गोभी की तरह ही है लेकिन इसकी विशेषता इसका लाल रंग है। यह गोभी स्थानीय सब्जी मंडी में और शहर के मॉल्स में भी बिकती है और इसकी कीमत 30 रुपये प्रति किलो तक जाती है। इसके विपरीत सामान्य हरी गोभी केवल 10 रुपये प्रति किलो में बिकती है।
राहुल ने एक एकड़ जमीन में इस गोभी की खेती की है जिसमें उनकी लागत करीब 10000 रुपये प्रति एकड़ आई। इसके बावजूद वह इस खेती से 60000 से 70000 रुपये तक का मुनाफा कमा रहे हैं। यह मुनाफा देशी गोभी की खेती की तुलना में बहुत ज्यादा है।
लाल गोभी की बढ़ती मांग
मुजफ्फरपुर और उसके आस-पास के क्षेत्रों में इस इंग्लैंड नस्ल की गोभी की मांग तेजी से बढ़ रही है। शहर के कई बड़े मॉल्स और सुपरमार्केट्स ने इस लाल गोभी को अपने ग्राहकों के लिए उपलब्ध कराया है। सब्जी मंडियों में भी इस गोभी की अच्छी खासी बिक्री हो रही है। खासकर फेस्टिवल सीजन में इस गोभी की डिमांड और बढ़ जाती है क्योंकि इसके रंग और स्वाद दोनों की सराहना की जाती है।
लागत कम मुनाफा ज्यादा
राहुल कुमार चौधरी ने अपनी खेती में नए प्रयोग करके यह साबित किया है कि अगर किसान नई तकनीकों और विशेष नस्लों का उपयोग करें तो वह बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं। इस नस्ल की खेती करने में मेहनत की लागत कम है और मुनाफा ज्यादा होता है जो इसे एक आकर्षक विकल्प बनाता है। राहुल का मानना है कि कृषि में नई सोच और प्रयोगशीलता से ही किसान अपनी आय में बढ़ोतरी कर सकते हैं।
उन्नतशील खेती के लिए सम्मानित किसान
राहुल कुमार चौधरी को उनकी उन्नतशील खेती के लिए दो बार सर्वश्रेष्ठ कृषि प्रदर्शन पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। 2002 में उन्हें मुख्यमंत्री द्वारा और 2016 में प्रधानमंत्री द्वारा यह सम्मान दिया गया था। उन्होंने केवल इंटरमीडिएट तक ही पढ़ाई की है लेकिन खेती के क्षेत्र में उन्होंने जो सफलता हासिल की है वह प्रेरणादायक है। खेती के साथ-साथ वह कृषि के मास्टर ट्रेनर भी हैं जो किसानों को नई तकनीकों और विकसित नस्लों के उपयोग के बारे में सिखाते हैं।
खेती में नई तकनीक और नस्लों का उपयोग
राहुल कुमार चौधरी का मानना है कि अगर किसान अपनी सोच को आधुनिक बनाएं और नई तकनीक तथा नस्लों का उपयोग करें तो वे खेती में उच्च लाभप्रदता और सफलता प्राप्त कर सकते हैं। इंग्लैंड नस्ल की यह लाल गोभी इसकी एक जीती-जागती मिसाल है। इस गोभी का अनोखा रंग और स्वाद न केवल इसे बाजार में लोकप्रिय बना रहा है बल्कि इसके माध्यम से किसानों को भी बेहतर मुनाफा मिल रहा है।
किसानों के लिए प्रेरणा
राहुल कुमार चौधरी की यह कहानी हमें सिखाती है कि अगर किसान मेहनत और नवीनता के साथ काम करें तो कृषि के क्षेत्र में बड़ी सफलता प्राप्त कर सकते हैं। उनकी प्रेरणा और मेहनत ने उन्हें वहां तक पहुंचाया है जहां वह आज अपने परिवार और समुदाय के लिए एक आदर्श बने हुए हैं।