नकली बीज के कारण किसान ने खड़ी फसल पर चलाया ट्रैक्टर, 80 हजार रुपये का नुकसान

Delhi highlights (ब्यूरो)। हरियाणा के सिरसा जिले के चोपटा खंड के गांव जमाल में ग्वार की फसल (guar crop) बर्बाद होने से परेशान एक किसान ने दो एकड़ की खड़ी फसल को ट्रैक्टर चलाकर नष्ट कर दिया। किसान लीलूराम बैनीवाल का दावा है कि नकली बीज की वजह से उसकी ग्वार की फसल में फली ही नहीं लगी जिसके कारण उत्पादन असंभव था। इस नुकसान से किसान को भारी आर्थिक चोट लगी है जिससे वह प्रशासन से दोषी बीज कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहा है।
नकली बीज ने किसान को किया बर्बाद
लीलूराम ने बताया कि उसने 35,000 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से 6 एकड़ जमीन ठेके पर ली है। इसके अलावा वह अपनी 19 एकड़ जमीन पर खेती कर रहा है। किसान ने लगभग साढ़े चार एकड़ में बीटी नरमा साढ़े चार एकड़ में मूंगफली और बाकी जमीन पर ग्वार की फसल बोई थी। लीलूराम ने अपनी 2 एकड़ जमीन पर कंपनी का बीज इस्तेमाल किया जबकि बाकी जमीन पर घर के बीज से खेती की। लेकिन जहां घर के बीज से खेती की गई फसल अच्छी खड़ी है वहीं कंपनी का बीज पूरी तरह से फेल हो गया। उसकी ग्वार की फसल में अभी तक फली नहीं लगी है जिससे उत्पादन असंभव हो गया।
बीज के नकली होने का आरोप लगाते हुए किसान ने बताया कि वह फसल से निराश होकर मजबूरी में ट्रैक्टर चलाकर उसे नष्ट करने पर मजबूर हुआ। फसल को बचाने के लिए किए गए सभी प्रयासों के बावजूद बीज ने कोई परिणाम नहीं दिया।
80 हजार रुपये का हुआ नुकसान
किसान लीलूराम बैनीवाल ने बताया कि उसने 35,000 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से 2 एकड़ जमीन का ठेका 70,000 रुपये में लिया। इसके बाद उसने 600 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से ग्वार का बीज खरीदा और 2 एकड़ जमीन पर 5 किलोग्राम बीज का उपयोग किया जिसकी कुल कीमत 3,000 रुपये थी। बीज की खरीदारी के बाद खेती के अन्य खर्चों में बिजाई, कीटनाशकों का छिड़काव और फसल की देखरेख शामिल थी। लीलूराम ने बताया कि उसने फसल की सुरक्षा के लिए चार बार कीटनाशकों का छिड़काव भी किया लेकिन इन सभी खर्चों और प्रयासों के बावजूद उसे कोई फसल प्राप्त नहीं हुई। कुल मिलाकर किसान को इस पूरे मामले में लगभग 80,000 रुपये का नुकसान हो चुका है।
नकली बीज बेचने वालों पर कार्रवाई की मांग
किसान लीलूराम ने प्रशासन से मांग की है कि वह उन कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे जो नकली बीज बेचकर किसानों को बर्बाद कर रही हैं। नकली बीज की वजह से न केवल किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है बल्कि उनकी मेहनत और समय भी बर्बाद हो रहा है। ऐसे में प्रशासन से उम्मीद है कि वह इस मामले की जांच कर दोषी कंपनियों के खिलाफ ठोस कदम उठाएगा ताकि भविष्य में किसी और किसान को इस तरह की समस्याओं का सामना न करना पड़े।
कृषि अधिकारी ने दी सलाह
कृषि विकास अधिकारी डॉ शैलेंद्र सहारण का कहना है कि इस समय बारिश के मौसम में ग्वार की फसल पर फंगस का प्रकोप हो सकता है जिससे फसल खराब हो सकती है। हालांकि उन्होंने कहा कि उन्हें ग्वार की फसल नष्ट करने की कोई जानकारी नहीं है और यदि फसल खराब हो रही है तो उसकी जांच करवानी चाहिए। किसानों को फसल उखाड़ने की जल्दी नहीं करनी चाहिए और उन्हें बीज, खाद और दवाइयां खरीदने के बिल को हमेशा सुरक्षित रखना चाहिए ताकि किसी भी विवाद की स्थिति में उन्हें अपनी बात साबित करने में परेशानी न हो।