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किसानों की बल्ले-बल्ले, सरसों के भाव में तूफानी तेजी, जानें आगे कितनी बढ़ सकती हैं कीमतें

 
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पिछले कुछ दिनों से सरसों के बाजार में अप्रत्याशित तेजी देखने को मिल रही है। खाद्य तेलों पर आयात ड्यूटी बढ़ने की खबरें और सरसों की आवक में भारी कमी के चलते सरसों के भाव में तेजी का तूफान जारी है। मंगलवार और बुधवार को ही गोयल कोटा प्लांट पर सरसों के दाम 600 रुपये तक बढ़ चुके हैं। जयपुर में सरसों का तेल भी एक ही दिन में 56 रुपये प्रति 10 किलो बढ़ा जो इस बात का संकेत है कि सरसों की उपलब्धता बेहद सीमित है।

अगर यही स्थिति रही तो सरसों के दाम 2022 के उच्चतम स्तर को भी पार कर सकते हैं। बाजार में व्यापारी और किसान दोनों इस अप्रत्याशित तेजी से हैरान हैं लेकिन यह जरूरी है कि किसान इस समय अपनी फसल का सही मूल्य प्राप्त करें।

ताजा बाजार अपडेट

बाजार में वर्तमान माहौल पूरी तरह से सरसों की तेजी के पक्ष में है। जयपुर में 42 कंडीशन की सरसों 6725 रुपये प्रति क्विंटल पर खुली और दिन के अंत तक 6800 रुपये तक पहुंच गई। सरसों तेल की बात करें तो कच्ची घानी सरसों तेल का भाव पहली बार एक ही दिन में 56 रुपये बढ़कर 1352 रुपये प्रति 10 किलो तक हो गया।

इस तेजी की बड़ी वजह प्लांटों की बढ़ती खरीदारी है। प्लांट्स को दिवाली और अन्य त्योहारों की मांग को पूरा करने के लिए अधिक मात्रा में सरसों चाहिए लेकिन सरसों की आवक घटकर 265000 बोरी रह गई है। भरतपुर मंडी में भी इसी तरह का उछाल देखा गया जहां सरसों के दाम 6465 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गए।

प्लांटों पर खरीद से बढ़ी तेजी

बुधवार को सलोनी प्लांट पर सरसों का भाव 7300 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया। यह साल 2023 का उच्चतम स्तर था। आगरा में बीपी और शारदा प्लांट पर सरसों के दाम क्रमशः 7000 और 6975 रुपये रहे। अदानी अलवर और बूंदी प्लांट पर सरसों का रेट 6800 रुपये रहा जोकि एक दिन में 100 रुपये की तेजी दर्शाता है।

हाजिर मंडियों के ताजा भाव

हाजिर मंडियों में भी सरसों के दामों में जबरदस्त तेजी देखी गई है। मुख्य मंडियों में सरसों के भाव इस प्रकार रहे:

श्री गंगानगर: 5400-6108 रुपये
बीकानेर: 5000-5841 रुपये
देवली (टोंक): 5500-6560 रुपये
संगरिया: 5756-6165 रुपये
गजसिंहपुर: 5773-6139 रुपये
जैतसर: 6500 रुपये
ऐलनाबाद: 6177 रुपये
सिरसा: 5600-6150 रुपये

तेजी की वजह

तेजी का सबसे बड़ा कारण सरसों की कमी है। प्लांट्स को अच्छी गुणवत्ता वाली सरसों नहीं मिल पा रही है जिससे बाजार में प्रतिस्पर्धात्मक खरीदारी बढ़ गई है। वर्तमान में सरसों की आवक 265000 बोरी तक गिर गई है जो इस बात का संकेत है कि आने वाले दिनों में सरसों की उपलब्धता और कम हो सकती है।

सोयाबीन के बाजार का हाल

सोयाबीन के अंतरराष्ट्रीय बाजार में दबाव है। अमेरिका में अनुकूल मौसम के चलते वहां सोयाबीन का उत्पादन अच्छा होने की उम्मीद है। हालांकि भारत में भारी बारिश के चलते सोयाबीन के उत्पादन में गिरावट का अनुमान है जिससे यहां के बाजार में तेजी देखी जा रही है। महाराष्ट्र के कीर्ति प्लांट में सोयाबीन का रेट 4680 रुपये से बढ़कर 4800 रुपये तक पहुंच गया है।

विदेशी बाजारों का हाल

मलेशिया में पाम ऑयल के बाजार में थोड़ी कमजोरी देखने को मिल रही है। कमजोर निर्यात और स्टॉक बढ़ाने की खबरों के चलते वहां पाम ऑयल के दाम गिरे हैं। मलेशिया के बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज पर नवंबर डिलीवरी के लिए बेंचमार्क पाम ऑयल अनुबंध 3864 रिंगिट प्रति मीट्रिक टन पर कारोबार कर रहा है। वहीं अमेरिकी बाजार शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड पर सोया तेल में 1% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है।

क्या सरसों का रेट 8000 तक जा सकता है?

बाजार में यह चर्चा शुरू हो गई है कि क्या सरसों के दाम 8000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच सकते हैं। वर्तमान में बाजार सट्टा बाजार की तरह काम कर रहा है जहां फंडामेंटल्स से ज्यादा सेंटीमेंट का असर है। हालांकि 8000 रुपये के भाव तक पहुंचना अभी बहुत दूर की बात है।

खाद्य तेलों पर आयात ड्यूटी बढ़ाने की खबरें अभी तक सिर्फ अफवाह ही साबित हुई हैं। यदि यह अफवाह समाप्त हो जाती है तो बाजार में गिरावट आ सकती है। हालांकि सरसों की कमी के चलते यह गिरावट भी धीरे-धीरे आएगी। ऐसे में किसानों को अपनी फसल बेचने का सही समय मिल सकता है।