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धान की सरकारी खरीद 1 अक्टूबर से होगी शुरू, बढ़ती आवक देख किसान और आढ़ती परेशान

हरियाणा में धान की सरकारी खरीद 23 अक्टूबर से शुरू करने का निर्णय लिया गया था लेकिन अब सरकार ने तारीख बदलकर इसे 1 अक्टूबर कर दिया है। हालांकि इस देरी से मंडियों में पहले से ही धान की बड़ी मात्रा में आवक हो रही है जिससे मंडी में धान के ढेर लग गए हैं।
 
paddy government purchase

हरियाणा के किसानों के लिए इस बार धान की फसल का सीजन कुछ समस्याओं से भरा हुआ है। खेतों में धान की फसल पककर तैयार हो चुकी है और बड़ी संख्या में किसान धान लेकर मंडियों में पहुंच रहे हैं। लेकिन सरकारी खरीद में देरी से किसानों और आढ़तियों दोनों की परेशानी बढ़ गई है। अंबाला की अनाज मंडी में धान की आवक लगातार बढ़ रही है जिससे मंडी में धान के ढेर लग गए हैं। इससे न सिर्फ किसानों को बल्कि आढ़तियों को भी चिंता सताने लगी है।

सरकारी खरीद में देरी क्यों?

हरियाणा में इस साल धान की सरकारी खरीद 23 अक्टूबर से शुरू करने का निर्णय लिया गया था लेकिन अब सरकार ने तारीख बदलकर इसे 1 अक्टूबर कर दिया है। हालांकि इस देरी से मंडियों में पहले से ही धान की बड़ी मात्रा में आवक हो रही है जिससे मंडी में धान के ढेर लग गए हैं। इसके अलावा मौसम का भी डर किसानों के सिर पर मंडरा रहा है। अगर बारिश हुई तो खुले में रखी धान की फसल खराब हो सकती है जिससे किसानों को भारी नुक़सान उठाना पड़ेगा।

अंबाला मंडी में धान की आवक

अंबाला की अनाज मंडी में इन दिनों धान की भारी आवक हो रही है। मंडी में जगह-जगह धान के ढेर लगे हुए हैं। किसानों ने यहां धान लेकर आने का सिलसिला तेज कर दिया है। मंडी इंस्पेक्टर मीनाक्षी गर्ग ने बताया कि अब तक 18 हजार क्विंटल धान मंडी में आ चुका है। हालांकि सरकारी खरीद की शुरुआत में देरी होने के कारण किसानों को मंडी में अपनी फसल खुले में रखने को मजबूर होना पड़ रहा है जिससे फसल खराब होने का ख़तरा बना हुआ है।

किसानों की मांग: जल्द शुरू हो सरकारी खरीद

अंबाला मंडी में धान की फसल लेकर पहुंचे किसानों ने सरकार से सरकारी खरीद जल्द से जल्द शुरू करने की मांग की है। किसानों का कहना है कि देरी से मंडी में धान के ढेर जमा हो गए हैं और बारिश की स्थिति में फसल खराब हो सकती है। ऐसे में किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ेगा। किसानों ने इस बात पर जोर दिया कि सरकारी खरीद प्रक्रिया को समय पर शुरू किया जाना चाहिए ताकि उन्हें राहत मिल सके और फसल सही तरीके से बिक सके।

आढ़तियों को भी हो रही परेशानी

धान की सरकारी खरीद में देरी से आढ़तियों को भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। मंडी में जगह की कमी और धान के ढेर लगने से आढ़तियों को फसल के रखरखाव में परेशानी हो रही है। मंडी में खुले में रखी फसल के कारण आढ़तियों को भी चिंता सता रही है कि अगर बारिश हुई तो नुकसान उठाना पड़ेगा।

मंडी प्रशासन की तैयारियां

मंडी इंस्पेक्टर मीनाक्षी गर्ग ने बताया कि मंडी में धान की आवक को ध्यान में रखते हुए सभी जरूरी व्यवस्थाएं की जा रही हैं। सरकार ने 1 से 15 अक्टूबर तक धान खरीद का शेड्यूल जारी किया है और इसके लिए मंडियों में तैयारियां पूरी की जा रही हैं। मंडी में आने वाले किसानों को किसी भी तरह की परेशानी न हो इसके लिए मूलभूत सुविधाएं जैसे पानी छांव और ट्रॉली स्टैंड की व्यवस्था की जा रही है।