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Gulabi Bhindi: बारिश के बीच खेतों में उगाइए गुलाबी भिंडी, कम समय में बन जाएंगे लखपति

गुलाबी भिंडी में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो शरीर को रोगों से लड़ने में मदद करते हैं। यह भिंडी विटामिन का भी अच्छा स्रोत है जो शरीर के लिए आवश्यक है। इसके अलावा गुलाबी भिंडी बीपी को नियंत्रित करने में भी सहायक होती है जो इसे एक स्वास्थ्यवर्धक सब्जी बनाती है।
 
Gulabi Bhindi

Gulabi Bhindi ki Kheti : अगर आप एक किसान हैं और अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए कुछ नया करने की सोच रहे हैं तो यह खबर आपके लिए बहुत  है। आज हम आपको एक ऐसी सब्जी की खेती के बारे में बताएंगे जो आपको कुछ ही दिनों में लखपति बना सकती है। इस सब्जी की मांग बाजार में काफी बढ़ रही है और इसकी खेती से किसानों को अच्छा मुनाफा मिल सकता है। इस सब्जी का नाम है गुलाबी भिंडी जो न केवल स्वादिष्ट होती है बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है।

गुलाबी भिंडी के फायदे

गुलाबी भिंडी में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो शरीर को रोगों से लड़ने में मदद करते हैं। यह भिंडी विटामिन का भी अच्छा स्रोत है जो शरीर के लिए आवश्यक है। इसके अलावा गुलाबी भिंडी बीपी को नियंत्रित करने में भी सहायक होती है जो इसे एक स्वास्थ्यवर्धक सब्जी बनाती है। इसकी अनोखी गुलाबी रंगत और पोषक तत्वों के कारण यह भिंडी बाजार में हरी भिंडी की अपेक्षा अधिक मांग में है।

गुलाबी भिंडी की बुवाई कैसे करें?

गुलाबी भिंडी की खेती के लिए आपको कुछ खास तैयारियों की जरूरत होती है। इस भिंडी की दो प्रमुख प्रजातियाँ हैं- रेड बरगंडी और एमरेल्ड ओकरा जो अधिकांश बाजार में पाई जाती हैं। अगर आप इस अनोखी भिंडी की खेती करना चाहते हैं तो आपको एक एकड़ जमीन के लिए लगभग डेढ़ किलोग्राम बीज की जरूरत होगी। बीज की बुवाई 5 से 7 सेंटीमीटर गहराई पर करें ताकि आपको अच्छा उत्पादन मिल सके।

मिट्टी और खाद का चयन

गुलाबी भिंडी की खेती के लिए मिट्टी का चयन करते समय खास ध्यान देना चाहिए। ऐसी मिट्टी का चयन करें जिसमें पानी अधिक समय तक न रुके क्योंकि अत्यधिक नमी से फसल को नुकसान हो सकता है। साथ ही उर्वरक का उपयोग भी नियंत्रित मात्रा में करना चाहिए ताकि भिंडी का रंग खराब न हो।

एक एकड़ में बुवाई करने के बाद 15 से 20 टन गोबर की खाद या 10 टन वर्मी कंपोस्ट का उपयोग करें। इससे मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होता है और फसल को आवश्यक पोषण मिलता है। आप 5 से 6 टन मुर्गी की खाद भी इसमें मिलाकर उपयोग कर सकते हैं जिससे पैदावार बेहतर होती है।

गुलाबी भिंडी की बुवाई के 25 से 30 दिनों में ही फूल आने शुरू हो जाते हैं और लगभग 55 दिनों के बाद फसल तैयार हो जाती है। इस समय में फसल की देखभाल बहुत  होती है। पानी का उचित प्रबंधन और नियमित निरीक्षण से आप बेहतर परिणाम पा सकते हैं।

गुलाबी भिंडी का बाजार मूल्य हरी भिंडी से अधिक होता है। एक एकड़ में आप लगभग 50 से 60 क्विंटल भिंडी आराम से प्राप्त कर सकते हैं। वर्तमान में हरी भिंडी का बाजार मूल्य लगभग ₹40 प्रति किलो है जबकि गुलाबी भिंडी की कीमत इससे अधिक होती है। अगर हम ₹40 प्रति किलो के हिसाब से भी गणना करें तो एक एकड़ में आप ₹240000 का मुनाफा आसानी से कमा सकते हैं।