MSP on Soybean : किसानों के लिए बड़ा तोहफा, इन 3 राज्यों में एमएसपी पर होगी सोयाबीन खरीद

Delhi highlights (ब्यूरो)। केंद्र सरकार ने सोयाबीन किसानों के हितों की सुरक्षा के लिए कदम उठाते हुए महाराष्ट्र, कर्नाटक और तेलंगाना से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर सोयाबीन की खरीद का ऐलान किया है। यह निर्णय किसानों के लिए आर्थिक रूप से फायदेमंद साबित होगा साथ ही उनकी उपज को बेहतरीन दाम पर बेचने की सुविधा प्रदान करेगा। सरकार के इस फैसले से किसानों को राहत मिलेगी और उनकी आमदनी में वृद्धि होगी।
सोयाबीन की MSP में 91% की बढ़ोतरी
सोयाबीन के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वर्ष 2013-14 के मुकाबले 91% की वृद्धि की गई है। वर्ष 2013-14 में सोयाबीन का MSP ₹2560 प्रति क्विंटल था जबकि वर्ष 2024-25 के लिए इसे बढ़ाकर ₹4892 प्रति क्विंटल कर दिया गया है। इस फैसले का उद्देश्य किसानों को उनकी फसल के लिए उचित मूल्य दिलाना है जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके।
किसानों के हित में खरीदी करेगी नोडल एजेंसियां
सोयाबीन की MSP पर खरीद का कार्य केंद्रीय नोडल एजेंसियों जैसे नेफेड (NAFED) और एनसीसीएफ (NCCF) द्वारा किया जाएगा। सरकार ने किसानों को उनकी फसल बेचने में आ रही समस्याओं को ध्यान में रखते हुए आवश्यक प्रबंध किए हैं ताकि उन्हें कोई परेशानी न हो। विशेष रूप से महाराष्ट्र कर्नाटक और तेलंगाना राज्यों में MSP पर खरीद जल्द ही शुरू हो जाएगी।
मध्य प्रदेश फिर बना 'सोयाप्रदेश' MSP on Soybean
देश में सोयाबीन उत्पादन के मामले में मध्य प्रदेश एक बार फिर से सबसे आगे निकल आया है। वर्ष 2023-24 में 5.47 मिलियन टन उत्पादन के साथ मध्य प्रदेश ने महाराष्ट्र और राजस्थान को पीछे छोड़ते हुए पहला स्थान हासिल किया है। इसके साथ ही देश के कुल सोयाबीन उत्पादन में मध्य प्रदेश का योगदान 41.92% हो गया है।
मध्य प्रदेश में सोयाबीन का रकबा वर्ष 2022-23 की तुलना में 2023-24 में 1.7% बढ़ा है जिससे उत्पादन में भी वृद्धि हुई है। वहीं राजस्थान का योगदान कुल सोया उत्पादन में 8.96% है। इस साल के ताजा आंकड़ों के अनुसार मध्य प्रदेश ने सोयाबीन उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है जिससे इसे 'सोयाप्रदेश' का तमगा फिर से मिला है।
MSP on Soybean महाराष्ट्र और राजस्थान की स्थिति
वर्ष 2022-23 में महाराष्ट्र 5.47 मिलियन टन सोयाबीन उत्पादन के साथ देश में पहले स्थान पर था जो कुल उत्पादन का 42.12% था। जबकि मध्य प्रदेश 5.39 मिलियन टन के साथ दूसरे स्थान पर था और उसका योगदान 41.50% था। इसके पहले 2021-22 में महाराष्ट्र ने 6.20 मिलियन टन उत्पादन के साथ देश के सोयाबीन उत्पादन का 48.7% योगदान दिया था और तब वह पहले स्थान पर था।