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Onion Price : दिवाली से पहले प्याज के भाव हुए धड़ाम, सरकार ने उठाया ये बड़ा कदम

 
Onion Price

Delhi highlights (ब्यूरो)। हाल के दिनों में प्याज की कीमतें बढ़ी हैं जिससे उपभोक्ताओं पर वित्तीय बोझ पड़ रहा है। फिलहाल दिल्ली-एनसीआर में प्याज की कीमतें 60 से 70 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई हैं. टमाटर की कीमतों में गिरावट के बाद अब प्याज महंगाई की नई वजह बन गया है. लेकिन अब सरकार प्याज की बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए एक ठोस योजना लेकर आई है. दिल्ली-एनसीआर में सस्ते प्याज की बिक्री 5 सितंबर से शुरू होने वाली है जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिलने की उम्मीद है.

प्याज की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए सरकार की पहल

सरकार की इस पहल का मकसद प्याज की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाना है। खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने घोषणा की कि दिल्ली-एनसीआर में प्याज 35 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर बेचा जाएगा. योजना के तहत प्याज मोबाइल वैन और राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (NCCF) की खुदरा दुकानों के माध्यम से बेचा जाएगा। इस पहल से प्याज की आपूर्ति में सुधार होगा और उपभोक्ताओं को भारी कीमतों से राहत मिलेगी।

मुझे सस्ता प्याज कहां मिल सकता है?

दिल्ली-एनसीआर में कई जगहों पर मोबाइल वैन के जरिए प्याज बेचा जाएगा. इनमें कृषि भवन एनसीयूआई कॉम्प्लेक्स राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पटेल चौक मेट्रो स्टेशन और नोएडा के कुछ हिस्से शामिल हैं। कुल मिलाकर 38 स्थानों पर सस्ता प्याज बेचने की योजना बनाई गई है जिससे बड़े पैमाने पर उपभोक्ताओं को लाभ होगा।

प्याज की कीमतों पर काबू पाने के लिए सरकार ने बफर स्टॉक तैयार किया है. एनसीसीएफ ने महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में सीधे किसानों से प्याज खरीदा है जिसे 35 रुपये प्रति किलो बेचा जाएगा। इस कदम से न केवल उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी बल्कि बिचौलियों के अप्रत्याशित लाभ पर भी अंकुश लगेगा।

क्यों बढ़े प्याज के दाम?

प्याज की कीमतें बढ़ने के पीछे कई कारण हैं. पहला कारण उत्पादन में गिरावट है. यदि वर्षा बहुत अधिक होती है या सूखा पड़ता है तो प्याज की फसल प्रभावित होती है जिससे उत्पादन कम हो जाता है। इस बार भी बारिश से प्याज की फसल प्रभावित हुई है जिससे बाजार में प्याज की आपूर्ति कम हो गई है।

दूसरा कारण है स्टोरेज की समस्या. यदि प्याज का पर्याप्त भंडारण नहीं है तो नई फसल बाजार में आने से पहले कीमतें बढ़ जाती हैं। इसीलिए इस समय प्याज की कीमतों में अचानक उछाल देखने को मिल रहा है।

तीसरा कारण है मांग और आपूर्ति का असंतुलन. जैसे ही प्याज की आपूर्ति कम होती है इसकी मांग बढ़ जाती है जिससे कीमतें बढ़ जाती हैं। फिलहाल बाजार में प्याज की आपूर्ति कम चल रही है जिससे कीमतें बढ़ रही हैं।

प्याज की बिक्री से क्या होगा फायदा?

सरकार की इस पहल से उपभोक्ताओं को सीधी राहत मिलने की उम्मीद है। प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी का आम आदमी की रसोई पर भारी असर पड़ा है. प्याज रसोई में प्रमुख स्थान रखता है और इसकी बढ़ती कीमतें घरेलू बजट पर प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं।

सरकार ने किसानों से सीधे प्याज खरीदकर उसे रियायती दर पर बेचकर समस्या से निपटने की योजना बनाई है। इस कदम से न केवल उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी बल्कि बाजार में प्याज की आपूर्ति भी स्थिर हो जाएगी।

इसके अलावा मोबाइल वैन के माध्यम से प्याज की बिक्री से उपभोक्ताओं को सस्ती प्याज तक आसान पहुंच मिलेगी। इससे न सिर्फ दिल्ली-एनसीआर के उपभोक्ताओं को फायदा होगा बल्कि प्याज की आपूर्ति भी बेहतर होगी.

सरकार का अगला कदम

सरकार की योजना दिल्ली-एनसीआर तक सीमित नहीं रहेगी. भविष्य में प्याज की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए और भी राज्यों में इसी तरह की योजनाएं शुरू की जा सकती हैं।

कृषि मंत्रालय और खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने समस्या पर गहन अध्ययन किया है और प्याज की कीमतों को स्थिर करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।

एनसीसीएफ की पहल प्याज की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी बल्कि बाजार में आपूर्ति और मांग के बीच संतुलन स्थापित करने में भी मदद मिलेगी।