Online Girdawari : किसानों को मिली बड़ी राहत, अपने खेत में बैठकर खुद करें फसलों की गिरदावरी, जानिए आसान तरीका

किसानों को बड़ी राहत देते हुए एक नई सुविधा प्रदान की है। अब किसान अपनी फसलों की गिरदावरी खुद से ऑनलाइन कर सकेंगे। इसके लिए राज्य सरकार ने 'राज किसान गिरदावरी एप' (Raj Kisan Girdawari App) लॉन्च किया है। यह सुविधा किसानों को 27 सितंबर 2024 से उपलब्ध है जिससे उन्हें पटवारियों के चक्कर लगाने की ज़रूरत नहीं होगी। अब किसान अपने स्मार्टफोन के माध्यम से घर बैठे ही फसलों की जानकारी ऑनलाइन दर्ज कर सकते हैं।
फसलों की गिरदावरी
फसल गिरदावरी एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिसमें यह दर्ज किया जाता है कि किस किसान ने कितने रकबे में कौनसी फसल बोई है। इस जानकारी का उपयोग सरकार द्वारा फसल बीमा प्राकृतिक आपदा में मुआवजा, बैंक ऋण, और अन्य सरकारी योजनाओं के लाभ प्रदान करने में किया जाता है। इसलिए किसानों के लिए गिरदावरी करना बेहद जरूरी है।
ई-गिरदावरी कैसे करें?
राजस्थान सरकार द्वारा किसानों की सुविधा के लिए 'राज किसान गिरदावरी एप' को लॉन्च किया गया है। यह ऐप न केवल किसानों की पटवारियों पर निर्भरता को समाप्त करेगा बल्कि गिरदावरी प्रक्रिया में भी पारदर्शिता लाएगा। अब किसान खुद अपने खेतों की फसलों की जानकारी दर्ज कर सकते हैं। आइए जानें इस ऐप काउपयोग कैसे करें:
एप डाउनलोड करें: सबसे पहले किसान को अपने स्मार्टफोन में Google Play Store से 'Raj Kisan Girdawari' एप्लीकेशन इंस्टॉल करना होगा।
लॉगिन करें: ऐप में लॉगिन करने के लिए जनाधार आईडी नंबर दर्ज करें और 'Get OTP' पर क्लिक करें।
ओटीपी वेरिफिकेशन: आपके जनाधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर एक OTP प्राप्त होगा, जिसे ऐप में दर्ज करें और सबमिट करें।
खेत की जानकारी दर्ज करें: इसके बाद किसान को अपनी भूमि का खसरा नंबर, जिला, तहसील, और गांव का चयन करना होगा।
फसल की जानकारी भरें: फसल की जानकारी दर्ज करते समय यह भी बताना होगा कि फसल सिंचित है या असिंचित। साथ ही अगर खेत में फलदार पेड़ हैं, तो उनकी संख्या भी दर्ज करनी होगी।
गिरदावरी प्रक्रिया पूरी करें: अंत में सभी आवश्यक जानकारी भरने के बाद फसलों की गिरदावरी दर्ज हो जाएगी।
ई-गिरदावरी की विशेष बातें
- खास सुविधा: एक खातेदार की ओर से पूरे खसरे की गिरदावरी की जा सकती है। यदि एक खसरे में एक से अधिक फसलें हैं, तो हर फसल की जानकारी अलग से दर्ज करनी होगी।
- बिना फसल के गिरदावरी: जिन किसानों के खेत में इस समय कोई फसल नहीं है, वे भी बिना फसल की गिरदावरी कर सकते हैं। इससे भविष्य में किसी भी प्रकार की रबी गिरदावरी बकाया नहीं रहेगी।
- पटवारियों पर निर्भरता कम: इस नई प्रक्रिया से किसानों की पटवारियों पर निर्भरता समाप्त होगी और वास्तविक फसल की गिरदावरी संभव हो सकेगी।
- समुचित फसल अंकन: इस ऐप के माध्यम से किसानों द्वारा दर्ज की गई फसलों का समुचित अंकन होगा और उन्हें इसका पूरा लाभ मिलेगा।
खरीफ फसलों की ई-गिरदावरी की अंतिम तिथि
राजस्थान में खरीफ फसलों की ई-गिरदावरी प्रक्रिया 15 अक्टूबर 2024 तक चल रही है। राज्य सरकार ने इस तिथि को किसानों की सुविधा के लिए बढ़ा दिया है ताकि सभी किसान अपनी फसल की जानकारी समय पर दर्ज कर सकें।