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सिरसा में मिलावटी बीज से किसानों का हुआ भारी नुकसान, इस कंपनी पर लगा बड़ा आरोप, जानिए क्या है मामला

किसानों ने सिरसा और बड़ागुढ़ा की अलग-अलग दुकानों से शक्ति वर्धक बीज कंपनी का PB-1 (मुच्छल धान) का बीज खरीदा था। किसानों का कहना है कि यह बीज मिलावटी है जिसमें परमल धान की बड़ी मात्रा शामिल है जो कि किसानों की फसलों में साफ नजर आ रही है।
 
adulterated seeds

सिरसा के आस-पास के गांवों के किसानों ने बासमती PB-1509 धान के बीज में मिलावट की शिकायत की है। किसान नेता और बीकेई प्रदेशाध्यक्ष लखविंदर सिंह औलख ने बताया कि बड़ागुढ़ा धौलपुर खेड़ा रघुआना और सुबाखेड़ा गांवों के कई किसानों ने शिकायत की कि शक्ति वर्धक बीज कंपनी द्वारा बेचे गए धान के बीज में बड़ी मात्रा में परमल धान की मिलावट पाई गई है। बीकेई टीम ने मौके पर जाकर किसानों के साथ मिलकर धान की फसल की स्थिति का जायजा लिया और यह पाया कि खेतों में परमल धान साफ तौर पर दिखाई दे रही है।

किसानों ने सिरसा और बड़ागुढ़ा की अलग-अलग दुकानों से शक्ति वर्धक बीज कंपनी का PB-1 (मुच्छल धान) का बीज खरीदा था। किसानों का कहना है कि यह बीज मिलावटी है जिसमें परमल धान की बड़ी मात्रा शामिल है जो कि किसानों की फसलों में साफ नजर आ रही है। किसानों को उम्मीद थी कि यह बीज उच्च गुणवत्ता वाला होगा लेकिन मिलावट के कारण उनकी फसलों की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है।

शक्ति वर्धक बीज कंपनी पर लूट का आरोप

किसान नेता लखविंदर सिंह औलख ने बताया कि शक्ति वर्धक बीज कंपनी कृषि विभाग और सीड सर्टिफिकेशन एजेंसी की मिलीभगत से किसानों को ठग रही है। यह कंपनी पुसा यूनिवर्सिटी की परमल धान और बासमती वैरायटी के बीज ऊंचे दामों पर बेचकर किसानों से मुनाफा कमा रही है। किसान नेता के अनुसार जिस वैरायटी का सर्टिफाइड बीज सहकारी और सरकारी दुकानों पर 70 से 90 रुपए प्रति किलो बेचा जाता है वही बीज शक्ति वर्धक कंपनी 200 से 300 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बेच रही है।

यह कंपनियां बिना सरकारी रोक-टोक के अपने मनमाने दामों पर बीज बेचती हैं जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। मिलावटी बीज के कारण दुकानदारों और किसानों के बीच के रिश्ते भी बिगड़ रहे हैं जबकि असली दोष बीज कंपनियों का है जो मोटे मुनाफे के लिए मिलावटी बीज किसानों को बेच रही हैं।

किसानों की मांग

किसान नेता औलख ने बताया कि उन्होंने कृषि विभाग को शक्ति वर्धक बीज कंपनी के मिलावटी बीज की शिकायत दी है। किसानों का कहना है कि इस मामले पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए और कंपनी पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। इसके साथ ही जो नुकसान किसानों को हुआ है उसकी भरपाई भी कंपनी से करवाई जाए।

औलख ने कृषि विभाग को चेतावनी दी है कि यदि शक्ति वर्धक बीज कंपनी पर समय रहते सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो किसान व्यापक आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएंगे। किसानों का कहना है कि वे अपनी मेहनत और पूंजी दोनों को गंवा रहे हैं और अब उनके पास अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है।

सरकार की भूमिका पर सवाल

किसानों का यह भी कहना है कि सरकार और संबंधित एजेंसियों की अनदेखी के कारण ऐसी बीज कंपनियां मनमानी कर रही हैं। बीज की गुणवत्ता पर ध्यान न देने से न केवल किसानों की मेहनत पर पानी फिर रहा है बल्कि उनका आर्थिक नुकसान भी हो रहा है। यह स्थिति तब है जब किसान पहले से ही अपनी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

बीकेई टीम का कहना है कि सरकार को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए और ऐसी कंपनियों की जांच कर उन्हें जवाबदेह ठहराना चाहिए।