सिरसा के किसान ने कर दिया कमाल, नरमा-गेहूं छोड़ शुरू की आंवला की खेती, लाखों रुपये की हो रही कमाई

हरियाणा के सिरसा जिले के गांव मखोसरानी के प्रगतिशील किसान सोहनलाल नंबरदार ने आंवले की खेती से अपनी किस्मत बदल दी है। बीस साल पहले उन्होंने नरमा और गेहूं की खेती की थी लेकिन मुनाफा कम होने के कारण उन्होंने आंवले की खेती शुरू कर दी। आज आंवले की खेती से उनकी आय प्रति एकड़ लगभग 1.5 लाख रुपये तक पहुँच गई है। इस खेती से किसानों को न केवल अधिक मुनाफा हो रहा है बल्कि उनके स्वास्थ्य के लिए भी आंवला बेहद फायदेमंद साबित हो रहा है। यह खबर 14 अक्टूबर 2024 की है जब सोहनलाल ने अपनी आंवला की खेती से जुड़ी जानकारी साझा की।
आंवले की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली उपजाऊ मिट्टी की आवश्यकता होती है। यह पौधा अत्यधिक सहनशील होता है इसलिए इसे विभिन्न प्रकार की मिट्टी में आसानी से उगाया जा सकता है। हरियाणा जैसे राज्य में आंवले की खेती को अधिक समर्थन मिल रहा है क्योंकि वहां की जलवायु इसके उत्पादन के लिए अनुकूल है। सोहनलाल नंबरदार ने ढाई एकड़ जमीन पर आंवले के पेड़ लगाए हैं जो अब पूर्ण रूप से विकसित हो चुके हैं और अच्छी पैदावार दे रहे हैं।
आंवला सिर्फ किसानों के लिए आय का स्रोत नहीं है बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत लाभकारी है। इसमें विटामिन सी विटामिन ए आयरन कैल्शियम और फास्फोरस जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं। आँवले का उपयोग जैम अचार जेली और औषधीय उत्पादों में किया जाता है जो बाजार में उसकी मांग को और बढ़ाता है। आयुर्वेद में भी आंवला को एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है जिससे इसकी कीमत और मांग दोनों में वृद्धि हो रही है।
सोहनलाल नंबरदार ने हाल ही में आंवले की खेती के साथ-साथ आड़ू के पौधों की पैदावार भी शुरू की है। इससे उनकी आय में और वृद्धि होने की संभावना है क्योंकि आड़ू की फसल भी तेजी से बढ़ रही है। आंवला और आड़ू दोनों ही फसलें किसानों को दीर्घकालिक मुनाफा प्रदान कर रही हैं। किसानों की यह नवाचार क्षमता उन्हें अन्य किसानों से अलग बनाती है और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करती है।
सिरसा के कई किसान आंवले की खेती से अपनी आर्थिक स्थिति को सुधार रहे हैं। आंवला न केवल घरेलू बाजार में बल्कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भी लोकप्रिय हो रहा है। इससे किसानों को निर्यात के जरिए भी अच्छी कमाई हो रही है। हरियाणा में कृषि विभाग भी आंवले की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को तकनीकी जानकारी और सहायता प्रदान कर रहा है जिससे किसानों को बेहतर फसल और अधिक मुनाफा मिल सके।