किसानों के चेहरों पर आई मुस्कान, अचानक प्याज के भाव में आया जोरदार उछाल, आलू और लहसुन के भाव में नरमी

Vegetable Price: प्याज के भाव में इस हफ्ते उछाल देखने को मिला है। बढ़िया क्वालिटी के प्याज ₹3100 प्रति क्विंटल से ऊपर बिक रहे हैं। प्रदेश में हुई अधिक बारिश के कारण प्याज की क्वालिटी पर असर पड़ा है जिससे कीमतों में वृद्धि हुई है। इसके साथ ही राखी के त्यौहार के चलते बढ़िया क्वालिटी के प्याज की मांग भी बढ़ गई है। मंडी में अच्छी क्वालिटी के प्याज जिसे गोल्टा प्याज कहा जाता है, ₹2800 प्रति क्विंटल तक बिक रहा है।
प्याज की आवक मंडी में करीब 35000 बोरी देखने को मिली है जो इस समय की मांग के मुकाबले काफी है। हालांकि बारिश के कारण प्याज की क्वालिटी में कमी आई है जिससे उच्च क्वालिटी वाले प्याज की मांग और कीमतें बढ़ी हैं।
आलू और लहसुन के भाव में नरमी
वहीं दूसरी ओर आलू और लहसुन के भाव में नरमी दिखाई दे रही है। आलू के भाव में चल रही नरमी के चलते मंडी में केवल एक-दो लॉट ही ₹2400 से ऊपर बिके हैं। त्योहारों पर लेवाली का इंतजार है जिसके कारण अभी आलू के भाव में अधिक परिवर्तन नहीं हुआ है। मंडी में आलू की आवक 5000 से 6000 बोरी ही रही है जो कि अपेक्षाकृत कम है।
लहसुन के भाव में भी बीते सप्ताह के मुकाबले नरमी देखी जा रही है। बढ़िया क्वालिटी का लहसुन ₹2000 से ऊपर बिक रहा है जबकि बेस्ट क्वालिटी का लहसुन 18000 से 19000 रुपये प्रति क्विंटल तक बिक रहा है। इससे यह साफ होता है कि मंडी में लहसुन की आवक और मांग के बीच असंतुलन बना हुआ है।
सब्जियों के ताजा मंडी भाव
लहसुन
- ऊंटी: 18000 से 19000 रुपये/क्विंटल
- बोल्ड: 15000 से 17000 रुपये/क्विंटल
- मीडियम: 12000-14000 रुपये/क्विंटल
- बारीक: 8000-10000 रुपये/क्विंटल
आलू
- चिप्स बेस्ट: 2200 से 2400 रुपये/क्विंटल
- ज्योति: 2000 से 2100 रुपये/क्विंटल
- आगरा: 1300 से 1500 रुपये/क्विंटल
- एवरेज: 1100-1200 रुपये/क्विंटल
- गुल्ला: 700-900 रुपये/क्विंटल
प्याज
- बेस्ट क्वालिटी: 3000 से 3100 रुपये/क्विंटल
- एवरेज और अच्छा गोल्टा: 2600-2800 रुपये/क्विंटल
- गोल्टी: 1800 से 2000 रुपये/क्विंटल
मौसम का प्रभाव
मौसम का मंडी के भावों पर बहुत प्रभाव पड़ता है। इस बार की अधिक बारिश ने प्याज की क्वालिटी को प्रभावित किया है। क्वालिटी में कमी के चलते उच्च क्वालिटी वाले प्याज की मांग बढ़ी है और इसी कारण उनकी कीमतें भी बढ़ी हैं। दूसरी ओर आलू और लहसुन की फसल पर मौसम का असर कम पड़ा है जिसके कारण उनके भाव स्थिर रहे हैं या थोड़ी नरमी आई है।