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Wheat price : सरकार के नए फैसले का असर, गेहूं की कीमतों में तेजी, जानिए आज के रेट

इस नए निर्णय के बाद, गेहूं का भाव बाजार में तेजी से बढ़ने लगा है। आज गेहूं का भाव 2900 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है। स्टॉकिस्टों ने माल बेचना बंद कर दिया है। ऐसे में रोलर फ्लोर मिलें गेहूं को 2845 से 2850 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर खरीद रही हैं।
 
Wheat price

किसान साथियों 20 सितंबर 2024 को आई खबरों ने गेहूं के बाजार में हलचल मचा दी है। सरकार द्वारा खुले बाजार में गेहूं की बिक्री की योजना को अचानक समाप्त कर दिया गया है। इस फैसले का सीधे तौर पर असर गेहूं के भाव पर पड़ा है। व्यापार केसरी की रिपोर्ट के अनुसार सरकार के इस निर्णय से गेहूं की कीमतों में 50 रुपये प्रति क्विंटल का उछाल आ गया है।

गेहूं की बिक्री योजना का बंद होना

सरकार ने पहले घोषणा की थी कि एक अगस्त से ओपन मार्केट सेल्स स्कीम (OMMS) के तहत गेहूं की बिक्री 2300/2325 रुपये प्रति क्विंटल के भाव में की जाएगी। यह योजना एक अक्टूबर तक बढ़ाई गई थी। लेकिन अब अचानक सरकार की एक बैठक में यह जानकारी दी गई है कि गेहूं की बिक्री खुले बाजार में रोलर फ्लोर मिलों और आटा चक्कियों को नहीं की जाएगी। इससे गेहूं की आपूर्ति में कमी आ गई है।

गेहूं के भाव में वृद्धि

इस नए निर्णय के बाद, गेहूं का भाव बाजार में तेजी से बढ़ने लगा है। आज गेहूं का भाव 2900 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है। स्टॉकिस्टों ने माल बेचना बंद कर दिया है। ऐसे में रोलर फ्लोर मिलें गेहूं को 2845 से 2850 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर खरीद रही हैं। नए गेहूं की फसल आने में अभी लगभग सात महीने का समय है।

मंडियों में गेहूं के भाव

दिल्ली मंडी में गेहूं के भाव में सीजन का टॉप भाव देखने को मिला है। कल मंडी में गेहूं का भाव 2840 रुपये पर खुला था, लेकिन शाम होते-होते भाव में 40 रुपये की तेजी आई और यह 2880 रुपये पर पहुंच गया। आज की बात करें तो दिल्ली मंडी में गेहूं का भाव 2890 रुपये पर खुला है। अन्य मंडियों में भी गेहूं के भाव में बढ़ोतरी हुई है।

भुना मंडी: 2690 रुपये
जुलना मंडी: 2730 रुपये
रानियाँ मंडी: 2660 रुपये
पिपरिया मंडी: 2713 रुपये
सिरसा मंडी: 2555 रुपये
नरवाना मंडी: 2680 रुपये
नोहर मंडी: 2590 रुपये
ऐलनाबाद मंडी: 2540 रुपये

बाजार की स्थिति

दिल्ली फ्लोर मिल्स एसोसिएशन के पदाधिकारी राजीव गोयल का कहना है कि सरकार ने OMSS के जरिए FCI के स्टॉक से गेहूं को बाजार में लाने का फैसला किया था, जिससे कीमतों में नियंत्रण की उम्मीद थी। लेकिन अब तक गेहूं OMSS के जरिए नहीं आया है। अगर स्टॉक की बात करें तो FCI के पास कुल 330 मीट्रिक टन का स्टॉक है।

सरकार को अब इस स्थिति में कदम उठाने होंगे। अगर गेहूं की बिक्री नहीं की गई, तो छोटे कारोबारियों और आटा चक्कियों को गेहूं नहीं मिलेगा। इससे आटे, मैदे और सूजी की किल्लत हो सकती है।