Wheat Prices: गेहूं की बढ़ती मांग से सातवें आसमान पर पहुंचे रेट, जानिए दिल्ली सहित देश की अन्य मंडियों में आज के दाम

Wheat Prices gehun Mandi Bhav 26 September 2024: दिल्ली की मंडी में आज गेहूं के भाव में हल्की बढ़ोतरी देखी गई। दिन की शुरुआत 2900 रुपये प्रति क्विंटल के साथ हुई जिसमें 15 रुपये की गिरावट दर्ज की गई। लेकिन शाम तक 10 रुपये की तेजी के साथ यह दाम 2910 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया। हालांकि यह कल के मुकाबले अभी भी 5 रुपये कम है। आइए जानते हैं अन्य प्रमुख मंडियों में गेहूं के ताजा भाव और कीमतों में हुए उतार-चढ़ाव के बारे में।
दिल्ली मंडी में गेहूं के ताजा भाव
दिल्ली मंडी में गेहूं की कीमतों में बदलाव देखा गया। दिन की शुरुआत में 2900 रुपये पर खुलने वाले दाम दिन के अंत तक 2910 रुपये तक पहुंच गए। लेकिन पिछले दिन के मुकाबले अभी भी 5 रुपये की गिरावट बनी हुई है। यह गिरावट मौसमी अस्थिरता और बाजार की मांग में हो रहे बदलावों का नतीजा हो सकती है। किसानों की फसल की कटाई और उत्पादन में आई कमी का असर भी इन भावों पर पड़ता है।
अन्य प्रमुख मंडियों के ताजा भाव
दिल्ली के साथ-साथ हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की मंडियों में भी गेहूं के दाम में उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। कुछ प्रमुख मंडियों के ताजा भाव इस प्रकार हैं:
मंडी | भाव (रुपए/क्विंटल) |
---|---|
सिरसा मंडी | 2660 |
भुना मंडी | 2760 |
बरेली मंडी | 2648 |
सिवानी मंडी | 2725 |
श्रीगंगानगर मंडी | 2680 |
ऐलनाबाद मंडी | 2650 |
नोहर मंडी | 2770 |
आदमपुर मंडी | 2600 |
बिहार और छत्तीसगढ़ की मंडियों के भाव
बिहार और छत्तीसगढ़ की मंडियों में भी गेहूं के दाम अलग-अलग रहे। यहां पर कुछ प्रमुख मंडियों के भाव दिए गए हैं:
मंडी | भाव (रुपए/क्विंटल) |
---|---|
बरबीघा (बिहार) | 2650-2750 |
शेखपुरा (बिहार) | 2600-2650 |
कुसमी (छत्तीसगढ़) | 2280 |
कवर्धा (छत्तीसगढ़) | 2471 |
बावला (गुजरात) | 2855-2950 |
इन मंडियों में भी गेहूं की कीमतों में अस्थिरता देखी गई है जो मौसमी प्रभाव और आपूर्ति श्रृंखला पर दबाव के कारण हो रही है।
भावों में वृद्धि के प्रमुख कारण
गेहूं के बढ़ते दामों के पीछे कई कारण जिम्मेदार हैं। मुख्य रूप से बढ़ती मांग मौसमी बदलाव और उत्पादन में आई कमी इसकी प्रमुख वजहें मानी जा रही हैं। वैश्विक स्तर पर भी फसल उत्पादन में कमी का असर बाजार पर पड़ रहा है।
भारत में हाल ही में आई बारिशों ने कुछ क्षेत्रों में गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचाया है जिससे आपूर्ति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। इससे बाजार में गेहूं की उपलब्धता कम हो गई और कीमतों में वृद्धि देखने को मिली।
कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में यदि बारिश का यही प्रभाव जारी रहता है तो कीमतों में और भी वृद्धि हो सकती है। इससे किसानों के लिए भी चुनौतियां बढ़ सकती हैं क्योंकि वे पहले से ही उत्पादन में कमी का सामना कर रहे हैं।