Fish Farming Subsidy : देसी मछली पालन से करें अपनी आय दोगुनी, सरकार दे रही है 70% सब्सिडी, जानें कैसे पाएं लाभ

Fish Farming Subsidy : आज के समय में आर्थिक तंगी हर किसी के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुकी है। 2024 में बिहार सरकार और केंद्र सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं जो इस संकट में राहत प्रदान कर सकती हैं। मुख्यमंत्री समेकित चौड़ विकास योजना मछली पालन के क्षेत्र में एक बड़ी पहल है जिससे आप अपनी आमदनी न केवल बढ़ा सकते हैं बल्कि इसे दोगुना भी कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री समेकित चौड़ विकास योजना
इस योजना के तहत राज्य सरकार सामान्य वर्ग के लोगों को 50% और अनुसूचित जाति एवं अति पिछड़ा वर्ग के लोगों को 70% अनुदान प्रदान कर रही है। यह अनुदान उन किसानों के लिए है जिनके पास खाली जमीन है और वे तालाब निर्माण कर मछली पालन करना चाहते हैं। इससे बंजर जमीन का भी सही उपयोग हो सकता है।
मछली पालन की बढ़ती मांग और बाजार की स्थिति
खासकर बिहार के कोसी और मिथिला क्षेत्र में देसी मछलियों की मांग बहुत अधिक है। शादियों त्योहारों और अन्य सामाजिक समारोहों में देसी मछलियों का उपयोग एक आम बात है। इस बढ़ती मांग के चलते मछली पालन एक लाभकारी व्यवसाय साबित हो सकता है। मछली पालन के लिए बाजार पहले से ही तैयार है और इस क्षेत्र में निवेश करने वाले किसानों को निश्चित रूप से फायदा होगा।
जिला मत्स्य विभाग का सहयोग और दिशा-निर्देश
जिला मत्स्य विभाग के पदाधिकारी ललित नारायण शाह ने बताया कि बरसात के पानी के ठहराव वाले गांवों और बंजर जमीनों में मछली पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे न केवल उन जमीनों का सही उपयोग हो रहा है बल्कि किसानों की आय भी बढ़ रही है। सरकार की इस योजना का मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की सहायता करना है ताकि वे अपने जीवन स्तर को सुधार सकें।
मछली पालन के ऑप्शन और तकनीकी सहायता
किसानों के लिए तालाब में रोहू नैनी ग्लासकार कतला और गोल्डन जैसी देसी मछलियों का पालन करना एक बेहतरीन विकल्प है। इसके लिए जिला मत्स्य विभाग न केवल तकनीकी सहायता प्रदान करता है बल्कि किसानों को आर्थिक मदद भी करता है। इस सहायता से उनकी लागत कम होती है और मुनाफा बढ़ता है।
तालाब निर्माण और अन्य खर्चों पर सहायता
अगर आप तालाब का निर्माण करने का सोच रहे हैं तो इसके लिए भी आपको सरकार से सहयोग मिल सकता है। तालाब की खुदाई से लेकर मछली पालन की प्रक्रिया तक आपको हर कदम पर मार्गदर्शन मिलेगा। साथ ही अनुदान के रूप में मिलने वाली राशि आपकी लागत को काफी कम कर देगी जिससे यह एक सस्ता और मुनाफेदार व्यवसाय साबित होगा।
प्रशिक्षण कार्यक्रम और जागरूकता अभियान
सरकार ने विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों की शुरुआत भी की है जहां किसानों को मछली पालन की तकनीक और इससे जुड़ी चुनौतियों के बारे में जानकारी दी जाती है। इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों का उद्देश्य किसानों को इस व्यवसाय में आत्मनिर्भर बनाना है ताकि वे अपनी आर्थिक स्थिति को सुधार सकें।