इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने के लिए 6 दिन और सेस: जानिए कैसे करें सही तरीके से ITR फाइलिंग

आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने के लिए अब सिर्फ सात दिन बचे हैं। यह डेडलाइन 31 जुलाई 2024 से आगे नहीं बढ़ने वाली है। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि करदाता समय रहते अपना आयकर रिटर्न दाखिल कर दें क्योंकि आखिरी वक्त में आयकर के आधिकारिक पक्ष पर लोड बढ़ने से परेशानी बढ़ जाती है। आइए जानते हैं इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग के सही तरीके और महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में।
इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग
इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने के लिए अब सिर्फ सात दिन बचे हैं। यह डेडलाइन 31 जुलाई 2024 से आगे नहीं बढ़ने वाली है। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि टैक्सपेयर्स समय रहते अपना इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल कर दें क्योंकि आखिरी वक्त में इनकम टैक्स के ऑफिशियल साइड पर लोड बढ़ने से परेशानी बढ़ जाती है। एक्सपर्ट्स का भी कहना है कि टैक्सपेयर्स को आखिरी वक्त में रिटर्न दाखिल करने से बचना चाहिए। आखिरी वक्त में रिटर्न दाखिल करने में गलती होने की संभावना बढ़ जाती है।
31 जुलाई की समयसीमा नहीं बढ़ाई जाएगी
करदाताओं को बता दें कि आईटीआर दाखिल करने की समयसीमा नहीं बढ़ाई जा रही है। ऐसे में करदाताओं के लिए जरूरी है कि वे सात दिनों के भीतर 31 जुलाई तक रिटर्न दाखिल कर दें। अगर 31 जुलाई तक आईटीआर दाखिल नहीं किया गया तो बाद में रिटर्न दाखिल करने पर जुर्माना और टैक्स पर ब्याज देना होगा।
ई-फाइलिंग साइट पर पंजीकरण कैसे करें
रिटर्न दाखिल करने के लिए आयकर विभाग की ई-फाइलिंग वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन जरूरी है। इसके बाद ही आप इस साइट पर लॉग इन कर पाएंगे। अगर आप पहली बार रिटर्न दाखिल करने जा रहे हैं तो आपको रजिस्ट्रेशन के लिए सबसे पहले आयकर विभाग की वेबसाइट पर जाना होगा। यहां आपको 'रजिस्टर' पर क्लिक करना होगा। फिर आपको 'रजिस्टर ऐज ए टैक्सपेयर' में अपना पैन दर्ज करना होगा। इसके बाद वैलिडेट पर क्लिक करें।
आयकर रिटर्न कैसे दाखिल करें?
ई-फाइलिंग साइट पर लॉग इन करने के बाद आपको सबसे पहले ऑनलाइन या ऑफलाइन में से किसी एक को चुनना होगा। फिर आपको अपना फाइलिंग स्टेटस बताना होगा। फिर आपको अपने लिए सही ITR फॉर्म चुनना होगा। फिर आपको अपने ITR फॉर्म में पहले से भरी गई डिटेल्स को चेक करना होगा। आपको टैक्स कैलकुलेशन पर खास ध्यान देना होगा। अगर आप नौकरी करते हैं तो आप फॉर्म-16 का डेटा इस्तेमाल कर सकते हैं। दूसरे लोग फॉर्म 26AS और एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट में TDS आदि का डेटा चेक कर सकते हैं। सारी जानकारी दर्ज करने के बाद आपको अपनी ITR डिटेल्स को वेरिफाई करना होगा।
ITR दाखिल करने के फायदे
- लोन के लिए आवेदन: ITR दाखिल करने से बैंक और वित्तीय संस्थानों में आपका क्रेडिट प्रोफाइल मजबूत होता है, जिससे लोन प्राप्त करना आसान होता है।
- विज़ा प्रोसेस: विदेशी वीज़ा के लिए आवेदन करते समय ITR की कॉपी आवश्यक होती है।
- टैक्स रिफंड: अगर आपका टैक्स ज्यादा कटा हुआ है तो ITR दाखिल करने पर आप रिफंड क्लेम कर सकते हैं।
ITR दाखिल करते समय ध्यान देने योग्य बातें
- सही फॉर्म का चयन करें: आपके इनकम के प्रकार के आधार पर अलग-अलग ITR फॉर्म होते हैं। सही फॉर्म का चयन करना आवश्यक है।
- समय पर फाइल करें: आखिरी वक्त का इंतजार न करें। समय रहते ITR दाखिल करें ताकि किसी भी तकनीकी समस्या का सामना न करना पड़े।
- सही जानकारी दर्ज करें: अपने सभी दस्तावेजों की जानकारी सही-सही दर्ज करें। किसी भी प्रकार की गलती से बचें।
- टैक्स कैलकुलेशन की जाँच करें: सुनिश्चित करें कि आपने सभी स्रोतों से प्राप्त आय की सही-सही गणना की है।
- ऑनलाइन वेरिफिकेशन: ITR दाखिल करने के बाद उसका वेरिफिकेशन करना न भूलें। ऑनलाइन वेरिफिकेशन के लिए आधार OTP, नेट बैंकिंग, या अन्य माध्यमों का उपयोग कर सकते हैं।
ITR दाखिल न करने पर परिणाम
- जुर्माना: देर से ITR दाखिल करने पर 10,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
- ब्याज: देर से टैक्स जमा करने पर ब्याज भी देना होगा।
- नोटिस: समय पर ITR न दाखिल करने पर आयकर विभाग द्वारा नोटिस जारी किया जा सकता है।