सोने और चांदी की कीमतों में रिकॉर्ड उछाल, चांदी ने पार किया 1 लाख रुपये का स्तर, खरीदारी करने से पहले जान लें नए रेट

Delhi Highlights, नई दिल्ली: फेस्टिव सीजन की शुरुआत के साथ भारतीय सर्राफा बाजार में चांदी और सोने की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है। 21 अक्टूबर 2024 को एमसीएक्स (Multi Commodity Exchange) पर चांदी की कीमतें 1 लाख रुपये प्रति किलो के स्तर को छू गईं, जो अब तक का रिकॉर्ड हाई है। एलकेपी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट और कमोडिटी रिसर्च एनालिस्ट जतिन त्रिवेदी ने बताया कि चांदी की कीमतों में तेजी का मुख्य कारण इलेक्ट्रिक व्हीकल (Electric Vehicle) और फोटोवोल्टिक एप्लिकेशन के लिए बढ़ी हुई मांग और सोने की लगातार बढ़ती कीमतें हैं।
चांदी की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण
चांदी की कीमतें इस साल लगातार चौथे दिन बढ़ोतरी पर हैं। ऑल इंडिया सराफा एसोसिएशन के मुताबिक, 21 अक्टूबर को चांदी की कीमत 99,500 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी स्पॉट सिल्वर का भाव 34 डॉलर प्रति औंस पर मजबूत रहा। इसकी वजह सिर्फ भारत में नहीं, बल्कि वैश्विक बाजार में बढ़ी डिमांड भी है।
चांदी का इस्तेमाल इलेक्ट्रिक वाहनों और सौर ऊर्जा के उपकरणों में हो रहा है, जिससे इसकी मांग मिड से लॉन्ग टर्म तक बनी रहने की उम्मीद है। विशेष रूप से, इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती लोकप्रियता के साथ चांदी की मांग में और बढ़ोतरी हो सकती है। यह भी देखा जा रहा है कि जैसे-जैसे सोने की कीमतें महंगी होती जा रही हैं, निवेशकों का रुझान चांदी की ओर बढ़ता जा रहा है।
सोने के मुकाबले चांदी बनी सस्ती निवेश का विकल्प
सोने की कीमतें अब 80,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर को पार कर चुकी हैं। दिल्ली के सर्राफा बाजार में 99.9% शुद्धता वाले सोने का भाव 21 अक्टूबर को 80,650 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। पिछले कारोबारी सत्र में यह कीमत 79,900 रुपये थी। चांदी की तुलना में सोने की कीमतों में इस बढ़त ने निवेशकों को सस्ता विकल्प चुनने के लिए चांदी की ओर रुख करने के लिए प्रेरित किया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा समय में चांदी की कीमतें ऊंचाई पर हैं, लेकिन निकट भविष्य में यदि इसमें नरमी आती है तो निवेशकों को बेहतर रिटर्न मिलने की उम्मीद है। एमसीएक्स पर चांदी का सपोर्ट स्तर 96,000 से 96,500 रुपये के बीच माना जा रहा है, जहां से भविष्य में इसे अच्छा सपोर्ट मिल सकता है।
फेस्टिव सीजन में सोना-चांदी की बढ़ती मांग
भारत में सोने और चांदी की मांग फेस्टिव सीजन में हमेशा अधिक रहती है। इस साल भी दशहरा और दिवाली के मौके पर कीमतों में तेजी देखी जा रही है। चांदी की कीमतें जहां रिकॉर्ड उच्चतम स्तर पर हैं, वहीं सोने की कीमतें भी लगातार बढ़ रही हैं। सर्राफा बाजार के जानकारों का मानना है कि फेस्टिव सीजन में यह तेजी बनी रह सकती है।
चांदी की मौजूदा ऊंची कीमतें वैश्विक बाजार में आई डिमांड के चलते भी हैं। इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और फोटोवोल्टिक सेल्स में चांदी का उपयोग बढ़ने से यह मेटल अब एक प्रमुख औद्योगिक उपयोग की वस्तु बन गया है, जिससे दीर्घकालिक मांग भी बनी रहेगी।
निवेशकों के लिए चांदी एक आकर्षक विकल्प
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में चांदी में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है। हालांकि मौजूदा कीमतें ऊंचाई पर हैं, लेकिन निवेशकों के लिए यह अभी भी एक आकर्षक विकल्प बना हुआ है, खासकर जब सोने की कीमतें और अधिक महंगी हो रही हैं। एलकेपी सिक्योरिटीज के जतिन त्रिवेदी का कहना है कि चांदी की कीमतों में भविष्य में थोड़ी नरमी आने की संभावना है, जिससे निवेशकों को अच्छे रिटर्न मिलने की उम्मीद की जा रही है।
एमसीएक्स और अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी की स्थिति
21 अक्टूबर को एमसीएक्स पर दिन के कारोबारी सत्र में चांदी की कीमतें 98,000 रुपये प्रति किलो तक बढ़ गईं, और कुछ समय के लिए 1 लाख रुपये का स्तर भी छू लिया। वहीं, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कॉमेक्स (COMEX) पर स्पॉट सिल्वर की कीमत 34 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर बनी हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि चांदी की कीमतें वैश्विक डिमांड के चलते और बढ़ सकती हैं।