Gold-Silver Rate Today : नए महीने की पहली तारीख को सोने-चांदी की कीमतों में हलचल, जानें आज का लैटस्ट भाव

Gold Price on 1st October : 1 अक्टूबर को बुलियन मार्केट में जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। घरेलू और विदेशी बाजारों में सोने और चांदी की कीमतों (gold and silver price) में हलचल है। कॉमैक्स से लेकर MCX तक मामूली गिरावट के साथ ट्रेडिंग हो रही है लेकिन सितंबर का महीना और FY25 की पहली छमाही सोने-चांदी के लिए शानदार रही। सोना करीब 11% और चांदी लगभग 21% उछल चुकी है जो पिछले 4 सालों में सबसे बड़ी उछाल मानी जा रही है।
घरेलू बाजार में सोने की कीमतें
आज 1 अक्टूबर को घरेलू वायदा बाजार में सोने की कीमतों में हल्की गिरावट देखी जा रही है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (Multi Commodity Exchange) पर दिसंबर कॉन्ट्रैक्ट का भाव लगभग 70 रुपए की गिरावट के साथ 75500 रुपए प्रति 10 ग्राम के आसपास ट्रेड कर रहा है। MCX पर सोने का ऑल टाइम हाई 76527 रुपए प्रति 10 ग्राम पर दर्ज है जो बाजार में चल रही अस्थिरता को दिखाता है।
वहीं चांदी में तेजी का रुख जारी है। MCX पर दिसंबर वायदा चांदी का भाव 370 रुपए की मजबूती के साथ 91088 रुपए प्रति किलोग्राम पर कारोबार कर रहा है। FY25 की पहली छमाही में चांदी की कीमतें 21% से ज्यादा उछली हैं। चांदी का ऑल टाइम हाई लेवल 100289 रुपए प्रति किलोग्राम है जो आने वाले समय में एक महत्वपूर्ण स्तर साबित हो सकता है।
विदेशी बाजारों में सोने-चांदी का हाल
विदेशी बाजारों में भी सोने और चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी है। कॉमैक्स (COMEX) पर सोना रिकॉर्ड स्तरों के बाद गिरावट के साथ ट्रेड कर रहा है। स्पॉट गोल्ड का भाव 2626 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया है जो करीब 1.25% की गिरावट दिखाता है। फ्यूचर्स में सोना 2650 डॉलर प्रति औंस से नीचे फिसल गया है। हालांकि FY25 की पहली छमाही में सोना विदेशी बाजारों में 17.55% की बढ़ोतरी के साथ अपनी पकड़ बनाए हुए है।
दूसरी ओर चांदी की कीमतें विदेशी बाजारों में बढ़त पर हैं। कॉमैक्स पर चांदी आधे फीसदी की मजबूती के साथ 31.60 डॉलर प्रति औंस के पास ट्रेड कर रही है। FY25 की पहली छमाही में चांदी की कीमतें विदेशी बाजारों में 25% से अधिक उछली हैं जिससे यह सोने की तुलना में अधिक आकर्षक विकल्प बन रही है।
बाजार में आगे की संभावनाएं
बुलियन मार्केट में सोने और चांदी की कीमतों में यह उतार-चढ़ाव कुछ समय तक जारी रह सकता है क्योंकि वैश्विक अर्थव्यवस्था में बदलाव और महंगाई दर की अस्थिरता का असर इनकी मांग और आपूर्ति पर पड़ता है। FY25 की पहली छमाही के मजबूत प्रदर्शन को देखते हुए आने वाले महीनों में भी बुलियन बाजार में निवेशकों की नजरें सोने और चांदी पर बनी रहेंगी।