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वेतनभोगियों के लिए अच्छी खबर! आपकी बचत बढ़ेगी, बड़ा लाभ होगा; पीएफ को लेकर बड़े फैसले के आसार

इसके साथ ही अधिक कर्मचारी अब ईपीएस Pension योजना में शामिल हो सकेंगे, जिससे उन्हें रिटायरमेंट के बाद अधिक पेंशन प्राप्त करने का रास्ता भी खुल जाएगा। यह बदलाव भारत में 2024 में होने वाला तीसरा बड़ा बदलाव होगा, जब वेतन सीमा में वृद्धि की जाएगी।
 
EPS Pension Scheme

Pension Scheme: केंद्र सरकार जल्द ही कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) योजना के तहत वेतन सीमा को मौजूदा 15,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये कर सकती है। यह फैसला करोड़ों EPF और कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) से जुड़े कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित करने और उन्हें अधिक लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से लिया जा सकता है। अगर यह प्रस्ताव पारित हो जाता है, तो इससे कर्मचारियों द्वारा EPF और ईपीएस में किए जाने वाले योगदान पर असर पड़ेगा। 

इसके साथ ही अधिक कर्मचारी अब ईपीएस पेंशन योजना में शामिल हो सकेंगे, जिससे उन्हें रिटायरमेंट के बाद अधिक पेंशन प्राप्त करने का रास्ता भी खुल जाएगा। यह बदलाव भारत में 2024 में होने वाला तीसरा बड़ा बदलाव होगा, जब वेतन सीमा में वृद्धि की जाएगी। इससे न केवल कर्मचारियों के EPF और ईपीएस योगदान में बदलाव आएगा बल्कि उनके रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली पेंशन में भी बढ़ोतरी होगी। इस बदलाव का असर व्यापक होगा, इसलिए यह जानना जरूरी है कि यह किस प्रकार से आपके वित्तीय भविष्य को प्रभावित करेगा।

EPF और ईपीएस के तहत वेतन सीमा में बदलाव

वर्तमान में भविष्य निधि अधिनियम के अनुसार, यदि किसी कर्मचारी का मूल वेतन 15,000 रुपये से अधिक है तो वह ईपीएस में योगदान नहीं कर सकता है। लेकिन अगर इस सीमा को बढ़ाकर 21,000 रुपये कर दिया जाता है, तो उन कर्मचारियों को भी ईपीएस का लाभ मिलेगा, जिनका वेतन 15,000 रुपये से अधिक है। इससे अधिक कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन पाने का अवसर मिलेगा और उनके भविष्य को अधिक सुरक्षित बनाया जा सकेगा।

EPF योगदान पर असर

ईपीएस में योगदान करने का मतलब यह है कि नियोक्ता का कुछ हिस्सा EPF में जमा होने के बजाय ईपीएस में जमा होगा। वर्तमान में, EPF खाते में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों 12% का योगदान करते हैं। ईपीएस योजना के अनुसार नियोक्ता का 8.33% हिस्सा ईपीएस खाते में जमा होता है जबकि शेष राशि EPF खाते में जमा होती है। अगर वेतन सीमा बढ़ती है, तो इससे ईपीएस में जमा होने वाली राशि भी बढ़ेगी जिससे कर्मचारी के EPF खाते में जमा होने वाली राशि में कमी आएगी। इसका एक प्रमुख उदाहरण देखें तो वर्तमान में 15,000 रुपये की सीमा के अनुसार नियोक्ता का ईपीएस योगदान 1,250 रुपये मासिक होता है। अगर सीमा बढ़कर 21,000 रुपये हो जाती है, तो यह योगदान 1,749 रुपये हो जाएगा। इस प्रकार, कर्मचारी के EPF में जमा होने वाली राशि घट जाएगी और ईपीएस में अधिक राशि जमा होगी।

वेतन सीमा बढ़ने का कर्मचारियों की पेंशन पर असर

EPF और ईपीएस वेतन सीमा में वृद्धि से कर्मचारियों की रिटायरमेंट पेंशन में भी वृद्धि होगी। वर्तमान में ईपीएस पेंशन की गणना 15,000 रुपये वेतन पर होती है। अगर वेतन सीमा 21,000 रुपये कर दी जाती है तो इससे पेंशन की गणना 21,000 रुपये वेतन पर की जाएगी, जिससे पेंशन की रकम बढ़ जाएगी। उदाहरण के लिए अगर किसी कर्मचारी की सेवा अवधि 30 वर्ष है और उसका वेतन सीमा 21,000 रुपये है तो उसकी पेंशन 9,600 रुपये प्रति माह हो सकती है जबकि वर्तमान में यह केवल 6,857 रुपये प्रति माह है। इस प्रस्तावित बदलाव से न केवल कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद अधिक पेंशन मिलेगी बल्कि उनके वित्तीय सुरक्षा का स्तर भी बढ़ेगा। यह बदलाव उन सभी कर्मचारियों के लिए लाभकारी होगा जिनकी आय सीमा बढ़ाकर उन्हें पेंशन योजना में शामिल किया जा रहा है।