RBI Governor: भारतीय इकोनॉमी में उठा-पटक, महंगाई पर काबू पाने को लेकर आरबीआई गवर्नर ने जताया भरोसा

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत नजर आ रहे हैं। घरेलू मांग में इजाफा हो रहा है और देश में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर भी तेजी से बढ़ रहा है। मुंबई में आयोजित मैक्रो वीक 2024 के दौरान उन्होंने बताया कि देश में निजी निवेश का स्तर भी बेहतर हो रहा है। इसके अलावा, सरकार ने पूंजीगत व्यय में वृद्धि की है और बैंकों की आर्थिक सेहत को मजबूत बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित किया है। इस आर्थिक माहौल में एनबीएफसी (NBFC) भी बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं, और कॉरपोरेट सेक्टर भी निवेश बढ़ाकर देश की तरक्की में सहयोग दे रहा है।
दास ने यह भी कहा कि कृषि क्षेत्र में बढ़ोतरी के कारण ग्रामीण इलाकों में भी डिमांड बढ़ने की पूरी संभावना है। यह स्थिति देश के विभिन्न क्षेत्रों में आर्थिक विकास के लिए अनुकूल साबित हो रही है। वैश्विक स्तर पर भी आर्थिक संकट से निपटने के लिए इंटरनेशनल मोनेट्री फंड (IMF) और वर्ल्ड बैंक (World Bank) मिलकर काम कर रहे हैं, जिससे अर्थव्यवस्था को और मजबूती मिल सके।
आरबीआई का नजरिया
आरबीआई गवर्नर ने महंगाई के बढ़ते आंकड़ों पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि मौसम की अनिश्चितता और जियोपॉलिटिकल समस्याओं के चलते महंगाई का स्तर आरबीआई के 4% के लक्ष्य से ऊपर चला गया है। हालांकि, दास को उम्मीद है कि जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान महंगाई के मोर्चे पर सुधार देखा जा सकता है। उनका मानना है कि भारतीय इकोनॉमी की स्थिरता और मजबूती ने मोनेट्री पॉलिसी कमेटी (Monetary Policy Committee) को ब्याज दरों के साथ-साथ महंगाई पर भी ध्यान केंद्रित करने का अवसर प्रदान किया है।
दास ने इस मौके पर कोविड-19 के प्रभाव का भी जिक्र किया और कहा कि महामारी के बावजूद पिछले तीन वित्त वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट लगभग 8% पर बनी रही है। उन्होंने वित्त वर्ष 2025 में भी इसे 7.2% के करीब रहने का अनुमान जताया है, जो कि आर्थिक स्थिरता के लिए सकारात्मक संकेत है।
एफआईआई का बाहर निकलना
हालांकि, भारतीय अर्थव्यवस्था में कुछ उठापटक भी जारी है। विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) देश से पूंजी निकाल रहे हैं, जिससे स्टॉक मार्केट में भी गिरावट देखी जा रही है। पिछले कई दिनों से यह ट्रेंड जारी है और बाजार में निवेशकों की चिंता का कारण बन रहा है। साथ ही, महंगाई का स्तर भी बढ़ रहा है, जो आम नागरिकों के खर्च पर असर डाल सकता है।
शक्तिकांत दास ने इस विषय पर अपना नजरिया स्पष्ट करते हुए कहा कि वैश्विक मुद्दों के चलते महंगाई पर दबाव बना हुआ है, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था के हालात को देखते हुए महंगाई को नियंत्रित किया जा सकता है। उनका मानना है कि देश की आर्थिक स्थिरता बनी हुई है और महंगाई तथा ग्रोथ के बीच संतुलन भी स्थापित है।
भारतीय अर्थव्यवस्था में बढ़ोतरी
आरबीआई गवर्नर के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत स्थिति में है और मौजूदा वित्त वर्ष की चौथी तिमाही तक महंगाई को काबू में लाया जा सकता है। इसके साथ ही घरेलू मांग और निवेश में वृद्धि से देश की जीडीपी ग्रोथ दर को बनाए रखना आसान हो सकता है। कृषि क्षेत्र में सुधार से ग्रामीण क्षेत्रों में भी आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी, जो देश की समग्र अर्थव्यवस्था के लिए लाभकारी साबित हो सकती हैं।