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वेतन और भत्तों में होगी बढ़ोतरी, अब हर महीने मिलेंगे 4 लाख रुपए, जानें कितना मिलेगा अब मासिक

 
Increase in salaries and allowances

Delhi highlights, नई दिल्ली : देश में बढ़ती महंगाई के बीच उत्तराखंड विधानसभा (Uttarakhand Assembly) के विधायकों के वेतन और भत्तों में वृद्धि (Increase in salaries and allowances) की तैयारी की गई है। इस प्रस्तावित बढ़ोतरी के बाद सदस्यों को प्रति महीने लगभग चार लाख रुपए प्राप्त हो सकते हैं। समिति द्वारा तैयार की गई इस संस्तुति में न केवल विधायकों के वेतन और भत्तों में वृद्धि (Increase in salaries and allowances of MLAs) की बात की गई है बल्कि उनके व्यक्तिगत सहायकों के वेतन में भी सुधार का प्रस्ताव रखा गया है।

यह निर्णय राज्य के प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करने और विधायकों को अपने कर्तव्यों का बेहतर ढंग से निर्वहन करने में सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से लिया गया है। आइए इस प्रस्तावित वृद्धि के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करते हैं।

बढ़ती महंगाई के बीच समिति की संस्तुति

देश में लगातार बढ़ती महंगाई ने आम जनता के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों को भी प्रभावित किया है। इस संदर्भ में समिति ने व्यापक अध्ययन और विचार-विमर्श के बाद वेतन और भत्तों में वृद्धि की संस्तुति तैयार की है। इस प्रस्ताव का मुख्य उद्देश्य विधायकों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाना है ताकि वे अपने निर्वाचन क्षेत्रों में जनता की सेवा को और अधिक प्रभावी ढंग से निभा सकें।

समिति ने न केवल वर्तमान आर्थिक परिस्थितियों को ध्यान में रखा है बल्कि अन्य राज्यों के विधायकों के वेतन संरचनाओं का भी अध्ययन किया है। इस तुलना से यह सुनिश्चित किया गया है कि उत्तराखंड के विधायकों को प्रतिस्पर्धी और उचित वेतन मिल सके।

वेतन में 20,000 रुपए की वृद्धि का प्रस्ताव

वर्तमान में उत्तराखंड विधानसभा के विधायकों को प्रति महीने वेतन और भत्तों के रूप में 2,90,000 रुपए मिलते हैं। समिति की नई संस्तुति के अनुसार इस राशि में लगभग 20,000 रुपए की वृद्धि का प्रस्ताव रखा गया है जिससे कुल वेतन और भत्ते 3,10,000 रुपए तक पहुंच सकते हैं। इसके अतिरिक्त अन्य भत्तों में भी सुधार की संभावना है जिससे कुल मासिक पैकेज लगभग चार लाख रुपए तक बढ़ सकता है।

यह वृद्धि विधायकों को उनके कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को बेहतर ढंग से निभाने में सहायता प्रदान करेगी। साथ ही यह वृद्धि राज्य के विकास और जनता की सेवा में सकारात्मक प्रभाव डालने की उम्मीद है।

व्यक्तिगत सहायकों के वेतन में भी सुधार

विधायकों के कार्यभार को देखते हुए उनके व्यक्तिगत सहायकों की भूमिका होती है। समिति ने इस तथ्य को स्वीकार करते हुए सहायकों के वेतन में भी वृद्धि की सिफारिश की है। हालांकि अतिरिक्त सहायक रखने की मांग पर समिति ने सहमति नहीं जताई है। यह निर्णय संसाधनों के उचित उपयोग और वित्तीय अनुशासन को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

सहायकों के वेतन में वृद्धि से उनकी कार्यक्षमता और उत्साह में वृद्धि होगी जिससे वे विधायकों को अधिक प्रभावी समर्थन प्रदान कर सकेंगे। यह सुधार विधायकों की कार्यकुशलता को बढ़ाने में भूमिका निभाएगा।

विधायक प्रीतम सिंह पवार की अध्यक्षता में समिति का गठन

पंचम विधानसभा के गठन के बाद विधायकों की सदन और निर्वाचन क्षेत्र सेवा शर्तों पर विचार करने के लिए एक सदस्य समिति का गठन किया गया था। इस समिति की अध्यक्षता विधायक प्रीतम सिंह पवार द्वारा की गई। समिति ने विस्तृत अध्ययन और विभिन्न पहलुओं की जांच के बाद अपना पहला प्रतिवेदन सौंपा है जिसे मानसून सत्र के पहले दिन सदन में प्रस्तुत किया गया।

समिति की सिफारिशें व्यापक विचार-विमर्श और विभिन्न हितधारकों से प्राप्त फीडबैक पर आधारित हैं। यह सुनिश्चित किया गया है कि प्रस्तावित बदलाव राज्य के हित में हों और विधायकों की जरूरतों को पूरा करें।

सदन की स्वीकृति पर निर्भर होगा अंतिम निर्णय

समिति की संस्तुतियों को लागू करने का अंतिम निर्णय सदन पर निर्भर करेगा। सदन में इन सिफारिशों पर व्यापक चर्चा और बहस की जाएगी जिसके बाद ही इन्हें स्वीकार या संशोधित किया जाएगा। यह प्रक्रिया लोकतांत्रिक सिद्धांतों के अनुरूप है और सुनिश्चित करती है कि सभी सदस्यों की आवाज सुनी जाए।

यदि सदन समिति की सिफारिशों को स्वीकार करता है तो यह निर्णय उत्तराखंड के विधायकों के लिए बदलाव लाएगा और राज्य के प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करेगा।