गुजरात में कुदरत की दोहरी मार, मूसलाधार बारिश से 33 लोगों की मौत, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

Delhi highlights, गांधीनगर: गुजरात में पिछले कुछ दिनों से आई भयंकर बाढ़ ने पूरे राज्य को तबाही के कगार पर ला खड़ा किया है। मौसम के इस विकराल रूप ने सड़कों से लेकर घरों, पुलों और तालाबों तक सब कुछ पानी में डुबो दिया है। इस गंभीर स्थिति में अब तक 32 लोगों की मौत हो चुकी है और हालात में सुधार की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है। गुजरात के 18 जिले इस समय बाढ़ की चपेट में हैं।
भारी बारिश के चलते नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं और निचले इलाकों में सड़कों पर पानी का सैलाब उमड़ रहा है। पिछले चार दिनों से हो रही मूसलधार बारिश ने लोगों की जिंदगी को मुश्किल बना दिया है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में सड़कों पर पानी 12 फीट से ऊपर भर चुका है जिससे स्थानीय लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
मौसम विभाग ने गुजरात के 11 जिलों के लिए रेड अलर्ट और 22 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। रेड अलर्ट का मतलब है कि इन क्षेत्रों में अत्यधिक बारिश की संभावना है और स्थानीय प्रशासन को सभी प्रकार की तैयारी रखने की सलाह दी जाती है। वहीं येलो अलर्ट का मतलब है कि भारी बारिश हो सकती है और नागरिकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।
मौसम विभाग की भविष्यवाणियाँ
मौसम विभाग के वैज्ञानिकों ने गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्रों में आगामी दिनों में भारी बारिश की आशंका जताई है। 30 अगस्त को जामनगर, पोरबंदर, द्वारका जैसे कई जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इन इलाकों में कई रिहायशी इलाके पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं और सड़कों, बस अड्डों और पुलों की स्थिति बेहद खराब है। जामनगर का सरकारी बस स्टैंड पानी में डूब चुका है जहां केवल बसों की छत ही दिखाई दे रही है।
गुजरात में बाढ़ की वजह से हुए नुकसान
गुजरात की कई नदियाँ खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। महीसागर नदी के किनारे एक व्यक्ति बाढ़ में फंस गया था और उसकी जान बचाने के लिए एयरफोर्स ने हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। कई घंटे तक बाढ़ में फंसे रहने के कारण व्यक्ति की तबियत बिगड़ गई थी और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस तरह की घटनाएँ बाढ़ की गंभीरता को दर्शाती हैं और स्थानीय प्रशासन की रेस्क्यू ऑपरेशंस की आवश्यकता को रेखांकित करती हैं।
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने बाढ़ की स्थिति की समीक्षा करने के लिए वडोदरा से गांधीनगर स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर का दौरा किया। उन्होंने जिला कलेक्टर के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए आपदा की स्थिति का जायजा लिया और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने इस आपदा के खिलाफ सभी आवश्यक उपायों को लागू करने की सलाह दी और अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य शुरू करने का निर्देश दिया।