delhihighlight

दिल्ली मेट्रो की गोल्डन लाइन पर 865 मीटर लंबी सुरंग का होगा निर्माण, यहाँ बनाए जाएंगे 15 नए स्टेशन

दिल्ली मेट्रो का तुगलकाबाद-एरोसिटी कॉरिडोर राजधानी की यातायात सुविधा को और बेहतर बनाएगा। इस कॉरिडोर के निर्माण के अंतर्गत छतरपुर और छतरपुर मंदिर के बीच 865 मीटर लंबी एक सुरंग बनाई गई है जिसे 97 मीटर लंबी टनल बोरिंग मशीन (TBM) द्वारा तैयार किया गया।
 
Delhi Metro

दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन (DMRC) लगातार अपने नेटवर्क का विस्तार कर रही है। इसी क्रम में दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण के तहत तुगलकाबाद-एरोसिटी कॉरिडोर पर एक नई सुरंग का निर्माण किया गया है जो दिल्ली मेट्रो की गोल्डन लाइन का हिस्सा है। यह सुरंग छतरपुर और छतरपुर मंदिर स्टेशनों के बीच बनाई गई है और इसका निर्माण बेहद कुशलता और सुरक्षा के साथ किया गया है।

तुगलकाबाद-एरोसिटी कॉरिडोर पर नई सुरंग का निर्माण

दिल्ली मेट्रो का तुगलकाबाद-एरोसिटी कॉरिडोर राजधानी की यातायात सुविधा को और बेहतर बनाएगा। इस कॉरिडोर के निर्माण के अंतर्गत छतरपुर और छतरपुर मंदिर के बीच 865 मीटर लंबी एक सुरंग बनाई गई है जिसे 97 मीटर लंबी टनल बोरिंग मशीन (TBM) द्वारा तैयार किया गया। सुरंग बनाने में लगभग पांच महीने का समय लगा और इसे बेहद सावधानीपूर्वक तैयार किया गया है।

यह सुरंग एयरोसिटी से तुगलकाबाद के बीच स्थित छतरपुर और छतरपुर मंदिर स्टेशनों के बीच बनाई गई है। इससे यह स्पष्ट होता है कि दिल्ली मेट्रो अब उन इलाकों तक भी अपनी पहुंच बना रही है जहां पहले मेट्रो की सेवा उपलब्ध नहीं थी। यह नया गोल्डन लाइन कॉरिडोर दक्षिण दिल्ली के कई क्षेत्रों को जोड़ते हुए मेट्रो सेवा का विस्तार करेगा।

गोल्डन लाइन के स्टेशन और लंबाई

गोल्डन लाइन की कुल लंबाई 23.62 किलोमीटर होगी और इस पर 15 स्टेशन बनाए जाएंगे। इस लाइन के निर्माण से न केवल दक्षिण दिल्ली के कई हिस्सों को बेहतर यातायात सुविधा मिलेगी बल्कि यह कश्मीरी गेट को एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन से भी जोड़ेगी जिससे यात्रियों के लिए मेट्रो सेवा और भी सुविधाजनक हो जाएगी।

दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण के तहत 40.109 किलोमीटर की भूमिगत लाइनों का निर्माण किया जा रहा है जिसमें तुगलकाबाद-एयरोसिटी कॉरिडोर का भूमिगत क्षेत्र 19.343 किलोमीटर है। इस परियोजना के पूर्ण होने के बाद दिल्ली मेट्रो की नेटवर्क क्षमता और भी बढ़ जाएगी।

15 मीटर गहराई पर बनाई गई सुरंग

इस नई सुरंग को 15 मीटर की गहराई पर बनाया गया है जो मेट्रो निर्माण के क्षेत्र में एक उपलब्धि है। सुरंग का व्यास 5.8 मीटर है और इसे बनाने में 618 रिंग का उपयोग किया गया है। यह सुरंग विशेष रूप से गोल्डन लाइन पर ट्रेनों के सुचारू संचालन के लिए तैयार की गई है और इसके निर्माण में अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया गया है।

टनल बोरिंग मशीन (TBM) की मदद से इस सुरंग का निर्माण कार्य किया गया जो मेट्रो सुरंगों के निर्माण में तेजी और कुशलता लाने के लिए अत्यधिक उपयोगी साबित होती है। DMRC ने इस परियोजना को पूरा करने में सुरक्षा और गुणवत्ता पर खास ध्यान दिया है।

तुगलकाबाद-एयरोसिटी कॉरिडोर की पूरी योजना

तुगलकाबाद-एयरोसिटी कॉरिडोर का निर्माण 2026 तक पूरा होने की योजना है। इस परियोजना के तहत कुल 15 स्टेशन बनाए जाएंगे जो दक्षिण दिल्ली के कई क्षेत्रों को मेट्रो नेटवर्क से जोड़ेंगे। इस कॉरिडोर का उद्देश्य केवल यातायात सुविधा को बढ़ावा देना ही नहीं है बल्कि दिल्ली के  क्षेत्रों के बीच कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाना है।

यह कॉरिडोर एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन के साथ जुड़कर यात्रियों के लिए हवाई अड्डे तक पहुंच को और भी सुविधाजनक बनाएगा। इससे मेट्रो सेवा का लाभ न केवल दिल्ली के निवासियों को मिलेगा बल्कि वे लोग भी इससे लाभान्वित होंगे जो हवाई अड्डे तक मेट्रो द्वारा पहुंचने की योजना बना रहे हैं।