बिहार के इस जिले में 4.95 एकड़ जमीन पर होगा विश्वस्तरीय बस टर्मिनल का निर्माण, परिवहन सचिव ने दिए आदेश

बिहार के गया जिले में जल्द ही एक विश्वस्तरीय बस टर्मिनल (World class bus terminal) का निर्माण होने जा रहा है। परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने जर्जर हुए प्रमंडलीय भवन और बस स्टैंड का निरीक्षण कर इसे गिराने के आदेश दिए हैं। इसके स्थान पर एक नया अत्याधुनिक बस टर्मिनल (New Bus Terminal) बनाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि इस क्षेत्र का ज्यादातर हिस्सा वाहनों की पार्किंग यात्रियों की सुविधाओं और परिवहन के अन्य कामों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। इस बस टर्मिनल का निर्माण पटना के अंतरराष्ट्रीय बस स्टैंड की तर्ज पर होगा जो इसे एक विश्वस्तरीय बस स्टेशन के रूप में तैयार करेगा।
बस टर्मिनल के लिए 4.95 एकड़ जमीन का उपयोग
परिवहन सचिव ने बताया कि बस टर्मिनल के लिए 4.95 एकड़ जमीन का उपयोग किया जाएगा। यह स्थान पहले से जर्जर और पुराने हो चुके बस स्टैंड का था जिसे गिराकर नया टर्मिनल तैयार किया जाएगा। इसके साथ ही जलभराव की समस्या से छुटकारा पाने के लिए विशेष प्रबंध किए जाएंगे ताकि यात्रियों को बेहतर और सुरक्षित यात्रा अनुभव प्राप्त हो सके। साथ ही स्वच्छ पीने के पानी की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी।
डीपीआर (DPR) की तैयारी और भवन निर्माण
परिवहन सचिव ने भवन निर्माण विभाग को निर्देश दिया है कि वे नए बस स्टैंड के लिए दो महीने के भीतर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करें। इसमें सभी तकनीकी और संरचनात्मक विवरणों को शामिल किया जाएगा ताकि निर्माण कार्य तेजी से शुरू किया जा सके। यह बस स्टैंड सिर्फ यात्री सुविधाओं के लिए नहीं बल्कि आधुनिक परिवहन सुविधाओं के साथ प्रशासनिक कार्यों के लिए भी उपयुक्त होगा। प्रथम और द्वितीय तल का उपयोग प्रशासनिक गतिविधियों के लिए किया जाएगा।
अंतर्राज्यीय बस सेवा और मार्गों का चिन्हीकरण
गया शहर धार्मिक और पर्यटन दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण स्थान है। इसे ध्यान में रखते हुए परिवहन सचिव ने अन्य राज्यों के परिवहन निगमों के साथ समझौता करने और अंतर्राज्यीय बस सेवा (आईएसबीटी) के लिए आवश्यक रूट की सूची बनाने के निर्देश दिए हैं। इससे न केवल गया के स्थानीय यात्री लाभान्वित होंगे बल्कि बाहरी राज्यों से आने वाले यात्रियों के लिए भी बेहतर परिवहन सुविधाएं उपलब्ध होंगी। महत्वपूर्ण मार्गों को चिन्हित कर उन पर बसों का संचालन सुनिश्चित किया जाएगा।
जर्जर बसों का स्क्रैपिंग और नीलामी
निरीक्षण के दौरान परिवहन सचिव ने पाया कि गया जिले में 15 बसें जर्जर हालत में हैं जो अब चलने योग्य नहीं हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन बसों को स्क्रैपिंग सेंटर में स्क्रैप किया जाए या फिर नीलामी की प्रक्रिया शुरू की जाए। जर्जर बसों का निस्तारण करके बस डिपो में खाली स्थान का उपयोग नए और आधुनिक बसों के लिए किया जाएगा।
गया में 50 ई-बसों का संचालन
पर्यावरण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए पीएम-ई बस सेवा योजना (PM e-Bus Seva) के अंतर्गत गया जिले में 50 ई-बसों का संचालन किया जाएगा। इस योजना के तहत परिवहन सचिव ने अधिकारियों को मार्गों के चयन और आवश्यक बुनियादी ढांचे के निर्माण के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही ई-बसों को चार्ज करने के लिए पर्याप्त चार्जिंग स्टेशनों का निर्माण भी किया जाएगा ताकि शहर के पर्यावरण को बेहतर बनाया जा सके और परिवहन को हरित और सस्ती ऊर्जा से चलाया जा सके।