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Ashok Tanwar: हरियाणा चुनावों में बीजेपी को बड़ा झटका, अशोक तंवर की कांग्रेस में वापसी

3 अक्टूबर की दोपहर को अशोक तंवर ने बीजेपी की एक रैली में हिस्सा लिया और अपने ट्विटर अकाउंट से इसकी जानकारी भी साझा की। रैली में उनकी मौजूदगी से बीजेपी समर्थक उत्साहित थे लेकिन शाम होते-होते सियासी समीकरण पलट गए। कुछ घंटों बाद ही तंवर ने कांग्रेस की एक महत्वपूर्ण बैठक में हिस्सा लिया और उनके कांग्रेस में 'घर वापसी' की आधिकारिक घोषणा की गई।
 
Ashok Tanwar

Ashok Tanwar News: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) को बड़ा झटका लगा है। बीजेपी नेता और पूर्व सांसद अशोक तंवर ने गुरुवार 3 अक्टूबर को पार्टी छोड़कर कांग्रेस में वापसी की। उनकी वापसी के मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कांग्रेस के मंच से उनका स्वागत किया। यह राजनीतिक घटनाक्रम चुनाव से कुछ ही घंटे पहले हुआ जिसने हरियाणा की सियासत में हलचल मचा दी है।

कांग्रेस में अशोक तंवर की वापसी

3 अक्टूबर की दोपहर को अशोक तंवर ने बीजेपी की एक रैली में हिस्सा लिया और अपने ट्विटर अकाउंट से इसकी जानकारी भी साझा की। रैली में उनकी मौजूदगी से बीजेपी समर्थक उत्साहित थे लेकिन शाम होते-होते सियासी समीकरण पलट गए। कुछ घंटों बाद ही तंवर ने कांग्रेस की एक महत्वपूर्ण बैठक में हिस्सा लिया और उनके कांग्रेस में 'घर वापसी' की आधिकारिक घोषणा की गई।

कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर तंवर का स्वागत करते हुए लिखा "कांग्रेस हमेशा से दबे-कुचले और हाशिये पर खड़े लोगों के हक़ की आवाज़ उठाती रही है। हमारी पार्टी संविधान की रक्षा के लिए लगातार लड़ाई लड़ती आई है। इसी प्रेरणा से बीजेपी के वरिष्ठ नेता पूर्व सांसद और हरियाणा में बीजेपी के अभियान समिति के सदस्य अशोक तंवर ने कांग्रेस में वापसी की है। उनका कांग्रेस परिवार में स्वागत है और उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं।"

'घर वापसी' का ऐलान

जब राहुल गांधी अपनी सभा समाप्त करने वाले थे तभी मंच से यह ऐलान हुआ कि सभा में उपस्थित लोग कुछ देर और रुके रहें। इसके तुरंत बाद अशोक तंवर मंच पर आए और उन्हें कांग्रेस की पार्टी शॉल पहनाकर स्वागत किया गया। इस दौरान घोषणा की गई "आज अशोक तंवर जी की घर वापसी हो गई है।"

अशोक तंवर ने 2019 में कांग्रेस से मतभेदों के चलते पार्टी छोड़ दी थी विशेष रूप से भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ विवाद के कारण। इसके बाद उन्होंने बीजेपी का दामन थामा लेकिन अब हरियाणा विधानसभा चुनावों से ठीक पहले उनकी वापसी ने कांग्रेस को एक महत्वपूर्ण बढ़त दी है। तंवर की यह वापसी दलित वोटरों को कांग्रेस की तरफ आकर्षित करने की रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है।

हरियाणा चुनाव 2024 के मद्देनजर अशोक तंवर की कांग्रेस में वापसी पार्टी के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकती है खासकर तब जब राज्य में दलित मतदाताओं की अहम भूमिका है। तंवर की लोकप्रियता और उनके क्षेत्र में उनकी पकड़ कांग्रेस को भाजपा के खिलाफ मजबूत स्थिति में ला सकती है।

अशोक तंवर की कांग्रेस में वापसी का समय भी बेहद अहम है क्योंकि 5 अक्टूबर को हरियाणा विधानसभा चुनावों का प्रचार अभियान समाप्त हो रहा है। तंवर की यह वापसी कांग्रेस को चुनावों में अंतिम समय पर एक मनोवैज्ञानिक बढ़त दे सकती है। कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी और भूपेंद्र सिंह हुड्डा की मौजूदगी में तंवर की वापसी के इस आयोजन को व्यापक राजनीतिक प्रभाव के रूप में देखा जा रहा है।

अशोक तंवर का कांग्रेस में फिर से शामिल होना बीजेपी के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है खासकर तब जब वह हाल ही में पार्टी के प्रचार का हिस्सा थे। कांग्रेस इसे अपने लिए एक बड़ी जीत के तौर पर देख रही है और पार्टी को उम्मीद है कि तंवर की वापसी से दलित वोट बैंक में कांग्रेस की पकड़ और मजबूत होगी।

अशोक तंवर की राजनीतिक यात्रा

अशोक तंवर की राजनीतिक यात्रा काफी दिलचस्प रही है। वह पहले कांग्रेस के प्रमुख नेता रहे और राहुल गांधी के करीबी माने जाते थे। लेकिन 2019 में आंतरिक मतभेदों के चलते उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी थी। इसके बाद उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का रुख किया लेकिन अब उन्होंने कांग्रेस में दोबारा वापसी कर ली है। उनकी यह 'घर वापसी' न सिर्फ राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है बल्कि हरियाणा की राजनीति को भी एक नया मोड़ दे रही है।