Balraj Kundu : चुनाव हारने के बाद बलराज कुंडू ने बंद की महिलाओं की मुफ्त बस सेवा, 2019 में मिली थी बड़ी जीत

Balraj Kundu News : हरियाणा के रोहतक जिले की महम विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक रहे बलराज कुंडू ने 2019 में बड़ी जीत हासिल की थी। उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद सिंह दांगी को 12 हजार से अधिक वोटों से हराकर विधानसभा में अपनी जगह बनाई थी। लेकिन 2024 के विधानसभा चुनावों में बलराज कुंडू को कांग्रेस के प्रत्याशी बलराम दांगी से हार का सामना करना पड़ा। चुनाव परिणामों के अनुसार बलराज कुंडू को 38805 वोट मिले जबकि बलराम दांगी को 56865 वोट मिले। इस हार के बाद बलराज कुंडू ने अपनी नाराज़गी जाहिर करते हुए एक अहम फैसला लिया।
बलराज कुंडू की फ्री बस सेवा बंद
बलराज कुंडू ने अपनी हार के बाद महम में महिलाओं के लिए चलाई जा रही मुफ्त बस सेवा को बंद करने की घोषणा की। यह सेवा चार जिलों की महिलाओं के लिए 18 बसों के माध्यम से उपलब्ध कराई गई थी। कुंडू ने कहा कि अब महम के नए विधायक बेटियों के लिए बसे चलवाएं। उनके समर्थकों ने भी इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इतने नेक काम के बावजूद जनता ने उन्हें वोट नहीं दिया इसलिए इस सेवा को बंद करना पड़ा।
बलराज कुंडू की राजनीतिक यात्रा
बलराज कुंडू ने 6 सितंबर 2024 को अपनी नई पार्टी हरियाणा जनसेवक पार्टी का गठन किया था। इसके बाद उन्होंने जींद जिले में एक बड़ी रैली का आयोजन किया जिसमें देश के कई बड़े नेता शामिल हुए। इस रैली में कुंडू ने केंद्र सरकार की कई योजनाओं खासकर अग्निवीर योजना पर खुलकर आलोचना की।
कुंडू की राजनीतिक यात्रा की शुरुआत 2019 में हुई थी जब उन्होंने पहली बार महम विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़कर बड़ी जीत दर्ज की थी। शुरुआत में उन्होंने मनोहर लाल खट्टर की सरकार को समर्थन दिया था लेकिन एक साल बाद उन्होंने सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। बलराज कुंडू हरियाणा के सबसे अमीर विधायकों में गिने जाते थे। 2019 के विधानसभा चुनाव में इलेक्शन कमीशन को दिए हलफनामे के अनुसार उनकी कुल संपत्ति 141 करोड़ रुपए थी और उनकी वार्षिक आय 7.71 करोड़ रुपए थी।
बलराज कुंडू की हार का असर
बलराज कुंडू की हार के बाद उनके समर्थकों के बीच निराशा का माहौल है। उनके समर्थकों का कहना है कि जनता ने उनके नेक कामों का सही मूल्यांकन नहीं किया। कुंडू का मानना है कि उन्होंने महिलाओं के लिए जो फ्री बस सेवा चलाई थी वह महम के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल थी लेकिन इसके बावजूद उन्हें वोट नहीं मिले। इसलिए अब उन्होंने यह सेवा बंद करने का निर्णय लिया है।