बिहार को मिली 4 नए एक्सप्रेसवे की सौगात, इन गांवों की होने वाली है बल्ले-बल्ले, मंजूर हुए 26 हजार करोड़ रुपये

बिहार राज्य को केंद्र सरकार द्वारा बजट 2024 में 2 एक्सप्रेसवे की सौगात दी गई है। यह दोनों एक्सप्रेसवे राज्य के विकास के लिए एक मील का पत्थर साबित होंगे। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान बताया कि पटना-पूर्णिया 300 किलोमीटर और गया-बक्सर-भागलपुर 386 किलोमीटर लंबे दो एक्सप्रेसवे परियोजनाओं के तहत 100-100 किलोमीटर के पैच पर इस साल काम शुरू किया जाएगा। इस परियोजना के लिए लगभग 26 हजार करोड़ रुपये की धनराशि मंजूर की गई है। इस घोषणा से बिहार में पहली बार एक्सप्रेसवे बनाने का रास्ता साफ हो गया है।
पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे
पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे का निर्माण पटना, वैशाली, बेगुसराय, नालंदा, लखीसराय, मुंगेर, खगड़िया, मधेपुरा और पूर्णिया जिलों के लोगों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा। इस एक्सप्रेसवे के माध्यम से इन जिलों में कनेक्टिविटी बढ़ेगीजिससे आर्थिक विकास की गति भी तेज होगी। पटना से पूर्णिया तक का सफर न केवल कम समय में पूरा होगा बल्कि इस क्षेत्र में व्यापार और उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा।
गया-बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे
दूसरी ओर गया-बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे से बक्सर, भोजपुर, रोहतास, अरवल, औरंगाबाद, गया, जहानाबाद, नवादा, जमुई, शेखपुरा, बांका और भागलपुर जिलों के लोग लाभान्वित होंगे। यह एक्सप्रेसवे इन क्षेत्रों में यातायात की स्थिति को सुधारने के साथ-साथ औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगा। गया-बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे के निर्माण से इन जिलों के लोगों के लिए अन्य बड़े शहरों तक की पहुंच आसान होगी जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और क्षेत्रीय विकास को गति मिलेगी।
केंद्र सरकार का बिहार पर विशेष ध्यान
इस बार के बजट में बिहार के लिए की गई इन घोषणाओं से यह स्पष्ट हो गया है कि केंद्र सरकार बिहार पर विशेष ध्यान दे रही है। बिहार की जेडीयू पार्टी के समर्थन के बाद केंद्र सरकार ने बिहार से आठ सांसदों को मंत्री बनाकर यह संकेत दिया है कि बिहार को प्राथमिकता दी जाएगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान यह भी बताया कि गोरखपुर से सिलीगुड़ी वाया किशनगंज 521 किलोमीटर और रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे 719 किलोमीटर की डीपीआर का काम पहले से चल रहा है। इन परियोजनाओं के पूरा होने से बिहार की कनेक्टिविटी में और सुधार होगा।
भारतमाला परियोजना और बिहार का योगदान
भारतमाला परियोजना के अंतर्गत शामिल इन एक्सप्रेसवे परियोजनाओं का निर्माण बहुत पहले ही प्रस्तावित किया गया था लेकिन कुछ कारणों से काम शुरू नहीं हो पाया था। अब वित्त मंत्री ने घोषणा की है कि सड़क परिवहन विभाग ने इन परियोजनाओं की पुरानी फाइलों को पुनः सक्रिय करने के लिए उनकी डीपीआर की मांग की है। इस साल इन दोनों एक्सप्रेसवे पर 100-100 किलोमीटर के पैच पर काम शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि केंद्र सरकार विजन 2047 के तहत देशभर में सड़क निर्माण कार्य को तेजी से पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
गोरखपुर से सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे
गोरखपुर से सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से शुरू होकर बिहार के पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, लखीसराय, जमुई, बांका और अन्य जिलों से होकर पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी तक जाएगा। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से इन जिलों की कनेक्टिविटी में सुधार होगा और पश्चिम बंगाल के साथ सीधी कनेक्टिविटी स्थापित होगी। साथ ही इस एक्सप्रेसवे से गोरखपुर-पानीपत राजमार्ग को भी जोड़ा जाएगा जिससे बिहार, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के बीच यातायात की सुविधा में सुधार होगा।