सिरसा में किसानों और सिंचाई विभाग के बीच पानी को लेकर तकरार, जानें क्या है पूरा मामला
किसानों ने सिंचाई विभाग के जेई को बुलाकर टेल पर स्थित पानी की स्थिति दिखाई और बताया कि टेल के किसान सिंचाई और पीने के पानी से वंचित हैं। लेकिन जेई ने इस पर ध्यान नहीं दिया और यह दावा करता रहा कि पीछे से ही पानी कम छोड़ा जा रहा है। इस पर टेल पर इकट्ठे हुए किसानों ने जेई को माइनर पर चलने के लिए मजबूर किया।

चंडीगढ़: डबवाली की उप तहसील गोरीवाला के गांव बिज्जूवाली में किसानों और सिंचाई विभाग के कनिष्क अभियंता (जेई) के बीच मंगलवार को राजपुरा माइनर की स्थिति को लेकर विवाद हो गया। किसानों ने सिंचाई पानी की समस्या को लेकर जेई को माइनर पर बुलाकर स्थिति से अवगत कराया लेकिन बात बहस में बदल गई।
सिंचाई पानी की कमी से जूझते किसान
बिज्जूवाली रकबे में से होकर गुजर रही राजपुरा माइनर के टेल पर स्थित किसानों को पिछले तीन वर्षों से पर्याप्त सिंचाई पानी नहीं मिल पा रहा है। किसानों ने हर प्रकार से धरना प्रदर्शन करके अपनी समस्याओं को उठाया लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है।
किसानों ने सिंचाई विभाग के जेई को बुलाकर टेल पर स्थित पानी की स्थिति दिखाई और बताया कि टेल के किसान सिंचाई और पीने के पानी से वंचित हैं। लेकिन जेई ने इस पर ध्यान नहीं दिया और यह दावा करता रहा कि पीछे से ही पानी कम छोड़ा जा रहा है। इस पर टेल पर इकट्ठे हुए किसानों ने जेई को माइनर पर चलने के लिए मजबूर किया।
पाइप बंद होने की बहस
जब किसान और जेई माइनर के हेड पर पहुंचे तो उन्होंने राइट और लेफ्ट के मोघों में लगी हुई 6 इंच की पाइप दिखाई। जेई बार-बार यह दावा करता रहा कि पाइप बंद हैजबकि किसान बताते रहे कि पाइप से निरंतर पानी बह रहा है। जब किसानों ने पानी के बीच में खड़े होकर जेई को यह दिखाया कि पाइप से पानी पूरी तरह से बह रहा हैतो इस बात को लेकर बहस शुरू हो गई।
पाइप बंद करने का वादा
किसानों के बढ़ते उग्र रूप को देखते हुए जेई जगदीप सिंह ने कहा कि नहर की बंदी होने पर डाली गई पाइप को पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। किसान इस वादे से संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने बताया कि टेल के किसानों के हिस्से के पानी में से रामगढ़ के जलघर के लिए भी पाइप डाली गई है जबकि वह पाइप रामगढ़ के हिस्से के पानी में से होनी चाहिए थी।
पानी के हिस्से में कमी
जब किसानों ने उग्र रूप दिखाया तो जेई ने बिना किसी देरी के किसानों की बात को स्वीकार किया। सिंचाई विभाग के जेई जगदीप सिंह ने किसानों को आश्वस्त करते हुए कहा कि जहां राजपुरा माइनर में 17 हिस्से पानी होना चाहिए वहां केवल 14 हिस्से पानी छोड़ा जा रहा है। इससे टेल के किसानों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है।
स्थानीय सरपंच की भूमिका
सरपंच सुरेंद्र सुथार ने जेई और किसानों के बीच पहुंचकर समस्या से अवगत करवाते हुए बताया कि पिछले तीन वर्षों से किसानों को पर्याप्त सिंचाई और पीने का पानी नहीं मिल पा रहा है। किसानों की समस्या वाजिब है। जहां टेल के किसानों के हिस्से में 10 हिस्से पानी आना चाहिए उन्हें केवल ढाई हिस्से पानी मिल पा रहा है। मौके पर लगी पाइप भी पानी की कमी को और बढ़ा रही है।