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विरोध के बाद किसान नेता ने वापस लिया गोपाल कांडा से समर्थन, मंच किया था साझा

किसान संगठनों ने तुरंत बैठक बुलाई और भरत झाझड़ा से समर्थन वापस लेने की अपील की. रविवार को चौपटा में आयोजित बैठक के दौरान भरत झाझड़ा ने मंच से समर्थन वापसी की घोषणा कर दी. उन्होंने मंच से माना कि गोपाल कांडा का समर्थन करना उनकी गलती थी और किसानों की भावनाओं का सम्मान करते हुए वह अपना समर्थन वापस ले रहे हैं.
 
Gopal Kanda Support

दो दिन पहले किसान नेता भरत झाझड़ा ने सिरसा विधानसभा क्षेत्र के गांव नारायणखेड़ा में एक रैली में गोपाल कांडा को समर्थन देने का ऐलान किया था. अभय सिंह चौटाला की मौजूदगी में समर्थन का ऐलान किया गया. जैसे ही किसानों को खबर मिली तो उन्होंने तुरंत विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. किसानों ने नाराजगी जताई और समर्थन वापस लेने की मांग की.

किसान संगठनों ने तुरंत बैठक बुलाई और भरत झाझड़ा से समर्थन वापस लेने की अपील की. रविवार को चौपटा में आयोजित बैठक के दौरान भरत झाझड़ा ने मंच से समर्थन वापसी की घोषणा कर दी. उन्होंने मंच से माना कि गोपाल कांडा का समर्थन करना उनकी गलती थी और किसानों की भावनाओं का सम्मान करते हुए वह अपना समर्थन वापस ले रहे हैं.

गोपाल कांडा के समर्थन से नाराज हैं किसान

किसानों के गुस्से की एक बड़ी वजह गोपाल कांडा द्वारा किसानों का अपमान भी है. कुछ समय पहले जब किसान अपनी मांगों को लेकर गांव में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे और पानी की टंकी पर चढ़ गए थे तो गोपाल कांडा ने उन्हें "काली भेड़" कहा था। इस बयान से किसानों में गहरा आक्रोश फैल गया जिसे वे भुला नहीं सके। इसी घटना को लेकर भरत झाझरा द्वारा गोपाल कांडा को समर्थन दिए जाने पर किसान संगठनों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.