सिरसा में 3 महिलाओं के खिलाफ FIR दर्ज, आदेश के बाद सक्रिय हुआ प्रशासन, जानें क्या है मामला

Delhi Highlights, सिरसा: डबवाली के एसडीएम अर्पित संगल ने सोमवार को कई गांवों का दौरा कर किसानों को पराली जलाने के दुष्प्रभावों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि पराली जलाने से पर्यावरण प्रदूषण के साथ-साथ भूमि की उर्वरता भी प्रभावित होती है। इसी क्रम में एसडीएम राजेंद्र कुमार ने गांव जोधकां में किसानों को समझाया कि पराली का उचित प्रबंधन न केवल पर्यावरण को बचाने में मदद करेगा बल्कि यह किसानों की आय का भी एक स्रोत बन सकता है।
सरकार द्वारा इसके लिए अनुदान देने की भी व्यवस्था है। पिछले वर्ष धान का रकबा 2,75,000 एकड़ था, जो इस साल बढ़कर 3,50,000 एकड़ हो गया है। इतने बड़े क्षेत्रफल में धान की कटाई के बाद बची पराली का प्रबंधन करना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। प्रशासन इस दिशा में सक्रिय होकर काम कर रहा है ताकि पराली जलाने की घटनाओं को रोका जा सके।
पराली जलाने के खिलाफ सख्ती
सदर थाना पुलिस के अनुसार रात्रि गश्त के दौरान गांव नेजाडेला कलां में पराली जलाने की सूचना मिली थी। सूचना मिलते ही पटवारी श्रवण कुमार, ग्राम सचिव प्रदीप मिगलानी और कृषि अधिकारी प्रभजोत सिंह मौके पर पहुंचे और जांच की। जांच में पाया गया कि लगभग एक एकड़ भूमि में पराली जलाई गई थी। इसके बाद भूमि मालिकों मोना रानी, रेणु बांसल और उषा रानी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 और 280 के तहत मामला दर्ज किया गया। सब इंस्पेक्टर ताराचंद्र ने बताया कि फसल के अवशेष जलाना कानून का उल्लंघन है इसलिए इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
पराली जलाने के कारण डबवाली और आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण का स्तर पिछले दो दिनों में बढ़ा हुआ है। गेहूं की बिजाई का सीजन 1 नवंबर से शुरू होने वाला है जिसके कारण पराली जलाने की घटनाओं में और वृद्धि होने की संभावना है। प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जिले के सभी उच्च अधिकारियों को फील्ड में भेजा है ताकि पराली जलाने की घटनाओं पर नियंत्रण पाया जा सके। अब तक जिले में छह पराली जलाने के मामले दर्ज किए जा चुके हैं और किसानों पर 15 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
पराली प्रबंधन को लेकर सरकार का प्रयास
हरियाणा सरकार ने पराली प्रबंधन को लेकर सख्त आदेश जारी किए हैं। प्रशासनिक टीमों द्वारा लगातार किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान और इसके प्रबंधन के तरीकों के बारे में जागरूक किया जा रहा है। सोमवार को एसडीएम, तहसीलदार और पुलिस विभाग की टीमों ने गांवों और खेतों में जाकर किसानों से बात की और पराली के प्रबंधन के महत्व को समझाया।
हालांकि इन प्रयासों के बावजूद भी गांव नेजाडेला कलां में पराली जलाने का मामला सामने आया है जिस पर सख्त कार्रवाई करते हुए तीन महिलाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। प्रशासन अब इस दिशा में और कड़े कदम उठाने की तैयारी कर रहा है ताकि पराली जलाने की घटनाओं पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके।