हरियाणा सरकार में मंत्री रहे चौधरी रणजीत सिंह का दावा - 30 हजार से जीतेंगे चुनाव

हरियाणा विधानसभा चुनाव में नेता अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए दिन-रात एक कर रहे हैं। इसी सिलसिले में 29 सितंबर 2024 को पूर्व कैबिनेट मंत्री और रानिया विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार चौधरी रणजीत सिंह ने गांव पन्नीवाला मोटा में ट्रैक्टर रोड शो किया। इस रोड शो में उन्हें भारी जनसमर्थन मिलता हुआ दिखाई दिया। चौधरी रणजीत सिंह ने दावा किया कि इस बार उनकी जीत का मार्जिन 30 हजार से अधिक होगा जो पिछले चुनावों में मिले 20 हजार वोटों के अंतर से काफी ज्यादा है।
रणजीत सिंह की जीत का दावा"
चौधरी रणजीत सिंह ने रोड शो के दौरान कहा कि गांव-गांव में लोग उनके समर्थन में खड़े हैं और उन्हें विश्वास है कि इस बार उनकी जीत के अंतर में काफी बढ़ोतरी होगी। रणजीत सिंह ने यह भी कहा कि इस बार किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने वाला है। उन्होंने अनुमान लगाया कि कांग्रेस इस बार सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी लेकिन बहुमत तक पहुंचना मुश्किल होगा। उन्होंने यह भी कहा कि आजाद उम्मीदवार इस चुनाव में बड़ी भूमिका निभाने वाले हैं और वे निर्णायक साबित हो सकते हैं।
कुमारी सैलजा और अभय चौटाला पर टिप्पणी
जब उनसे कांग्रेस नेता कुमारी सैलजा के बयानों पर सवाल किया गया तो चौधरी रणजीत सिंह ने कहा कि वह एक अनुभवी सांसद हैं और उन्होंने जो भी कहा होगा उसे तजुर्बे के आधार पर कहा होगा। वहीं जब अभय चौटाला के मुख्यमंत्री बनने के दावे पर उनसे पूछा गया तो रणजीत सिंह ने हल्के अंदाज में कहा कि "मुख्यमंत्री बनने के लिए 50 सीटों की जरूरत होती है और अभी तक अभय चौटाला को वह समर्थन मिलता नहीं दिख रहा है।"
आजाद उम्मीदवारों का योगदान होगा निर्णायक
चौधरी रणजीत सिंह ने यह भी कहा कि इस बार के विधानसभा चुनाव में आजाद उम्मीदवारों की भूमिका होगी। उनका मानना है कि चुनावी नतीजों में कोई भी दल स्पष्ट बहुमत हासिल नहीं करेगा और ऐसे में आजाद उम्मीदवारों का योगदान निर्णायक होगा। उन्होंने कहा कि इस बार के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और अन्य दलों के मुकाबले में भी आजाद उम्मीदवार मजबूती से उभरेंगे।
विधानसभा चुनाव में किसका पलड़ा भारी?
चौधरी रणजीत सिंह के रोड शो ने यह साफ कर दिया है कि वे चुनाव को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इस बार का चुनाव त्रिशंकु विधानसभा का संकेत दे रहा है और इसमें कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी। भाजपा और अन्य दलों के बीच भी कड़ा मुकाबला होगा लेकिन किसी को भी स्पष्ट बहुमत मिलने के आसार कम हैं।