यूपी में होगा इन 4 जिलों को जोड़ने वाला फोरलेन हाइवे का निर्माण, 50 गांवों की जमीन का होगा अधिग्रहण
लखनऊ हाईवे फोरलेन परियोजना के पहले फेस में बहराइच से घाघराघाट पुल तक सड़क को फोरलेन बनाने की योजना है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद इस परियोजना के लिए 59 गांवों से भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की गई थी। हालांकि इस समय भूमि अधिग्रहण का काम 50 गांवों में चल रहा है क्योंकि 9 गांवों के नक्शे राजस्व अभिलेखों में उपलब्ध नहीं हैं।

उत्तर प्रदेश (यूपी) में चार जिलों के बीच बेहतर सड़क कनेक्टिविटी के लिए बहराइच से बाराबंकी सीमा तक लखनऊ हाईवे को फोरलेन बनाने का महत्वपूर्ण कार्य जारी है। इस परियोजना से गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती और बहराइच जिलों का आपस में आवागमन काफी बेहतर होगा।
भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में बाधाएं
लखनऊ हाईवे फोरलेन परियोजना के पहले फेस में बहराइच से घाघराघाट पुल तक सड़क को फोरलेन बनाने की योजना है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद इस परियोजना के लिए 59 गांवों से भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की गई थी। हालांकि इस समय भूमि अधिग्रहण का काम 50 गांवों में चल रहा है क्योंकि 9 गांवों के नक्शे राजस्व अभिलेखों में उपलब्ध नहीं हैं।
अधिकारी बताते हैं कि 9 गांवों का नक्शा प्राप्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं। नक्शे की कमी के कारण भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया इन गांवों में स्थगित है। वर्तमान में 3 गांवों में भूमि अधिग्रहण का काम पूरा हो चुका है जबकि अन्य गांवों में यह प्रक्रिया जारी है।
सीटी मजिस्ट्रेट शालिनी प्रभाकर ने बताया कि भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया और अन्य औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। नक्शे की समस्या का समाधान होने के बाद भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा और फोरलेन हाईवे निर्माण का काम तेजी से आगे बढ़ेगा।
फोरलेन बनने के बाद, बहराइच, श्रावस्ती, गोंडा और बलरामपुर जिलों के लोगों को बेहतर आवागमन की सुविधा मिलेगी। इसके साथ ही, घाघरा घाट के पास सरयू नदी पर नया पुल बनाने का प्रस्ताव भी है। इस पुल के निर्माण से नेपाल सीमा से लेकर इन चार जिलों के लोगों को सुगम और सुरक्षित आवागमन की सुविधा मिल सकेगी।
लखनऊ हाईवे फोरलेन की निर्माण
लखनऊ हाईवे फोरलेन की निर्माण प्रक्रिया को लेकर अधिकारियों का कहना है कि भूमि अधिग्रहण के बाद सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी। इसके बाद फोरलेन निर्माण का कार्य शुरू होगा। डीएम मोनिका रानी ने बताया कि परियोजना की प्रक्रिया तेजी से चल रही है और भूमि अधिग्रहण का काम जल्द ही पूरा हो जाएगा।
लखनऊ हाईवे फोरलेन बनने के बाद बहराइच, श्रावस्ती, गोंडा और बलरामपुर के चार जिलों में सड़क यातायात की स्थिति में सुधार होगा। इससे न केवल स्थानीय निवासियों को बल्कि व्यापारिक गतिविधियों को भी लाभ होगा। बेहतर सड़क सुविधा से इन जिलों के लोगों को सफर करने में आसानी होगी जिससे आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।