जूते-चप्पल की दुकान से बिजनेस टाइकून बनने तक का सफर, जानें गोपाल कांडा कैसे बने हरियाणा के दूसरे सबसे अमीर विधायक

Gopal Kanda Net Worth : हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 का माहौल दिन-ब-दिन गरमाता जा रहा है। इस दौरान टिकट बंटवारे और नेताओं के दल-बदल की खबरें सुर्खियां बना रही हैं। ऐसे में हरियाणा लोकहित पार्टी के अध्यक्ष और सिरसा से मौजूदा विधायक गोपाल कांडा भी चर्चा का विषय बने हुए हैं। गोपाल कांडा को हरियाणा के दूसरे सबसे अमीर विधायक के रूप में जाना जाता है और उनके कारोबारी साम्राज्य के बारे में जानकर कोई भी दंग रह सकता है। इस लेख में हम उनके व्यापारिक सफर और कुल नेट वर्थ पर विस्तार से नजर डालेंगे।
गोपाल कांडा की नेट वर्थ
गोपाल कांडा सिरसा से विधायक हरियाणा के उन प्रभावशाली व्यक्तियों में से एक हैं जिनकी सफलता की कहानी बेहद रोचक है। शुरुआत में एक छोटी जूते-चप्पल की दुकान से लेकर एयरलाइन और रियल एस्टेट तक गोपाल कांडा का सफर बेहद प्रेरणादायक रहा है। उनकी नेट वर्थ के बारे में बात करें तो 2019 के चुनावी हलफनामे के मुताबिक गोपाल कांडा की कुल संपत्ति 95 करोड़ रुपये से ज्यादा है। यह संपत्ति उनकी चल और अचल संपत्तियों से मिलकर बनी है जिसमें 65 करोड़ 38 लाख रुपये की चल संपत्ति और 30 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति शामिल है।
उनकी संपत्तियों में निवेश के रूप में 4 करोड़ रुपये से ज्यादा के बॉन्ड्स डिबेंचर्स और शेयर्स भी शामिल हैं। इसके अलावा 10 लाख रुपये से ज्यादा की पोस्टल सेविंग्स और एनएसएस (नेशनल सेविंग्स स्कीम) में भी निवेश है। गोपाल कांडा के पास 18 लाख रुपये की इंश्योरेंस पॉलिसी है और उनकी पत्नी के पास भी ऐसे ही अन्य फाइनेंशियल इंवेस्टमेंट्स हैं।
रियल एस्टेट में गोपाल कांडा की धाक
गोपाल कांडा ने 1998 में रियल एस्टेट के क्षेत्र में कदम रखा और जल्दी ही हरियाणा के गुरुग्राम शहर में एक बड़ी पहचान बना ली। उन्होंने धीरे-धीरे छोटे प्लॉट खरीदने और बेचने की शुरुआत की और इस व्यवसाय में सफलता पाई। उनके द्वारा खरीदे गए प्लॉट्स और प्रॉपर्टी की वैल्यू के कारण उन्हें हरियाणा के रियल एस्टेट सेक्टर में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी माना जाता है। उनके पास गुड़गांव सिरसा और अन्य जगहों पर 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की कृषि भूमि भी है।
उनकी पत्नी के नाम पर सिरसा में 7 करोड़ रुपये से ज्यादा की कृषि भूमि है जबकि दोनों के पास 13 करोड़ रुपये से ज्यादा की रेजिडेंशियल बिल्डिंग भी है जो गुड़गांव जयपुर और दिल्ली में स्थित हैं। इसके साथ ही उनकी पत्नी के पास 3 करोड़ रुपये की कमर्शियल जमीन भी है।
कारोबारी दुनिया में गोपाल कांडा की यात्रा
गोपाल कांडा का शुरुआती सफर काफी संघर्षपूर्ण था। वे सिरसा के रहने वाले हैं और आठवीं तक पढ़ाई की है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत जूते-चप्पल की दुकान से की। यह दुकान उनके लिए एक बड़ा टर्निंग पॉइंट साबित हुई क्योंकि इसके बाद उन्होंने कई अन्य व्यवसायों में कदम रखा। उन्होंने जूपिटर म्यूजिक होम नाम से रेडियो रिपेयर की दुकान खोली थी। बाद में उन्होंने अपने भाई के साथ मिलकर कांडा शू शॉप नामक दुकान खोली जो काफी सफल रही।
इसके बाद उन्होंने जूतों की फैक्ट्री खोली और धीरे-धीरे बड़े नेताओं बिजनेसमैन और बिल्डर्स के साथ उनके संबंध बनने लगे। उनकी कारोबारी सफलता के चलते उन्हें रियल एस्टेट में भी बड़ी पहचान मिली और उन्होंने गुरुग्राम के प्रॉपर्टी बाजार में अपनी धाक जमाई।
गोपाल कांडा का राजनीतिक करियर
गोपाल कांडा ने 2009 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में सिरसा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद उन्होंने भूपेंद्र सिंह हुड्डा की कांग्रेस सरकार को समर्थन दिया जिसके बदले में उन्हें हरियाणा में गृह राज्यमंत्री का पद दिया गया। कांडा के राजनीतिक करियर का यह एक बड़ा टर्निंग पॉइंट था। हालांकि 2012 में एक विवादित केस में फंसने के कारण उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा और जेल की हवा खानी पड़ी।
2014 के विधानसभा चुनाव में कांडा को हार का सामना करना पड़ा लेकिन 2019 के चुनाव में उन्होंने सिरसा से फिर से जीत हासिल की और बीजेपी को समर्थन देकर एक बार फिर चर्चा में आए।
पिता के नाम पर एयरलाइंस
गोपाल कांडा ने 2007 में अपने पिता के नाम पर MDLR (मुरली धर लख राम) एयरलाइंस शुरू की थी। यह एयरलाइंस उस समय काफी चर्चा में रही लेकिन 2009 में इसे बंद करना पड़ा। इसके बावजूद कांडा ने व्यापार की दुनिया में अपनी पहचान बनाए रखी। उनके पास एक समय में 40 से ज्यादा कंपनियां थीं जिनमें कम उम्र और अनुभव वाले लोगों को बड़ी सैलरी पर रखा गया था।
विवादों से भी जुड़ा रहा नाम
गोपाल कांडा का नाम विवादों से भी जुड़ा रहा है। 2012 में उनकी एयरलाइंस में काम करने वाली एयर होस्टेस गीतिका शर्मा की आत्महत्या के बाद कांडा को काफी विवादों का सामना करना पड़ा। गीतिका ने अपने सुसाइड नोट में कांडा पर आरोप लगाए थे जिसके चलते उन्हें जेल भी जाना पड़ा। हालांकि 2023 में अदालत ने कांडा को इस मामले से बरी कर दिया।