सिरसा में किसानों से हो रही लूट पर सरकार मौन! खाद, बीज और कीटनाशकों की बिक्री में हो रही धांधली

Delhi Highlights, Sirsa News: भारतीय किसान एकता बीकेई के प्रदेशाध्यक्ष लखविंद्र सिंह औलख ने सिरसा जिले के डबवाली क्षेत्र में किसानों के साथ हो रही धांधली पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने कृषि विभाग की नाकामी का आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों से खाद बीज और कीटनाशकों के नाम पर धोखाधड़ी की जा रही है। विशेषकर बिना अनुमति वाले नकली और निम्न गुणवत्ता वाले उत्पाद बेचे जा रहे हैं। इसके बावजूद हरियाणा सरकार इस मुद्दे पर मौन है जबकि डीएपी की कमी के चलते कालाबाजारी और टैगिंग का सिलसिला बदस्तूर जारी है। औलख ने किसानों के साथ मिलकर नई अनाज मंडी सिरसा में हो रही धांधली की जांच की।
खाद बीज और कीटनाशक उत्पादों की बिक्री में अनियमितताएँ
औलख ने कहा कि सिरसा की नई अनाज मंडी में किसानों से गलत तरीके से उत्पाद बेचे जा रहे हैं। किसानों को बिना बिल दिए नकली और निम्न गुणवत्ता वाले उत्पादों की बिक्री हो रही है। औलख ने किसानों से अपील की कि जब भी वे कोई उत्पाद खरीदें तो विक्रेता से बिल अवश्य लें। ऐसा न करने पर उनके साथ धोखाधड़ी की संभावना बढ़ जाती है।
किसानों ने जब मंडी में दुकानदार सोहन लाल विनोद कुमार से सल्फर बीज और अन्य उत्पाद खरीदे तो उनसे बिल की मांग की गई। लेकिन दुकानदार ने बिल देने से इनकार कर दिया। इससे किसानों को शक हुआ और उन्होंने तुरंत इस मामले की सूचना औलख को दी। इसके बाद औलख ने कृषि विभाग के अधिकारियों को मौके पर बुलाया। जब अधिकारियों ने दुकान की जांच की तो वहां से नकली सल्फर की थैलियां बरामद की गईं जिन पर किसी भी निर्माता कंपनी का नाम अंकित नहीं था। केवल जैन फर्टिलाइजर और पेस्टिसाइड्स कंपनी का नाम लिखा था।
कृषि अधिकारियों की भूमिका पर सवाल
औलख ने आरोप लगाया कि कृषि विभाग के अधिकारी किसानों से हो रही इस धोखाधड़ी पर कोई कड़ी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। औलख ने कहा कि हरियाणा सरकार पराली जलाने पर तो कार्रवाई करती है लेकिन किसानों से की जा रही इस लूट पर मौन साधे हुए है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति तब तक सुधर नहीं सकती जब तक किसानों के साथ धोखाधड़ी करने वाले विक्रेताओं के साथ-साथ कृषि विभाग के संबंधित अधिकारियों पर भी सख्त कार्रवाई नहीं की जाती।
किसानों के लिए यह आवश्यक है कि वे किसी भी उत्पाद की खरीद करते समय बिल की मांग करें ताकि बाद में किसी भी प्रकार की समस्या या धोखाधड़ी का सामना न करना पड़े। औलख ने जोर देकर कहा कि हर दुकान और गोदाम पर साइन बोर्ड होना चाहिए जिस पर विक्रेता की पूरी जानकारी दर्ज हो। इससे किसानों को उत्पाद खरीदने में आसानी होगी और वे धोखाधड़ी से बच सकेंगे।
नकली सल्फर की बिक्री का मामला
मंडी में नकली सल्फर बेचे जाने का मामला तब और गंभीर हो गया जब किसानों को सल्फर की थैलियों पर किसी भी निर्माता कंपनी का नाम नहीं मिला। यह स्पष्ट करता है कि मंडी में नकली उत्पादों की बिक्री हो रही है। दुकानदार ने जब बिल देने से इनकार किया तो किसानों ने तुरंत इसकी सूचना अधिकारियों को दी। अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर सल्फर का नमूना लिया और उसे जांच के लिए भेज दिया।
औलख ने बताया कि नकली सल्फर की बिक्री से किसानों को भारी नुकसान हो सकता है। नकली उत्पाद न सिर्फ फसलों को नुकसान पहुंचा सकते हैं बल्कि यह किसानों की मेहनत और पैसों की भी बर्बादी है। इसलिए यह जरूरी है कि हर विक्रेता से उत्पाद का बिल लिया जाए और गुणवत्ता की जांच करवाई जाए।
कृषि विभाग की चेतावनी
कृषि विभाग ने सभी विक्रेताओं को सख्त चेतावनी जारी की है कि वे अपनी दुकानों और गोदामों पर साइन बोर्ड लगवाएं जिसमें सभी आवश्यक जानकारियाँ अंकित हों। इससे किसानों को सही जानकारी मिलेगी और वे किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी से बच सकेंगे। विभाग ने यह भी कहा कि यदि किसी विक्रेता की दुकान पर साइन बोर्ड नहीं लगा हुआ पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
किसानों से अपील
किसानों को किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी से बचाने के लिए औलख ने जोर देकर कहा कि वे हर बार उत्पाद खरीदते समय बिल लें और सुनिश्चित करें कि उत्पाद की गुणवत्ता अच्छी हो। यदि किसी भी विक्रेता से नकली या निम्न गुणवत्ता का उत्पाद मिलता है तो उसकी तुरंत रिपोर्ट करें ताकि उचित कार्रवाई की जा सके।
निजी लैब से जांच की योजना
अरविंद बैनीवाल ने कहा कि सल्फर और अन्य उत्पादों की जांच के लिए निजी लैब की भी मदद ली जाएगी ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि किसी भी प्रकार की धांधली नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकारी अधिकारी कभी-कभी लालच में आकर गड़बड़ी कर सकते हैं इसलिए निजी लैब से जांच करवाना आवश्यक हो गया है।
इस प्रकार किसानों की सुरक्षा और उनकी मेहनत की कद्र करते हुए औलख और अन्य किसान नेता इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। यह महत्वपूर्ण है कि सरकार और संबंधित विभाग इस तरह की धोखाधड़ी को रोकने के लिए कड़े कदम उठाएं ताकि किसानों को सही और गुणवत्तापूर्ण उत्पाद मिल सकें।