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गुरुग्राम में द्वारका एक्सप्रेसवे के पास बस डिपो बनाने की तैयारी, डेढ़ लाख परिवारों को मिलेगी राहत

द्वारका एक्सप्रेसवे और ऊपरी द्वारका एक्सप्रेसवे पर फिलहाल एक ही सिटी बस सेवा है, जो सेक्टर-99 से लेकर सेक्टर-115 तक चलती है। यह बस सेवा यात्रियों को मिलेनियम सिटी सेंटर मेट्रो स्टेशन और बस स्टैंड से जोड़ती है।
 
Dwarka Expressway

Dwarka Expressway: गुरुग्राम में द्वारका एक्सप्रेसवे के आसपास रहने वाले हजारों लोगों के लिए बड़ी राहत की खबर है। यहां पर गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (GMDA) ने परिवहन सुविधाओं को और बेहतर बनाने के लिए दो सिटी बस डिपो निर्माण की योजना बनाई है। GMDA ने इसके लिए सेक्टर-103 और सेक्टर-107 में जमीन चिह्नित की है। इन डिपो के बन जाने के बाद द्वारका एक्सप्रेसवे से जुड़े सेक्टरों, कॉलोनियों और गांवों में रहने वाले लगभग डेढ़ लाख परिवारों को नियमित और सुचारू परिवहन सेवा मिल सकेगी।

सिटी बस सेवा की मांग और मौजूदा स्थिति

द्वारका एक्सप्रेसवे और ऊपरी द्वारका एक्सप्रेसवे पर फिलहाल एक ही सिटी बस सेवा है, जो सेक्टर-99 से लेकर सेक्टर-115 तक चलती है। यह बस सेवा यात्रियों को मिलेनियम सिटी सेंटर मेट्रो स्टेशन और बस स्टैंड से जोड़ती है। हालांकि, इस सेवा के अंतर्गत दूसरी बस का इंतजार एक से डेढ़ घंटे तक करना पड़ता है, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी होती है। द्वारका एक्सप्रेसवे के आस-पास के क्षेत्रों में लगभग सौ रिहायशी सोसाइटी और कॉलोनियां हैं, जहां बड़ी संख्या में लोग रहते हैं। बेहतर परिवहन सेवा न होने की वजह से यहां के लोग काफी समय से समस्याओं का सामना कर रहे थे।

किन क्षेत्रों में डिपो का निर्माण होगा?

GMDA ने दो सिटी बस डिपो के निर्माण के लिए दौलताबाद गांव (सेक्टर-103) और मोहम्मदपुर हेड़ी गांव (सेक्टर-107) की जमीन को चुना है। यह दोनों डिपो ऊपरी द्वारका एक्सप्रेसवे पर बनाए जाएंगे, जिसमें दौलताबाद गांव की सात एकड़ जमीन और मोहम्मदपुर हेड़ी गांव की 9.5 एकड़ जमीन शामिल है। ये डिपो 100-100 ई-बसों के लिए तैयार होंगे, जो यातायात में सुधार और प्रदूषण को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होंगे।

प्रोजेक्ट के लिए बजट और समयसीमा

GMDA के अनुसार, दोनों सिटी बस डिपो के निर्माण के लिए अनुमानित लागत लगभग 32 करोड़ रुपये आएगी। गुरुग्राम नगर निगम के आयुक्त डॉ. नरहरि सिंह बांगड़ को इस संबंध में GMDA के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ए. श्रीनिवास ने एक पत्र भी भेजा है, जिसमें जमीन को प्राधिकरण के नाम पर दिए जाने की मांग की गई है। जैसे ही जमीन उपलब्ध हो जाएगी, इसके निर्माण कार्य के लिए किसी कंपनी को टेंडर आवंटित किया जाएगा। टेंडर मिलने के बाद, डिपो का निर्माण 1.5 वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य है।

स्थानीय निवासियों को क्या लाभ मिलेगा?

इस परियोजना के पूरे हो जाने के बाद, सेक्टर-99 से सेक्टर-115 के बीच बसे लगभग डेढ़ लाख परिवारों को एक नियमित और सुव्यवस्थित सिटी बस सेवा मिलेगी। इसके अलावा, द्वारका एक्सप्रेसवे से सटे गांव जैसे दौलताबाद, बसई, धनकोट, खेड़की माजरा, धनवापुर, धर्मपुर आदि के निवासियों को भी सीधा लाभ मिलेगा। इससे इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के दैनिक यात्रा के समय में कमी आएगी और उन्हें अधिक सुविधाजनक परिवहन सेवाएं मिल सकेंगी। साथ ही, बस सेवाओं के विस्तार से सड़क पर यातायात का दबाव भी कम होगा और निजी वाहनों की निर्भरता में भी कमी आएगी।

ई-बसें होंगी पर्यावरण के लिए अनुकूल

पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से GMDA ने इन बस डिपो में ई-बसों को प्राथमिकता दी है। ये इलेक्ट्रिक बसें न केवल यात्रियों को एक आरामदायक यात्रा का अनुभव प्रदान करेंगी बल्कि ध्वनि और वायु प्रदूषण को भी नियंत्रित करने में मददगार होंगी। ये ई-बसें पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त होंगी, जिससे द्वारका एक्सप्रेसवे के आसपास का पर्यावरण भी स्वच्छ रहेगा।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

द्वारका एक्सप्रेसवे के आसपास रहने वाले निवासियों ने GMDA के इस कदम की सराहना की है। कई स्थानीय लोगों ने उम्मीद जताई है कि डिपो के निर्माण के बाद उनकी यात्रा संबंधी समस्याएं दूर होंगी और उन्हें एक नियमित बस सेवा का लाभ मिलेगा। वर्तमान में, कई लोग बसों की कमी के कारण अपनी गाड़ियों का उपयोग करते हैं, जिससे ट्रैफिक बढ़ता है और समय भी अधिक लगता है।

चुनाव आचार संहिता के बाद शुरू होगा काम

GMDA अधिकारियों का कहना है कि इस परियोजना का काम चुनाव आचार संहिता खत्म होने के बाद ही शुरू किया जाएगा। जैसे ही जमीन उपलब्ध होगी और टेंडर प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, इसका निर्माण कार्य शीघ्र ही आरंभ हो जाएगा। अधिकारियों के अनुसार, एक बार निर्माण शुरू होने पर डेढ़ साल के अंदर डिपो का काम पूरा कर लिया जाएगा, जिससे यातायात की समस्याओं का समाधान हो सकेगा।