हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का नया टिकट वितरण फार्मूला, इन 3 परीक्षाओं से गुजरेंगे प्रत्याशी

चंडीगढ़ | हरियाणा में 14वीं विधानसभा चुनावों के लिए तारीखों का ऐलान होते ही राजनीतिक दलों में हलचल तेज़ हो गई है। लोकसभा चुनावों में 5 सीटों पर जीत दर्ज कर कांग्रेस पार्टी अब Assembly elections की तैयारियों में जुट गई है। इस बार कांग्रेस ने टिकट वितरण के लिए एक नया तरीका अपनाया है जो न केवल पार्टी के भीतर अनुशासन को बनाए रखने का प्रयास है बल्कि चुनावी सफलता की संभावना को भी बढ़ाने की दिशा में कदम है।
कांग्रेस का नया टिकट वितरण फॉर्मूला
कांग्रेस पार्टी इस बार हरियाणा विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण को लेकर तीन स्तरों पर सर्वेक्षण कराने जा रही है। इन तीन स्तरों की कसौटियों पर खरे उतरने वाले नेताओं को ही कांग्रेस पार्टी की ओर से टिकट मिलेगा। इसके अलावा पार्टी ने यह भी तय किया है कि पिछले दो चुनावों में हार का सामना कर चुके नेताओं को इस बार उम्मीदवार नहीं बनाया जाएगा।
कांग्रेस के टिकट के लिए तीन स्तरों की परीक्षा
कांग्रेस ने हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों से आवेदन पत्र मंगवाए थे। पार्टी को कुल 2,700 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इन आवेदनों को तीन स्तरों पर जांचा जाएगा जिससे पार्टी को अपने सबसे योग्य उम्मीदवारों का चयन करने में मदद मिलेगी।
पहला सर्वे: इस चरण में पार्टी ने बैंगलोर की एक मार्केटिंग और मैनेजमेंट कंपनी को हरियाणा की सभी विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों का सर्वेक्षण करने की जिम्मेदारी सौंपी है। इस सर्वे में जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं से उम्मीदवारों के बारे में फीडबैक लिया गया है। कंपनी ने इस सर्वे को पूरा कर लिया है और रिपोर्ट पार्टी हाईकमान को सौंप दी गई है।
दूसरा सर्वे: 20 अगस्त को पूरा होने वाला दूसरा सर्वे प्रत्येक विधानसभा सीट के लिए 5-8 उम्मीदवारों के नाम शॉर्टलिस्ट करेगा। इस चरण में उम्मीदवारों के सामाजिक, राजनीतिक और स्थानीय स्तर पर पकड़ की भी जांच की जाएगी।
तीसरा सर्वे: तीसरे और अंतिम चरण में हर विधानसभा सीट के लिए 3 उम्मीदवारों के नाम फाइनल किए जाएंगे। इस सर्वेक्षण के बाद ही कांग्रेस पार्टी अपने प्रत्याशियों की आधिकारिक घोषणा करेगी। इस तरह का तरीका कांग्रेस ने लोकसभा चुनावों के दौरान भी अपनाया था और वह सफल रहा था।
हुड्डा और शैलजा के बीच नेतृत्व की चुनौती
हरियाणा कांग्रेस के भीतर भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी शैलजा के बीच मुख्यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर चल रही खींचतान हाईकमान के लिए एक बड़ी चुनौती है। चुनाव से पहले इस विवाद को सुलझाना जरूरी है ताकि पार्टी एकजुट होकर चुनावी मैदान में उतर सके। इस चुनौती से निपटने के लिए हाईकमान हुड्डा और शैलजा दोनों के लिए सीटों का कोटा निर्धारित करने पर भी विचार कर रहा है। हालांकि इस पर कितना काम हो पाया है यह प्रत्याशियों के नाम फाइनल होने के बाद ही पता चलेगा।
कांग्रेस के लिए उम्मीदों की किरण
बेंगलोर की सर्वे कंपनी ने अपनी पहली रिपोर्ट में कांग्रेस के लिए हरियाणा विधानसभा चुनाव में जीत की संभावना जताई है। रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस को 56-62 सीटें मिलने की उम्मीद है। इसी कंपनी ने लोकसभा चुनावों के दौरान भी कांग्रेस के लिए 5-8 सीटों पर जीत की संभावना जताई थी जो सटीक साबित हुई।
इस रिपोर्ट के आधार पर कांग्रेस नेता 10 साल बाद सत्ता में वापसी की उम्मीद कर रहे हैं और इसके लिए जी-जान से जुट गए हैं। कांग्रेस का यह नया फॉर्मूला जिसमें पारदर्शिता और निष्पक्षता को प्राथमिकता दी गई है पार्टी के लिए एक सकारात्मक संकेत है।