Haryana Cabinet Meeting: हरियाणा के कच्चे कर्मचारियों को झटका, कैबिनेट की बैठक में नहीं हो पाया फैसला

चंडीगढ़: हरियाणा में कच्चे कर्मचारियों को सरकार ने बड़ा झटका दिया है। कर्मचारियों को पक्के करने को लेकर कैबिनेट मीटिंग में कोई फैसला नहीं हो पाया। सीएम नायब सैनी इस मीटिंग में किसी फैसले पर नहीं पहुंच पाए। मीटिंग के बाद सीएम नायब सैनी ने कहा कि कच्चे कर्मचारियों को लेकर सरकार ने अधिकारियों को कहा कि वह पॉलिसी बनाए। अभी सरकार काम कर रही है जल्द ही इस पर निर्णय लिया जाएगा।
सीएम सैनी ने बताया कि मीटिंग में 2 एजेंडे रखे थे जिनमें 20 एजेंडे पास हुए हैं। फसलों की रूस्क़ को लेकर कल कुरुक्षेत्र में जो घोषणा की गई थी उसको कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। सीएम ने बताया कि हरियाणा अपने खर्चे पर इसे बहन करेगी। सीएम बोले कि किसानों की आय में बढ़ोतरी करना का संकल्प है। हरियाणा सभी फसलों को एमएसपी पर खरीद करने वाला देश का पहला राज्य है।
सीएम नायब सैनी ने बताया कि अबियाना फजूल करने का कैबिनेट ने फैसला किया है। अब सूबे के किसानों से अबियाना नहीं लिया जाएगा। सीएम ने किसानों पर बकाया 140 करोड़ रुपया भी माफ करने का ऐलान किया। इसके साथ ही एक अप्रैल 2024 से अबियाना जमा करने के नोटिस गये थे सरकार उन्हे भी वापस लेगी अप्रैल के बाद जिस किसान ने अबियाना जमा करवाया है उसको वापिस दिया जाएगा। सरकार के इस फैसले से प्रदेश के 4299 गांवों के किसानों को लाभ मिलेगा।
इन फैसलों की भी मंजूरी
सीएम सैनी ने बताया कि हरियाणा राज्य में पिछड़े वर्गों के व्यक्तियों को ऋ्रीमीलेयर से बाहर रखने संबंधी मानदंडों के प्रस्ताव को एक्स-पोस्ट फैक्टो की स्वीकृति दी है। सीएम ने बताया कि कैबिनेट मीटिंग में हरियाणा राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को स्वीकार किया गया है।
इसके साथ ही हरियाणा धोलीदार बूटीमार भोंडेदार एवं मुकररीदार (स्वामित्व अधिकारों का निहित होना) नियम 2011 में संशोधन को मंजूरी दी गई है। एक्ट में संशोधन के बाद धोलीदार बूटीमार भोंडेदार एवं मुकररीदार या उनके हित-उत्तराधिकारी जिनका 20 वर्ष की समय सीमा पूरी हो गई है वे अब मालिकाना हक के लिए कभी भी आवेदन कर सकते हैं।
इसलिए कैबिनेट में हुई चर्चा
किसी भी नतीजे पर पहुंचने से पहले सरकार ने तय किया है कि कैबिनेट मीटिंग में विधिवत तौर पर एजेंडा न ले जाया जाए। मीटिंग में अनौपचारिक तौर पर तीनों मसौदों के बिंदुओं पर चर्चा कर ली जाए चर्चा में जैसा फैसला हो वैसी पॉलिसी बना ली जाए।
मंत्रिमंडल ही तय करेगा कि सर्विस सिक्योरिटी एक्ट बनाया जाना है या ऑर्डिनेंस जारी करना है और बाद में विधानसभा में विधेयक लाकर पारित कर दिया जाए या मंत्रिमंडल से मंजूरी लेने के बाद रेगुलराइजेशन पॉलिसी ही जारी कर दी जाए।
अभी ३ प्रकार की पॉलिसी का मसोदे ही तैयार
हरियाणा सरकार ने कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने के अभी 3 प्रकार की पॉलिसी का मसौदा तैयार किया हुआ है। पहला मसौदा तो गेस्ट टीचर्स की तर्ज पर सर्विस सिक्योरिटी एक्ट देने का है जबकि एक सर्विस सिक्योरिटी एक्ट की तर्ज पर अध्यादेश का मसौदा है।
दोनों में लगभग समानता है केवल मानदेव और अस्थायी सेवा काल का अंतर है थोड़ा सा अंतर परिभाषा का भी है। तीसरा मसौदा रेगुलराइजेशन पॉलिसी का तैयार है। इसके अलावा मानसून सेशन की डेट पर भी कैबिनेट मीटिंग में फैसला होगा।