Haryana Monsoon: हरियाणा के इन चार जिलों में मूसलाधार बारिश का अलर्ट, देखें मौसम पूर्वानुमान

Delhi highlights, चंडीगढ़ : हरियाणा में मानसून की सक्रियता ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश का माहौल बना दिया है। सिरसा, पानीपत, जींद, फरीदाबाद, रोहतक और सोनीपत समेत कई जगहों पर आज सुबह से ही बारिश हो रही है जिससे जगह-जगह जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। सड़कों पर लगभग एक फीट तक पानी भर गया है जिससे लोगों को आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस बारिश से जहां जनजीवन प्रभावित हुआ है वहीं फसलों के लिए इसे लाभदायक माना जा रहा है।
हरियाणा में मानसून की स्थिति
हरियाणा में इस वर्ष का मानसून अब तक औसत से कम रहा है। हालांकि अगस्त महीने में सामान्य से 21% अधिक बारिश हुई है लेकिन पूरे मानसून सीजन को देखें तो राज्य में अब तक 17% कम बारिश दर्ज की गई है। मानसून का सीजन 1 जून से 30 सितंबर तक होता है जिसमें राज्य में कुल 440 मिलीमीटर बारिश की उम्मीद होती है। अभी तक 282.9 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है जबकि सामान्य बारिश 341 मिलीमीटर होती है यानी मानसून के कोटे की 157 मिलीमीटर बारिश अब भी बाकी है।
12 जिलों में सामान्य से कम बरसात
हरियाणा के 12 जिलों में अब तक सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है जबकि तीन जिलों में सामान्य से अधिक बारिश हुई है। जिन जिलों में कम बारिश हुई है वहां कृषि गतिविधियों पर इसका असर पड़ सकता है। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार वर्तमान में फसलों को पानी की आवश्यकता है और यदि सितंबर में अच्छी बारिश होती है तो यह फसलों के लिए काफी लाभदायक होगी। सितंबर की बारिश से राज्य में मानसून की कमी काफी हद तक पूरी हो सकती है।
4 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग ने हरियाणा के 4 जिलों पंचकूला, अंबाला, करनाल और यमुनानगर में आज के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में भारी बारिश से जलभराव की स्थिति और अधिक गंभीर हो सकती है जिससे जनजीवन प्रभावित हो सकता है। इसलिए लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र
मौसम विज्ञान विभाग चंडीगढ़ के निदेशक डॉ. सुरेंद्र पाल के अनुसार बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है जिससे हरियाणा में 2 से 5 सितंबर तक बरसात की संभावना बनी हुई है। इस दौरान पश्चिम विक्षोभ भी सक्रिय रहेगा जिससे राज्य में अच्छी बारिश की उम्मीद है। इसके अलावा सितंबर में भी बरसात के अन्य स्पैल आ सकते हैं जो राज्य में मानसून की कमी को पूरा करने में मदद करेंगे।