Haryana News: हरियाणा में प्रशासन के दावे फेल, डीएपी खाद की किल्लत से किसानों की बढ़ी परेशानियां

हरियाणा सरकार ने रबी सीजन के दौरान डीएपी खाद की कमी से निपटने के लिए कई सख्त कदम उठाए हैं। सरकार ने बताया कि राज्य में डीएपी की मांग को देखते हुए सभी अंतरराज्यीय सीमाओं पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि राज्य में आवश्यक खाद की आपूर्ति बिना किसी बाधा के हो और डीएपी को अन्य राज्यों में जाने से रोका जा सके। सभी डीएपी डीलरों को भी यह निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने स्टॉक में पर्याप्त मात्रा में खाद रखें ताकि किसानों को कोई परेशानी न हो।
रबी सीजन में 2.15 लाख टन डीएपी की जरूरत
हरियाणा में रबी सीजन के दौरान 2.15 लाख टन डीएपी की आवश्यकता होगी। सरकार ने पहले ही 85 हजार टन डीएपी की आपूर्ति सुनिश्चित कर ली है और बाकी डीएपी नवंबर में गेहूं की बुवाई शुरू होने से पहले पहुंचाने की योजना बनाई गई है। इस सीजन में गेहूं के साथ-साथ सरसों की भी बुवाई होनी है जिससे खाद की मांग और भी बढ़ जाएगी। इसको देखते हुए हरियाणा सरकार ने केंद्र से भी अतिरिक्त डीएपी उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है ताकि किसानों को किसी भी तरह की कमी का सामना न करना पड़े।
सीमावर्ती क्षेत्रों पर कड़ी निगरानी
कृषि विभाग ने सभी जिला उपायुक्तों को सीमावर्ती क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि डीएपी की खेप राज्य से बाहर न जा सके। इसके लिए सरकार ने विशेष टीमें गठित की हैं जो निगरानी कर रही हैं। विभाग का दावा है कि इस बार किसी भी किसान को खाद की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
किसानों के लिए डीएपी खाद की मांग में तेजी
रबी सीजन नजदीक आते ही डीएपी खाद की मांग तेजी से बढ़ी है। हालांकि सरकार लगातार आपूर्ति सुनिश्चित कर रही है फिर भी किसानों को खाद मिलने में दिक्कतें आ रही हैं। कई किसानों ने शिकायत की है कि उन्हें लंबी लाइनों में खड़े होने के बावजूद पर्याप्त मात्रा में खाद नहीं मिल पा रहा है। इसके साथ ही सरकार ने किसानों से अपील की है कि वे उतनी ही खाद लें जितनी आवश्यकता हो और बेवजह की खरीदारी से बचें।
खाद की कालाबाजारी रोकने के निर्देश
कृषि विभाग ने सभी जिला उप कृषि निदेशकों को खाद की कालाबाजारी पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए हैं। अगर कोई डीलर या व्यापारी खाद की कालाबाजारी में संलिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए डीलरों के रजिस्टरों की रोजाना जांच की जाएगी ताकि यह देखा जा सके कि कितनी मात्रा में खाद किसानों को बेची गई है। किसानों से भी अपील की गई है कि वे कालाबाजारी की शिकायतें दर्ज कराएं।
खाद की उपलब्धता के बावजूद दिक्कतें
हालांकि राज्य में डीएपी की पर्याप्त मात्रा होने के दावे किए जा रहे हैं लेकिन कई जगहों पर किसानों को खाद मिलने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। चरखी दादरी और कई अन्य क्षेत्रों में किसानों को खाद के लिए घंटों लाइनों में लगना पड़ रहा है। महिलाओं और बच्चों को भी सुबह से ही लाइन में खड़ा होना पड़ रहा है फिर भी उन्हें खाद नहीं मिल पा रही है। इसका असर उनकी फसलों पर पड़ सकता है और उनके आर्थिक नुकसान का खतरा बढ़ गया है।
किसानों का विरोध और सरकार का आश्वासन
डीएपी खाद की किल्लत को लेकर हरियाणा के कई जिलों में किसानों ने विरोध प्रदर्शन भी किए हैं। किसानों का कहना है कि अगर जल्द ही उन्हें खाद नहीं मिली तो उनकी फसलें बर्बाद हो सकती हैं। कृषि विभाग ने किसानों को आश्वस्त किया है कि खाद की आपूर्ति लगातार जारी है और किसी भी किसान को खाद की कमी नहीं होने दी जाएगी। इसके बावजूद खाद की कमी से किसानों की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं।