विधानसभा चुनाव के दौरान सिरसा पुलिस की मुस्तैदी, हरियाणा रोडवेज बस चालक के पास से मिला 4 किलो 685 ग्राम डोडा पोस्त

Delhi highlights, चंडीगढ़ : हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Elections) को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर रखे हैं। इसी सिलसिले में जमाल गांव के समीप वाहनों की जांच की जा रही थी। शुक्रवार की शाम को पुलिस ने राजस्थान के नोहर से आ रही हरियाणा रोडवेज (Haryana Roadways) की एक बस की तलाशी ली। इस तलाशी के दौरान बस से एक ऐसी सामग्री बरामद हुई जिसने सुरक्षा बलों को चौकन्ना कर दिया। सिरसा से राजस्थान के पोखरण के बीच चलने वाली इस बस में चालक द्वारा राजस्थान से तस्करी कर डोडा पोस्त लाया जा रहा था। पुलिस ने मौके पर बस चालक को गिरफ्तार कर लिया है और उससे पूछताछ जारी है।
तलाशी के दौरान कैसे हुआ खुलासा ?
पुलिस के मुताबिक जमाल गांव के पास चल रही वाहन जांच के दौरान जब हरियाणा रोडवेज की बस की बारी आई तो पुलिस ने संदेह के आधार पर बस की तलाशी लेने का निर्णय लिया। तलाशी के दौरान बस चालक की सीट के पीछे एक प्लास्टिक का कट्टा रखा हुआ मिला। जब पुलिस ने इस कट्टे के बारे में चालक से पूछताछ की तो वह हड़बड़ा गया और कहने लगा कि यह उसका है। इस हड़बड़ाहट ने पुलिस के संदेह को और बढ़ा दिया और उन्होंने तुरंत ही कट्टे की गहन जांच शुरू की।
राजपत्रित अधिकारी की उपस्थिति में तलाशी
तलाशी प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए नजदीकी राजपत्रित अधिकारी कृष्ण कुमार जो कि राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल रुपावास के प्रभारी हैं को मौके पर बुलाया गया। उनकी उपस्थिति में पुलिस ने कट्टे की जांच की और उसमें से डोडा पोस्त बरामद हुआ। बरामद डोडा पोस्त का वजन कम्प्यूटराइज्ड काटे से किया गया जो कि 4 किलो 685 ग्राम निकला। यह मात्रा इस बात की गवाही दे रही थी कि यह तस्करी का एक संगठित प्रयास था जिसे चुनाव के दौरान बढ़ती सुरक्षा के बावजूद अंजाम देने की कोशिश की गई।
बस चालक की गिरफ्तारी और पूछताछ
पुलिस ने तुरंत बस चालक रमेश कुमार जो कि हरियाणा के नाथूसरी कलां का निवासी है को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान रमेश कुमार ने कबूल किया कि वह राजस्थान के नोहर से डोडा पोस्त लेकर आया था। यह खुलासा इस बात का संकेत है कि तस्करी का यह नेटवर्क राजस्थान से हरियाणा तक फैला हुआ है और इसके पीछे एक बड़े गैंग का हाथ हो सकता है। पुलिस ने बताया कि रमेश कुमार से और भी जानकारी जुटाई जा रही है जिससे इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों का पता लगाया जा सके।
चुनाव के दौरान सुरक्षा पर सवाल
इस घटना ने चुनाव के दौरान सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। चुनाव के समय में इस प्रकार की तस्करी का पकड़ा जाना दर्शाता है कि अपराधी चुनावी माहौल का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस की सतर्कता के बावजूद इस प्रकार की गतिविधियां सामने आना चिंता का विषय है। हालांकि इस घटना ने पुलिस की तत्परता को भी दर्शाया है जिसने तस्करों के इस मंसूबे को नाकाम कर दिया।
डोडा पोस्त जिसे आमतौर पर अफीम के रूप में जाना जाता है नशीले पदार्थों की श्रेणी में आता है। इसे बनाने के लिए अफीम के पौधे के पत्तों और डोडे का उपयोग किया जाता है। यह पदार्थ न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है बल्कि इसका उपयोग नशे के लिए किया जाता है जिससे समाज में अपराध और हिंसा को बढ़ावा मिलता है। भारत में इस पदार्थ का उत्पादन बिक्री और उपयोग अवैध है। तस्कर इसे एक राज्य से दूसरे राज्य में ले जाकर मोटे मुनाफे के लिए बेचते हैं।
पुलिस की आगामी रणनीति
पुलिस ने बताया कि इस मामले की गहन जांच की जा रही है और आरोपी रमेश कुमार से पूछताछ के आधार पर इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। पुलिस का कहना है कि वह इस मामले में किसी भी दोषी को बख्शने के मूड में नहीं है और तस्करी के इस नेटवर्क को जड़ से खत्म करने के लिए पूरी ताकत लगाएगी।