delhihighlight

हिमाचल को मिली बड़ी सौगात, जमीन के नीचे से निकलेगा 85 km का फोरलेन हाईवे, जानें कहां से होकर गुजरेगा ?

Himachal Pradesh News : हिमाचल प्रदेश में केंद्र सरकार ने एक बड़ी परियोजना की मंजूरी दे दी है जिसके तहत 85 किलोमीटर लंबा फोर लाइन हाईवे (85 kilometer long four lane highway) बनाया जाएगा। यह हाईवे खास होगा क्योंकि इसका अधिकतर हिस्सा सुरंगों के माध्यम से जमीन के नीचे से गुजरेगा।
 
85 km four-lane highway

Delhi highlights (ब्यूरो)। हिमाचल प्रदेश में केंद्र सरकार ने एक बड़ी परियोजना की मंजूरी दे दी है जिसके तहत 85 किलोमीटर लंबा फोर लाइन हाईवे (85 kilometer long four lane highway) बनाया जाएगा। यह हाईवे खास होगा क्योंकि इसका अधिकतर हिस्सा सुरंगों के माध्यम से जमीन के नीचे से गुजरेगा। इस परियोजना का उद्देश्य न केवल प्रदेश की यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाना है बल्कि पर्यावरणीय चुनौतियों जैसे बारिश बर्फबारी और भू-स्खलन से होने वाले नुकसान से बचाव करना भी है।

85 किलोमीटर फोर लाइन हाईवे

इस परियोजना के तहत हिमाचल प्रदेश में 85 किलोमीटर लंबे फोर लाइन हाईवे का निर्माण किया जा रहा है जो न केवल सड़क यातायात को सुगम बनाएगा बल्कि प्रदेश के मुख्य शहरों को बेहतर तरीके से जोड़ने का काम करेगा। इस हाईवे में कुल 68 सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है जिनमें से 13 सुरंगों का निर्माण पहले ही पूरा किया जा चुका है। इसके अलावा 27 सुरंगों पर काम जारी है और 30 सुरंगों के लिए डीपीआर (Detailed Project Report) तैयार की जा रही है।

सरकार का लक्ष्य है कि 2040 तक पूरे देश को एक मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से सड़क और रेल नेटवर्क से जोड़ा जाए। इसी परियोजना के तहत हिमाचल प्रदेश के इस हाईवे पर काम शुरू किया गया है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने इस हाईवे को मंजूरी दी है और डीपीआर लगभग तैयार हो चुकी है।

आपदा के बाद सुरंग निर्माण का सुझाव

2023 में आई भीषण प्राकृतिक आपदा के बाद किरतपुर-मनाली नेशनल हाईवे के साथ-साथ पठानकोट-मंडी और पिंजौर-नालागढ़ मार्ग को काफी नुकसान हुआ था। इस दौरान कई स्थानों पर सड़कें बह गई थीं और यातायात पूरी तरह से ठप हो गया था। इस आपदा के बाद NHAI ने हाईवे की स्थिति का मुआयना किया और IIT और रिटायर्ड इंजीनियरों की मदद से सुरंग निर्माण का सुझाव सबसे प्रभावी माना गया।

इसके बाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने NHAI को प्रभावित क्षेत्रों में सुरंग निर्माण पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। अब हाईवे का बड़ा हिस्सा इन सुरंगों के माध्यम से गुजरेगा जिससे न केवल यात्रा की दूरी और समय में कमी आएगी बल्कि बारिश और बर्फबारी से होने वाली परेशानियों से भी बचा जा सकेगा।

सुरंगों के निर्माण से कितनी होगी दूरी में कमी?

इस परियोजना के तहत पठानकोट-मंडी किरतपुर-मनाली कalka-शिमला-मटौर और पिंजौर-नालागढ़ नेशनल हाईवे पर सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है। इन सुरंगों के माध्यम से लगभग 126 किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी जिससे यात्रियों के सफर का समय 12.50 घंटे घट जाएगा। इन सुरंगों की कुल लंबाई 85 किलोमीटर होगी।

किरतपुर-मनाली मार्ग पर 41.31 किलोमीटर लंबी 28 सुरंगों का निर्माण प्रस्तावित है जिनमें से 13 सुरंगों का काम पूरा हो चुका है। इन सुरंगों के बन जाने के बाद यात्रियों को सफर में किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा बारिश या बर्फबारी के चलते होने वाली रुकावटों का सामना नहीं करना पड़ेगा।

सुरंगों से होगा हिमाचल का विकास

हिमाचल प्रदेश में सुरंगों का निर्माण केवल यातायात सुविधा को सुधारने के लिए नहीं किया जा रहा है बल्कि यह प्रदेश के विकास के लिए एक कदम है। इन सुरंगों के माध्यम से पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटा जाएगा और प्रदेश के दूर-दराज के क्षेत्रों को मुख्य शहरों से जोड़ने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही व्यापार और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा जिससे प्रदेश की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।