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इस ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के लिए 18 गांवों की भूमि का होगा अधिग्रहण, इन किसानों को मिलेगा 4 गुना मुआवजा

इस परियोजना के लिए उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान के 100 गांवों की 562 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा एक्सप्रेस-वे का नेशनल हाईवे नंबर जारी किया जाएगा।
 
Gwalior Greenfield Expressway

Gwalior Greenfield Expressway: आगरा-ग्वालियर ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण शुरू होने वाला है जो आगरा और ग्वालियर के बीच की दूरी को कम करेगा और यात्रा को सुगम बनाएगा। यह एक्सप्रेस-वे 88 किलोमीटर लंबा होगा और इसे छह लेन में बनाया जाएगा। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र की यातायात समस्या को हल करना और विकास को प्रोत्साहित करना है।

भूमि अधिग्रहण और मुआवजा

इस परियोजना के तहत तहसील सदर, खेरागढ़ और फतेहाबाद के 18 गांवों की 134 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होगा। इसके लिए किसानों को चार गुना मुआवजा दिया जाएगा। इस अधिग्रहण में लगभग 400 किसान शामिल होंगे। जिला प्रशासन ने इस अधिग्रहण के लिए अधिसूचना का प्रस्ताव भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को भेज दिया है।

इस परियोजना के लिए तीन दिनों में तीन अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त हो चुके हैं। इनमें प्रमुख रूप से चंबल नदी में वाइल्ड लाइफ क्लीयरेंस और वन विभाग की एनओसी शामिल हैं। यह एनओसी परियोजना के सुचारु रूप से संचालन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

परियोजना की लागत और निर्माण

इस छह लेन एक्सप्रेस-वे की कुल लागत 4263 करोड़ रुपये है। इस परियोजना में चंबल नदी पर 600 मीटर लंबा हैंगिंग पुल भी बनाया जाएगा। एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य वर्ष 2025 से शुरू होगा और सितंबर 2025 में किसानों को मुआवजा वितरित किया जाएगा। इसके लिए 14 अगस्त 2024 को एनएचएआई कार्यालय नई दिल्ली में टेंडर खोला जाएगा।

भूमि अधिग्रहण के चरण

पहले चरण की भूमि

पहले चरण में तहसील सदर के गांव सलेमाबाद, पट्टी पचगांई, देवरी, रोहता, खेरागढ़ तहसील के गांव गौहर्रा और फतेहाबाद तहसील के गांव तोर और इनायतपुर की कुल 17 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा।

दूसरे चरण की भूमि

दूसरे चरण में तहसील सदर के गांव सलेमाबाद में 2.56 हेक्टेयर, ककरारी में 12.04 हेक्टेयर, देवरी में 7.37 हेक्टेयर, खेरागढ़ तहसील के गांव गौहर्रा में 4.48 हेक्टेयर, बाबरपुर में 5.65 हेक्टेयर, शेरपुर में 9.68 हेक्टेयर, पुसैता में 14.99 हेक्टेयर, महदेवा में 1.67 हेक्टेयर, डाढकी में 1.98 हेक्टेयर, सदूपुरा में 4.19 हेक्टेयर, फतेहाबाद तहसील के गांव तोर में 1.83 हेक्टेयर, फूलपुर में 4.32 हेक्टेयर, करौंधना में 10.09 हेक्टेयर, नगला पाटम में 17.75 हेक्टेयर और लुहेंटा में 19.02 हेक्टेयर भूमि शामिल है। कुल मिलाकर दूसरे चरण में 15 गांवों की 117 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा।

एनओसी की प्राप्ति

एनएचएआई ग्वालियर खंड को रेलवे की एनओसी भी प्राप्त हो चुकी है जो मई में मिली थी। जाजऊ से करौंधना के मध्य सबसे बड़ा पुल बनेगा जो एक छह लेन का रेल ओवर ब्रिज होगा। इस एनओसी के प्राप्त होने से परियोजना के संचालन में कोई रुकावट नहीं आएगी और यह सुचारु रूप से चल सकेगी।

राज्यों की भूमि का अधिग्रहण

इस परियोजना के लिए उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान के 100 गांवों की 562 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा एक्सप्रेस-वे का नेशनल हाईवे नंबर जारी किया जाएगा। एनएचएआई ग्वालियर खंड के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिलने से पहले वाइल्ड लाइफ क्लीयरेंस, वन विभाग मुरैना और सरकारी भूमि की अनुमति मिल चुकी है।