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बचपन से सीखा सांपों का दोस्त बनना, अब तक अनगिनत सांपों को जंगल में छोड़ा, जानिए सिरसा के जोगिंद्र सिंह बैनीवाल की कहानी

जोगिंद्र सिंह बैनीवाल का कहना है कि सांप पर्यावरण का हिस्सा हैं और उन्हें मारने की बजाय सुरक्षित जगहों पर छोड़ देना चाहिए। 24 सितंबर 2024 को उन्होंने नाथूसरी चौपटा में एक कोबरा सांप को एक घर से पकड़ा और उसे दूर जंगल में छोड़ दिया जहां इंसान का कोई दखल नहीं हो।
 
Joginder Singh Beniwal

सिरसा के गांव गिगोरानी के जोगिंद्र सिंह बैनीवाल जिन्हें प्यार से 'जोगा' के नाम से जाना जाता है सांपों को पकड़ने में माहिर हैं। सांप का नाम सुनते ही जहां अधिकतर लोग डर जाते हैं वहीं जोगिंद्र सिंह आसानी से इन खतरनाक और विषैले सांपों को काबू में कर लेते हैं। उनकी इस अद्भुत कला की वजह से लोग अक्सर कहते हैं कि जोगिंद्र और सांपों के बीच में एक दोस्ती है।

सांपों से अनोखी दोस्ती:

जोगिंद्र सिंह बैनीवाल का कहना है कि सांप पर्यावरण का हिस्सा हैं और उन्हें मारने की बजाय सुरक्षित जगहों पर छोड़ देना चाहिए। 24 सितंबर 2024 को उन्होंने नाथूसरी चौपटा में एक कोबरा सांप को एक घर से पकड़ा और उसे दूर जंगल में छोड़ दिया जहां इंसान का कोई दखल नहीं हो। उनका मानना है कि सांप खुद इंसान से डरते हैं लेकिन इंसान उन्हें अपने लिए खतरा मानते हुए जान से मार देता है।

सांप पकड़ने की कला बचपन से सीखी

जोगिंद्र सिंह बचपन से ही सांपों को पकड़ने का कार्य कर रहे हैं। उनके लिए सांपों को काबू करना कोई डरावना काम नहीं बल्कि समाज सेवा का हिस्सा है। वह अब तक अनगिनत सांपों को पकड़ चुके हैं जिसमें कोबरा और गोहिरा जैसे खतरनाक सांप शामिल हैं। उनके लिए सबसे बड़ी खुशी तब होती है जब वे इन सांपों को सुरक्षित रूप से जंगल में छोड़ते हैं। जोगिंद्र का मानना है कि सांप हमारे पर्यावरण के लिए अत्यंत आवश्यक होते हैं।

सांपों का पर्यावरण में योगदान

जोगिंद्र सिंह के अनुसार सांप पर्यावरण में फैली विषैली गैसों को अपने अंदर समाहित कर उसे कार्बन डाइऑक्साइड में बदलने का काम करते हैं। यह प्रक्रिया पर्यावरण को संतुलित रखने में भूमिका निभाती है। वे कहते हैं कि अगर लोग सांपों को समझें और उनसे डरने की बजाय उनकी भूमिका को स्वीकारें तो इंसान और सांप एक दूसरे के साथ सहजता से रह सकते हैं।

समाज सेवा के रूप में सांपों को बचाना

जोगिंद्र सिंह का यह मानना है कि सांपों को सुरक्षित जगहों पर छोड़कर उन्हें मारने से रोका जा सकता है। उन्होंने अपने कार्य को समाज सेवा का रूप दिया है। जोगिंद्र हमेशा प्रयास करते हैं कि जब भी कोई जहरीला सांप बस्ती में आए तो उसे बिना नुकसान पहुंचाए जंगल में छोड़ दिया जाए।

सांप पकड़ने के दौरान सावधानी:

हालांकि जोगिंद्र सिंह के लिए यह कार्य सहज है लेकिन वह हमेशा सावधानी बरतते हैं। सांप पकड़ने के दौरान वे सुरक्षा के सारे उपाय करते हैं ताकि सांप को भी नुकसान न हो और इंसानों को भी।

सांपों के प्रति समाज का नजरिया

जोगिंद्र सिंह चाहते हैं कि लोग सांपों के प्रति अपना नजरिया बदलें। वे सांपों से डरने की बजाय उन्हें पर्यावरण के एक आवश्यक अंग के रूप में स्वीकारें। सांपों को मारने की जगह उन्हें सुरक्षित स्थानों पर छोड़ने का प्रयास करें।

जोगिंद्र सिंह की इस अद्भुत कला और पर्यावरण प्रेम को देखकर यह साफ है कि अगर सही जानकारी और समझ हो तो सांपों को बिना नुकसान पहुंचाए उनके साथ रहना संभव है। जोगिंद्र सिंह बैनीवाल का यह अनोखा कार्य समाज के लिए एक उदाहरण है।