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सिरसा में किसानों की सूझबूझ से टला बड़ा रेल हादसा, बारिश का पानी भरने से धंस गए पत्थर

जानकारी के अनुसार जयपुर से श्रीगंगानगर जाने वाली ट्रेन रात साढ़े 9 बजे ऐलनाबाद से रवाना हुई। जब ट्रेन ने पांच किलोमीटर की दूरी तय कर ली तब किसानों ने टॉर्च और मोबाइल की लाइट दिखाकर ट्रेन को रोक दिया। लोको पायलट ने ट्रेन रोकने का कारण पूछा तो उन्हें बताया गया कि आगे पटरी के नीचे से रोड़ी और मिट्टी बारिश के पानी के साथ बह गई है।
 
Railway accident

सिरसा के ऐलनाबाद में जयपुर से श्रीगंगानगर वाया ऐलनाबाद चलने वाली गाड़ी संख्या 04706 वीरवार रात एक बड़े हादसे का शिकार होने से बच गई। तलवाड़ा खुर्द से बेहरवाला के बीच स्थित अंडरपास के ऊपर से गुजर रही पटरी के नीचे से मिट्टी और पत्थर का कटाव हो जाने की जानकारी मिलते ही किसानों ने टॉर्च और मोबाइल की रोशनी से ट्रेन को रुकवाया।

किसानों की सूझबूझ से टला हादसा

जब किसानों को यह जानकारी मिली कि पटरी के नीचे से मिट्टी और पत्थर बह गए हैं तो उन्होंने तुरंत ही ट्रेन को रुकवाने का प्रयास किया। ऐलनाबाद से रेलवे के अधिकारी-कर्मचारी और जीआरपी टीम भी तुरंत मौके पर पहुंची और किसानों की मदद से पटरी को दुरुस्त करवाया। इस दौरान ट्रेन करीब 45 मिनट तक रुकी रही। यह घटना साबित करती है कि किसानों की तत्परता और सूझबूझ ने एक बड़े हादसे को टाल दिया।

जानकारी के अनुसार जयपुर से श्रीगंगानगर जाने वाली ट्रेन रात साढ़े 9 बजे ऐलनाबाद से रवाना हुई। जब ट्रेन ने पांच किलोमीटर की दूरी तय कर ली तब किसानों ने टॉर्च और मोबाइल की लाइट दिखाकर ट्रेन को रोक दिया। लोको पायलट ने ट्रेन रोकने का कारण पूछा तो उन्हें बताया गया कि आगे पटरी के नीचे से रोड़ी और मिट्टी बारिश के पानी के साथ बह गई है। लोको पायलट ने मौके पर जाकर देखा तो पटरी हवा में थी। उन्होंने तुरंत ही ऐलनाबाद रेल प्रशासन को सूचित किया। कुछ ही देर बाद रेलवे पुलिस और रेल कर्मचारी मौके पर पहुंचे और पटरी को दुरुस्त किया।

भारी बारिश के कारण हुआ कटाव

वीरवार को क्षेत्र में भारी बारिश के कारण गांव तलवाड़ा खुर्द से बेहरवाला के बीच स्थित अंडरपास में पानी भर गया था। अंडरपास के ऊपर से गुजर रही रेल पटरी के नीचे से मिट्टी का कटाव हो गया और रोड़ी बह गई। तलवाड़ा खुर्द निवासी किसान भीम सेन सांई और उनके बेटे वकील चंद रात करीब 9 बजे खेतों में बनी ढाणी की ओर जा रहे थे। अंडरपास के पास पहुंचे तो कुछ गिरने की आवाज सुनी। मौके पर जाकर देखा तो पटरी के नीचे के कुछ हिस्से की मिट्टी और पत्थर गायब थे। उन्होंने तुरंत फोन कर आसपास की ढाणियों के किसानों को मौके पर बुलाया।

भीम सेन और उनके बेटे वकील चंद ने तत्परता दिखाते हुए ऐलनाबाद की ओर से आ रही ट्रेन को रोकने के लिए टॉर्च और मोबाइल की लाइट का उपयोग किया। एक व्यक्ति को ट्रेन के आगे मोबाइल की लाइट और टॉर्च जलाकर दौड़ते देख लोको पायलट ने हादसे की आंशका को भांपकर ट्रेन रोक दी। इस प्रकार किसानों की सूझबूझ और तत्परता के कारण एक बड़ा हादसा टल गया।

जीआरपी थाना प्रभारी सिकंदर सिंह ने बताया कि पटरी के नीचे से पत्थर और मिट्टी का कटाव हो गया था। किसानों की सूझबूझ से हादसा टल गया। रेलवे कर्मचारियों ने किसानों की मदद से पटरी को दुरुस्त कर दिया। रात साढे़ 10 बजे से लेकर सुबह 4 बजे तक यहां से रेलगाड़ियों को धीमी गति से गुजारा गया। यह सुनिश्चित किया गया कि ट्रेनें सुरक्षित रूप से गुजर सकें और कोई अनहोनी न हो।