दिल्ली-NCR में नोएडा के पास बनेगा नया शहर, इन 144 गाँव को मिलेगी वर्ल्ड क्लास सुविधाएं

Delhi Highlights, नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर के रियल एस्टेट सेक्टर में अपनी पहचान बना चुका ग्रेटर नोएडा अब और भी बड़ा और आधुनिक होने जा रहा है। शहर में किफायती घरों से लेकर लक्जरी अपार्टमेंट तक हर चीज की प्रचुर आपूर्ति है जो इसे देश में सबसे प्रचलित रियल एस्टेट बाजारों में से एक बनाती है। ग्रेटर नोएडा के पास देश के पहले एफ-1 ट्रैक के बाद अब यहां नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनकर तैयार है। शहर में चौड़ी सड़कें उत्कृष्ट कनेक्टिविटी और आधुनिक बुनियादी ढांचा है जो इसे विश्व स्तरीय शहर बनाता है।
अब ग्रेटर नोएडा फेज 2 योजना शहर के विकास को और गति देगी जिससे दिल्ली-एनसीआर के रियल एस्टेट सेक्टर को एक नई दिशा मिलेगी। उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक ने योजना के मास्टर प्लान को मंजूरी दे दी है जिससे 40 गांवों की भूमि पर ग्रेटर नोएडा चरण 2 का निर्माण किया जा सकेगा।
औद्योगिक विकास पर विशेष फोकस
ग्रेटर नोएडा चरण II न केवल क्षेत्रीय विकास लाएगा बल्कि 144 गांवों में भी विकास की लहर लाएगा। ग्रेटर नोएडा चरण II को गौतम बुद्ध नगर से लेकर बुलंदशहर के गुलावठी तक फैले कुल 55970 हेक्टेयर भूमि क्षेत्र पर विकसित करने की योजना है। मास्टर प्लान में गौतमबुद्धनगर बुलंदशहर हापुड और धौलाना के 144 गांव शामिल हैं।
शहर के विकास की योजना में 17.40 प्रतिशत भूमि आवासीय योजनाओं के लिए निर्धारित की गई है जिससे नई आवासीय परियोजनाओं को बढ़ावा मिलेगा। दूसरी ओर 4.8 प्रतिशत भूमि वाणिज्यिक केंद्रों और शॉपिंग सेंटरों के लिए आरक्षित है। सबसे खास बात यह है कि 25.4 प्रतिशत भूमि औद्योगिक परियोजनाओं के लिए आरक्षित की गई है जिससे क्षेत्र में उद्योगों के विकास को बढ़ावा मिलेगा।
इसके अलावा 10.4 प्रतिशत भूमि विश्वविद्यालयों मेडिकल कॉलेजों और इंजीनियरिंग कॉलेजों जैसे शैक्षणिक संस्थानों के लिए आरक्षित है। 13.2 प्रतिशत भूमि परिवहन सुविधाओं के लिए आरक्षित है जिसमें मेट्रो और हाई-स्पीड ट्रेन जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाएं शामिल हैं। इसके अलावा पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए 22.5 प्रतिशत भूमि हरित पट्टियों के लिए आरक्षित है।
स्मार्ट बुनियादी ढांचा और बेहतर कनेक्टिविटी
ग्रेटर नोएडा फेज 2 के मास्टर प्लान में कई स्मार्ट सुविधाओं और उत्कृष्ट कनेक्टिविटी को प्राथमिकता दी गई है। मेट्रो और हाई-स्पीड ट्रेनों जैसी परिवहन सुविधाओं से क्षेत्र की कनेक्टिविटी में और सुधार होगा। इससे न केवल यहां के निवासियों को फायदा होगा बल्कि निवेशकों के लिए भी यह एक आकर्षक अवसर साबित हो सकता है।
नई सुविधाओं के साथ-साथ स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर का भी तेजी से विकास किया जा रहा है जिससे यह क्षेत्र दिल्ली-एनसीआर में निवेश के लिए सबसे अच्छी जगह बन गया है। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के मुताबिक यहां रियल एस्टेट की मांग तेजी से बढ़ी है और आने वाले सालों में इसके और बढ़ने की संभावना है।
अंतिम मंजूरी का इंतजार है
ग्रेटर नोएडा फेज 2 का मास्टर प्लान ग्राम बोर्ड की बैठक में पास हो चुका है और इसे उत्तर प्रदेश के मुख्य नगर नियोजक की मंजूरी भी मिल चुकी है. योजना को अब अंतिम मंजूरी के लिए उत्तर प्रदेश कैबिनेट और दिल्ली-एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के पास भेजा जाएगा।
मास्टर प्लान के कार्यान्वयन से ग्रेटर नोएडा चरण II में औद्योगिक और अन्य विकास परियोजनाओं की गति में तेजी आएगी। इससे न केवल क्षेत्र का जबरदस्त विकास होगा बल्कि यहां रहने और निवेश करने वालों के लिए यह एक सुनहरा अवसर भी बन जाएगा।
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के सीईओ रवि कुमार एनजी ने कहा कि शहर के विस्तार और नई परियोजनाओं के साथ रियल एस्टेट की मांग में तेजी आई है। बेहतर कनेक्टिविटी स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर और नई सुविधाएं इसे निवेशकों के लिए एक आकर्षक विकल्प बना रही हैं।
पर्यावरण संरक्षण एवं हरित पट्टी
पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए योजना में 22.5 प्रतिशत भूमि ग्रीन बेल्ट के लिए आरक्षित की गई है। यह ग्रीन बेल्ट न केवल क्षेत्र में हरियाली को बढ़ावा देगी बल्कि प्रदूषण को कम करने में भी मदद करेगी। साथ ही निवासियों को स्वच्छ एवं हरा-भरा वातावरण मिलेगा।