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सिरसा में स्वास्थ्य सेवाओं पर बड़ा असर, पांचवें दिन भी एनएचएम कर्मियों का आंदोलन जारी

सिरसा के सभी हेल्थ वेलनेस सेंटरों पर ताले लगे हुए हैं। यूनियन के जिला प्रधान कुंदन गावडिय़ा ने बताया कि हड़ताल से 10 प्रकार की सेवाओं के साथ विभिन्न कार्यक्रम प्रभावित हो रहे हैं। खासकर टीकाकरण सेवाओं पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ रहा है क्योंकि सैकड़ों एएनएम कर्मी भी हड़ताल में शामिल हैं।
 
Health Wellness Centers

सिरसा में नेशनल हेल्थ मिशन (NHM) के तहत कार्यरत कर्मियों का आंदोलन लगातार बढ़ता जा रहा है। उनकी मांगें माने जाने तक हड़ताल जारी रखने का संकल्प लिए ये कर्मी सिविल हॉस्पिटल में धरना दे रहे हैं। मंगलवार को धरने का पांचवा दिन था और इसका असर एंबुलेंस सेवाओं से लेकर टीकाकरण और अन्य स्वास्थ्य सेवाओं पर साफ दिखाई दे रहा है।

जिले के सभी हेल्थ वेलनेस सेंटरों पर ताले लगे हुए हैं। यूनियन के जिला प्रधान कुंदन गावडिय़ा ने बताया कि हड़ताल से 10 प्रकार की सेवाओं के साथ विभिन्न कार्यक्रम प्रभावित हो रहे हैं। खासकर टीकाकरण सेवाओं पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ रहा है क्योंकि सैकड़ों एएनएम कर्मी भी हड़ताल में शामिल हैं।

एनएचएम कर्मियों की प्रमुख मांगें

  • नियमितीकरण: एनएचएम कर्मचारियों को नियमित किया जाए।
  • एलटीसी, ग्रेचुएटी, अर्जित अवकाश, शिशु देखभाल अवकाश, अनुकंपा सहायता: नियमितीकरण तक इन सुविधाओं को प्रदान किया जाए।
  • हरियाणा सिविल सर्विस रूल 2016 का लागू होना: सेवा सुरक्षा प्रदान करने के लिए इसे लागू किया जाए।
  • सातवां वेतन आयोग: सातवें वेतन आयोग का लाभ दिया जाए।
  • आंदोलन की अवधि का वेतन: वर्ष 2017 से 2022 तक एनएचएम कर्मचारियों द्वारा किए गए आंदोलन की अवधि का वेतन ड्यूटी अवधि मानते हुए जारी किया जाए।
  • कैशलेस मेडिकल सुविधा: कर्मचारियों को कैशलेस मेडिकल सुविधा का लाभ प्रदान किया जाए।

आंदोलन का स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रभाव

एनएचएम कर्मियों की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाओं पर व्यापक प्रभाव पड़ा है। एंबुलेंस सेवाओं के बाधित होने से गंभीर मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचाने में कठिनाई हो रही है। टीकाकरण सेवाएं पूरी तरह से ठप हैं जिससे छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य खतरे में पड़ सकता है।

जिला के हेल्थ वेलनेस सेंटरों पर ताले लगे होने से वहां की सारी गतिविधियां बंद हो गई हैं। गावडिय़ा का कहना है कि उनकी मांगें माने जाने तक हड़ताल जारी रहेगी और जब तक सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती तब तक आंदोलन समाप्त नहीं होगा।

सरकार की प्रतिक्रिया

सरकार की तरफ से अभी तक कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं आई है जिससे कर्मियों में नाराजगी है। एनएचएम कर्मियों का कहना है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे। कर्मियों की यह मांगें जायज हैं और उन्हें पूरा करने के लिए सरकार को जल्द से जल्द कदम उठाने की आवश्यकता है।

स्वास्थ्य सेवाओं की बहाली

स्वास्थ्य सेवाओं की बहाली के लिए आवश्यक है कि सरकार और एनएचएम कर्मचारी संघ के बीच संवाद स्थापित हो और उनकी मांगों पर विचार किया जाए। कर्मियों का नियमितीकरण और वेतन संबंधी मांगें महत्वपूर्ण हैं और इन्हें पूरा करने से ही स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति में सुधार आ सकता है।

सरकार को चाहिए कि वह जल्द से जल्द इस मुद्दे को सुलझाए ताकि जनता को स्वास्थ्य सेवाओं की कमी का सामना न करना पड़े। साथ ही एनएचएम कर्मचारियों को भी अपने हड़ताल को शांतिपूर्ण तरीके से जारी रखना चाहिए और सरकार के साथ बातचीत के जरिए समाधान निकालने का प्रयास करना चाहिए।