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Poonam Gautam Success Story - कठिनाइयों से भरी ज़िन्दगी के बावजूद कैसे पूनम गौतम बनीं एसडीएम, जानें संघर्ष भरी कहानी

पूनम गौतम की पढ़ाई हिंदी मीडियम से हुई थी। जब उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी करने का फैसला किया तो कुछ लोगों ने उन्हें हतोत्साहित करने की पूरी कोशिश की। इन नकारात्मक लोगों का कहना था कि यूपी बोर्ड (UP Board) से पढ़ने वाली पूनम के लिए सफलता हासिल करना मुश्किल होगा।
 
Poonam Gautam Success Story

Poonam Gautam Success Story - कहते हैं कि अगर आप कुछ करने की ठान लें तो कोई भी ताकत आपको अपनी मंजिल तक पहुंचने से नहीं रोक सकती। आज हम इसी कहावत को साकार करने वाली पूनम गौतम की प्रेरणादायक कहानी (poonam gautam story) आपके सामने ला रहे हैं। शादीशुदा ज़िंदगी और छोटे बच्चे की देखभाल करते हुए भी उन्होंने एसडीएम (SDM) बनने का सपना पूरा किया। उनकी इस सफलता के पीछे एक लंबा संघर्ष और दृढ़ संकल्प है जिसे जानकर आप भी प्रेरित हो जाएंगे।

पूनम गौतम की पढ़ाई हिंदी मीडियम से हुई थी। जब उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी करने का फैसला किया तो कुछ लोगों ने उन्हें हतोत्साहित करने की पूरी कोशिश की। इन नकारात्मक लोगों का कहना था कि यूपी बोर्ड (UP Board) से पढ़ने वाली पूनम के लिए सफलता हासिल करना मुश्किल होगा। लेकिन पूनम ने इन सब बातों को नजरअंदाज किया और नकारात्मक सोच रखने वाले लोगों से दूरी बना ली।

उन्होंने अपने संघर्ष के बावजूद यूपीपीसीएस (UPPCS) की परीक्षा की तैयारी शुरू की और दिल्ली जाकर अपना सारा ध्यान अपनी पढ़ाई पर केंद्रित किया। इस दौरान उनकी एक छोटी बच्ची भी थी जिसे छोड़कर तैयारी करना उनके लिए आसान नहीं था। लेकिन उन्होंने अपनी ममता के साथ-साथ अपने सपने को भी जीया। जब वे दिल्ली में तैयारी कर रही थीं तो अपनी बच्ची को याद कर कई बार रोती थीं लेकिन उन्होंने यह सब बेहतर भविष्य के लिए सहन किया।

पूनम गौतम ने सबसे पहले अपने सिलेबस के अनुसार स्टडी मैटेरियल तैयार किया और फिर अपनी सफलता के लिए एक सटीक रणनीति (Strategy) बनाई। इस रणनीति में उन्होंने प्री मेन्स और इंटरव्यू की तैयारी को अलग-अलग तरीके से किया। इसके साथ ही उन्होंने सेल्फ कॉन्फिडेंस (Self Confidence) को हमेशा हाई रखा और सकारात्मक रवैया (Positive Attitude) बनाए रखा।

इस दौरान कई बार उन्हें असफलता का भी सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हर असफलता से कुछ न कुछ सीखा और उसे अपने लिए एक नया मौका बनाया। उनकी यह दृढ़ता और संकल्प ही उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाने में सफल रही।

पूनम गौतम का मानना है कि सिविल सेवा की तैयारी के दौरान सबसे जरूरी है एक अच्छा माहौल बनाना और नकारात्मक लोगों से दूरी बनाए रखना। इसके अलावा अगर आपको घर से बाहर रहकर तैयारी करनी पड़े तो उसके लिए भी तैयार रहें और अपनी प्लानिंग को सटीक रखें।

वे कहती हैं कि तैयारी करते समय हमेशा अपने टारगेट पर फोकस करें और कड़ी मेहनत से कभी पीछे न हटें। इसके अलावा, रणनीति बनाते समय अपनी क्षमताओं का भी आकलन करें और एक बार जो रणनीति बनाई हो उस पर दृढ़ता से अमल करें। सफलता का रास्ता आसान नहीं होता लेकिन अगर आप अपनी मेहनत और संकल्प से उसे पार करने की ठान लें तो कोई भी ताकत आपको रोक नहीं सकती।

पूनम गौतम की सफलता की कहानी इसलिए भी खास है क्योंकि उन्होंने समाज के तानों और आलोचनाओं का बहादुरी से सामना किया। जब भी वे अपने बच्चे को छोड़कर तैयारी करने के लिए दिल्ली गईं तब लोगों ने उनकी ममता पर सवाल उठाए और उन्हें ताने मारे। लेकिन उन्होंने समाज की इन बातों को अपने आत्मविश्वास और मेहनत के रास्ते में बाधा नहीं बनने दिया।

उन्होंने यह साबित किया कि एक माँ अपने बच्चे के लिए बेहतर भविष्य की नींव रखने के लिए अपने सपनों को भी जी सकती है। पूनम की यह सोच और हिम्मत उन्हें एक प्रेरणास्रोत बनाती है खासकर उन महिलाओं के लिए जो अपने सपनों को समाज के डर से पूरा नहीं कर पातीं।