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Ram Rahim Parole : राम रहीम को अस्थाई पैरोल मिलने पर कांग्रेस की चिंता, चुनाव आयोग से की शिकायत

कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया है कि चुनाव आचार संहिता (MCC) के प्रभाव में होने के कारण राम रहीम की रिहाई को रोका जाए। उन्होंने कहा कि इस तरह की पैरोल से चुनावों में असमानता हो सकती है और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया को नुकसान पहुंच सकता है।
 
Ram Rahim Parole

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के नजदीक आते ही राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। मंगलवार 1 अक्टूबर 2024 को हरियाणा कांग्रेस ने विवादित डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को मिलने वाली अस्थाई पैरोल के खिलाफ चुनाव आयोग (ECI) को पत्र लिखा है। कांग्रेस ने अपनी आशंका जताई कि राम रहीम की अस्थाई रिहाई हरियाणा के मतदाताओं को प्रभावित कर सकती है और चुनावी प्रक्रिया पर इसका गहरा असर हो सकता है।

कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया है कि चुनाव आचार संहिता (MCC) के प्रभाव में होने के कारण राम रहीम की रिहाई को रोका जाए। उन्होंने कहा कि इस तरह की पैरोल से चुनावों में असमानता हो सकती है और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया को नुकसान पहुंच सकता है।

राम रहीम की रिहाई

कांग्रेस द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया "हरियाणा सरकार जो कि बीजेपी द्वारा चलाई जा रही है राम रहीम को चुनाव से ठीक पहले अस्थाई पैरोल देने जा रही है। ऐसे में राम रहीम जो कि एक धार्मिक नेता हैं और उनकी व्यापक अनुयायी संख्या है वोटरों को प्रभावित कर सकते हैं।" पार्टी ने इसके मद्देनजर चुनाव आयोग से इस पर जल्द से जल्द उचित आदेश जारी करने की मांग की।

Ram Rahim Parole

कांग्रेस ने यह भी कहा कि चुनाव आचार संहिता लागू होने के बावजूद यदि गुरमीत राम रहीम को पैरोल दी जाती है तो यह चुनाव प्रक्रिया पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। पत्र में लिखा गया "चुनाव आचार संहिता के दौरान श. राम रहीम को पैरोल न दी जाए इस पर चुनाव आयोग द्वारा तुरंत आदेश पारित किया जाना चाहिए।"

चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया

हरियाणा के मुख्य चुनाव अधिकारी (CEO) पंकज अग्रवाल ने सोमवार 30 सितंबर 2024 को इस मामले पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राम रहीम की अस्थाई पैरोल की याचिका पर विचार कर सकती है। अग्रवाल ने कहा "मैंने राज्य के अधिकारियों से रिपोर्ट मिलने के बाद उनकी (राम रहीम की) आपातकालीन पैरोल की मांग पर विचार करने की सिफारिश की है बशर्ते कि जो कारण उन्होंने बताए हैं वे सही हों और रिहाई के लिए आवश्यक शर्तें पूरी हों।"

इसके पहले शनिवार को हरियाणा के जेल अधिकारियों ने चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण राम रहीम की 20 दिनों की अस्थाई रिहाई के लिए CEO से मंजूरी मांगी थी। इसके जवाब में चुनाव अधिकारी ने जेल प्रशासन से पूछा था कि ऐसे "अत्यावश्यक" हालात क्या हैं जिनके चलते राम रहीम की रिहाई आवश्यक है।

चुनावी माहौल के बीच कांग्रेस की मांग

हरियाणा विधानसभा चुनाव 5 अक्टूबर 2024 को होने वाले हैं और चुनावी माहौल पहले से ही काफी गर्म है। राम रहीम जैसे विवादास्पद धार्मिक नेता की अस्थाई रिहाई को लेकर कांग्रेस ने चिंता जताई है कि इससे बीजेपी को चुनावी लाभ मिल सकता है। यह मुद्दा राजनीतिक हलकों में एक बड़ा सवाल बन गया है कि क्या किसी धार्मिक नेता की रिहाई से मतदाताओं का फैसला प्रभावित हो सकता है।

अब यह देखना बाकी है कि चुनाव आयोग इस पर क्या कदम उठाता है और हरियाणा सरकार राम रहीम की पैरोल के मुद्दे पर क्या निर्णय लेती है। चुनाव आचार संहिता के दौरान इस तरह की रिहाई को लेकर राजनीतिक दृष्टिकोण से यह मामला काफी गंभीर हो गया है।