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Rania Assembly Elections : सिरसा की रानिया विधानसभा सीट पर चौटाला परिवार में खींचतान, जुबानी जंग से चुनावी मैदान हुआ गर्म

Rania News : इंडियन नेशनल लोकदल (Indian National Lok Dal) के नेता अभय चौटाला के बेटे अर्जुन चौटाला (Arjun Chautala) इस बार रानिया से INLD के उम्मीदवार होंगे। वहीं उनके रिश्तेदार और मौजूदा कैबिनेट मंत्री रणजीत सिंह (Cabinet Minister Ranjit Singh Chautala) भी इस सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं।
 
Rania Assembly Elections

Delhi highlights, चंडीगढ़ : हरियाणा की राजनीति में इस बार रानिया विधानसभा सीट (Rania Assembly Seat) पर एक दिलचस्प और कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है। चौटाला परिवार (Chautala family) के दो प्रमुख सदस्य इस चुनाव में एक-दूसरे के आमने-सामने हो सकते हैं। इंडियन नेशनल लोकदल (Indian National Lok Dal) के नेता अभय चौटाला के बेटे अर्जुन चौटाला (Arjun Chautala) इस बार रानिया से INLD के उम्मीदवार होंगे। वहीं उनके रिश्तेदार और मौजूदा कैबिनेट मंत्री रणजीत सिंह (Cabinet Minister Ranjit Singh Chautala) भी इस सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं।

इस बार की चुनावी होड़ को और भी रोमांचक बना रहा है भाजपा नेता गोविंद कांडा के बेटे धवल कांडा का चुनावी मैदान में उतरना। धवल कांडा हरियाणा लोकहित पार्टी (HLP) के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं जो कि गोपाल कांडा की पार्टी है। दूसरी ओर कांग्रेस ने अभी तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है लेकिन यह देखना बाकी है कि वे किसे चुनावी मैदान में उतारेंगे।

जुबानी जंग से चुनावी मैदान हुआ गर्म

जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं रानिया में जुबानी जंग भी तेज हो गई है। सोमवार को रानिया में अपने बेटे अर्जुन चौटाला के कार्यालय के उद्घाटन के दौरान अभय चौटाला ने अपने चाचा और मौजूदा विधायक रणजीत चौटाला पर तीखा हमला बोला। अभय ने आरोप लगाया कि रणजीत चौटाला ने पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के नाम पर वोट तो मांगे लेकिन उन्होंने उनकी नीतियों को जनसेवा के लिए लागू नहीं किया। इस वजह से रानिया के लोग खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।

अभय चौटाला ने रणजीत चौटाला पर आरोप लगाया कि उन्होंने रानिया क्षेत्र को बर्बादी के कगार पर पहुंचा दिया है। उन्होंने लोगों से वादा किया कि अगर इनेलो-बसपा गठबंधन सत्ता में आया तो वे क्षेत्र में नहरों और जलमार्गों के नेटवर्क को पुनर्जीवित करेंगे। उन्होंने अपने पिता ओपी चौटाला के कार्यकाल को याद किया और कहा कि ‘सरकार आपके द्वार’ कार्यक्रम के माध्यम से लोगों के मुद्दों को सीधे उनके दरवाजे पर संबोधित किया जाता था। अभय ने मौजूदा राज्य सरकार की भी आलोचना की जिसमें उन्होंने सिरसा में मेडिकल कॉलेज की आधारशिला को तीन बार रखने के बावजूद अभी तक एक भी ईंट न रखने की बात कही।

इनेलो-बसपा गठबंधन का भविष्य

अभय चौटाला का मानना है कि उनकी पार्टी की कल्याणकारी नीतियों के कारण इनेलो-बसपा गठबंधन राज्य में अगली सरकार बनाएगा। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी की नीतियाँ हमेशा से जनता के हित में रही हैं और वे जनता के साथ जुड़ाव को प्राथमिकता देते हैं। अभय ने अपने कार्यकर्ताओं को भरोसा दिलाया कि जो पुलिस अधिकारी उन्हें परेशान कर रहे हैं उन्हें सत्ता में आने के बाद जवाबदेह ठहराया जाएगा।

रणजीत सिंह का मुकाबला

रणजीत सिंह जो कि मौजूदा कैबिनेट मंत्री हैं ने भी अपनी चुनावी तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। उन्होंने रानिया से एक बार फिर चुनाव लड़ने की घोषणा की है और वे भी अपने चुनावी प्रचार में जुट गए हैं। रणजीत सिंह का कहना है कि वे अपने काम के आधार पर चुनाव लड़ेंगे और जनता के सामने अपने कामकाज का हिसाब देंगे।

रणजीत सिंह का राजनीतिक करियर लंबा और समृद्ध है। वे पूर्व विधायक रह चुके हैं और उन्होंने इस क्षेत्र के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। रणजीत सिंह ने अपने कार्यकाल के दौरान क्षेत्र में कई विकास परियोजनाएँ शुरू कीं और उनका दावा है कि उन्होंने क्षेत्र के लोगों की समस्याओं का समाधान किया है।

भाजपा और HLP का गठबंधन

भाजपा नेता गोविंद कांडा के बेटे धवल कांडा भी इस बार चुनावी मैदान में हैं। धवल कांडा गोपाल कांडा की हरियाणा लोकहित पार्टी (HLP) के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा और HLP के गठबंधन ने इस चुनावी मुकाबले को और भी दिलचस्प बना दिया है।

धवल कांडा ने अपनी चुनावी तैयारियाँ शुरू कर दी हैं और वे अपने प्रचार अभियान में जुट गए हैं। उनकी पार्टी का दावा है कि वे इस बार रानिया सीट पर जीत दर्ज करेंगे और क्षेत्र के विकास के लिए काम करेंगे। धवल कांडा का कहना है कि वे युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों का सृजन करेंगे और क्षेत्र के विकास को प्राथमिकता देंगे।

कांग्रेस की रणनीति

कांग्रेस ने अभी तक अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है लेकिन उम्मीद की जा रही है कि वे जल्द ही अपने उम्मीदवार का ऐलान करेंगे। कांग्रेस इस चुनाव में भी एक मजबूत दावेदार के रूप में उभर सकती है क्योंकि पार्टी का राज्य में अच्छा खासा जनाधार है। कांग्रेस की रणनीति और उम्मीदवार की घोषणा के बाद ही यह साफ हो सकेगा कि वे किस तरह से इस मुकाबले में अपनी भूमिका निभाएंगे।